दरभंगा: ऑल इंडिया नॉन बैकिंग जमाकर्ता संघ ने अपनी पांच सूत्री मांग को लेकर दरभंगा स्टेशन पर दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति को जाम कर प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों ने मांग की कि सभी नॉन बैकिंग कंपनियों में तमाम जमाकर्ता के रुपयों के अविलंब भुगतान की प्रकिया शुरू की जाए. ऐसा नहीं हुआ तो इस आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा. हालांकि रेल का चक्का जाम की खबर सुनते ही मौके पर स्टेशन अधीक्षक और आरपीएफ की टीम पहुंचकर आंदोलनकारियों से बात कर रेल परिचालन को बहाल करवाया.
आंदोलनकारियों की पांच सूत्री मांग
1. सभी नॉन बैंकिंग कंपनियों में तमाम जमाकर्ता का जमाधन अविलंब भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू की जाए.
2. नॉन बैंकिंग कंपनी से जुड़े कार्यकर्ता को किसी प्रकार का दोषी नहीं मानते हुए उन पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए.
3. जमाकर्ता को भुगतान सेवी के माध्यम से नहीं कराकर डायरेक्ट कंपनी के माध्यम से शाखा खुलवाकर न्यायालय की निगरानी में की जाए.
4. नॉन बैंकिंग कंपनी से जुड़े कार्यकर्ताओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाए.
5. विगत 6 वर्षों से तमाम चिटफंड कंपनियों से आर्थिक रूप से गरीब जमाकर्ता के द्वारा किए गए आत्महत्या पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए.
आत्महत्या करने पर विवश हैं जमाकर्ता
आंदोलनकारी उपेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि बिहार और पूरे देश में 10 वर्ष पहले जो नॉन बैंकिंग कंपनी आई और सरकार ने उसे लाइसेंस दिया. कंपनियों ने लोगों से पैसे की उगाही की और 6 वर्ष पहले यहां से भाग गई. जिसके चलते तमाम गरीब आदमी आज आत्महत्या करने पर विवश हैं. इसीलिए आज हम लोगों ने पूरे बिहार में रेल रोको आंदोलन चलाया है. ताकि केंद्र और राज्य सरकार का ध्यान इस ओर जाए.
सरकार से कार्रवाई की मांग
उपेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि आज जिस तरह से किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया है, गरीबी के चलते, उसी प्रकार से नॉन बैंकिंग जमाकर्ता जो गरीब परिवार से एक-एक पैसा जमा करके अपनी बेटी की शादी के लिए या फिर बच्चे की पढ़ाई के लिए जमा किया, वे भटक रहे हैं. इसके लिए संपूर्ण रूप से बंगाल सरकार जिम्मेदार है और साथ ही केंद्र और राज्य सरकार भी दोषी है. क्योंकि इन्होंने ही लाइसेंस दिया था. इसीलिए आज हम लोग पूरे बिहार में 5 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.