दरभंगा: स्वयंसेवी संगठन कबीर सेवा संस्थान (Kabir Seva Sansthan) ने मानवता की मिसाल (example of humanity) पेश की है. जो काम किसी बेटे या करीबी परिजन को करना चाहिए था उसे संस्थान के स्वयंसेवकों ने अंजाम दिया. संस्थान के लोगों ने कोरोना से मृत (Dead From Corona) 88 लोगों के अस्थि कलश को बेगूसराय के सिमरिया घाट पर सम्मान के साथ गंगा में विसर्जित किया और मृतात्माओं की मुक्ति की कामना की.
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दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में अपनों ने भी साथ देना छोड़ दिया था. संक्रमित होने के बाद जैसे-तैसे परिजन ने मरीज को अस्पताल में भर्ती तो करा दिया लेकिन बाद में यह देखने तक नहीं पहुंचे की वह जिंदा है भी या नहीं. मौत के बाद रिश्तेदारों ने जब शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो कबीर सेवा संस्थान ने लोगों ने ना सिर्फ दाह संस्कार किया बल्कि अस्थि कलश विसर्जन भी किया.
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कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार
कबीर सेवा संस्था के सदस्य नवीन सिन्हा ने बताया कि मुक्तिधाम श्मशान घाट पर कोरोना से मृत 134 लोगों की अंत्येष्टि की गई. इनमें से 37 शवों के अस्थि कलश परिजन नहीं ले जा सके. जबकि 51 ऐसे अस्थि कलश थे जिनमें संशय की स्थिति थी कि उनके परिजन उन्हें ले गए या नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसे अस्थि कलशों के परिजनों ने रजिस्टर पर एंट्री नहीं की थी. सभी 88 अस्थि कलशों को लेकर संस्थान की ओर से मंटू यादव, सुरेन्द्र महतो, मुकेश राय और पप्पू प्रधान सिमरिया के गंगा घाट गए.
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"इन सभी अस्थि कलशों को धार्मिक रीति-रिवाज के साथ गंगा में प्रवाहित किया गया. उसके बाद गंगा घाट पर ही सभी मृतकों का सामुहिक श्राद्ध विधि-विधान से कराया गया. उन्होंने बताया कि 2 मृतकों का स्पष्ट नाम, पता नहीं है. इसलिए उनके अस्थि कलशों को अभी सुरक्षित रखा गया है." - नवीन सिन्हा, सदस्य, कबीर सेवा संस्था
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भोज का आयोजन
नवीन सिन्हा ने बताया कि मंगलवार की शाम मुक्तिधाम श्मशान घाट बांध पर कोरोना से मृत सभी 134 लोगों की आत्मा की शांति के शांति के लिए दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन कबीर सेवा संस्थान और मुक्तिधाम जीर्णोद्धार समिति की ओर से संयुक्त रूप से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दरिद्र नारायण भोज में मृतकों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है, जो अपने हाथों से दरिद्र नारायण को भोजन कराएंगे और मृतात्मा की मुक्ति की प्रार्थना करेंगे.
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नवीन सिन्हा ने बताया कि इससे पूर्व शनिवार को कोरोना से मृत मुस्लिम धर्म के लोगों के इसाले शबाब के लिए कुरानखानी का इंतजाम अंजुमन कारवां-ए-मिल्लत की ओर से शहर के फैजुल्लाखान मोहल्ले में किया गया था. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में 2 दर्जन से अधिक ऐसे मुस्लिम शवों को अंजुमन कारवां-ए-मिल्लत, अंजुमन खुदाम-ए-मिल्लत और कबीर सेवा संस्थान के सहयोग से सुपुर्द-ए-खाक किया गया जिनके परिजन किसी न किसी कारण से नहीं पहुंच सके थे.
कोरोना से अब कितनी हुई मौतें?
बता दें कि सूबे में कोरोना (Corona in Bihar) की दूसरी लहर में अब नए मरीजों की संख्या में कमी होने लगी है. सोमवार को राज्य में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के 245 नए मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले 24 घंटे के दौरान 410 मरीज संक्रमण से मुक्त भी हुए. इस दौरान 7 संक्रमितों की मौत हुई है. जहां दरभंगा में 8 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 3016 तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान राज्य में 7 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई. राज्य में अब संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 9,557 तक पहुंच गया है.
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