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दरभंगा: एसटीइटी रद्द किए जाने के फैसले से छात्र संगठन नाराज, कई स्थानों पर किया धरना-प्रदर्शन - आइसा

विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द किए जाने का फैसला वापस लेने की मांग समेत 10 सूत्री मांगों के समर्थन में आइसा से जुड़े छात्रों ने सरकार के खिलाफ धरना दिया.

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Published : May 26, 2020, 10:53 PM IST

दरभंगा: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़े छात्रों ने जिला कार्यालय समेत कई स्थानों पर मंगलवार को सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द किए जाने का फैसला वापस लेने की मांग समेत 10 सूत्री मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ धरना दिया. इसमें दर्जनों छात्र शामिल हुए.

आइसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने बताया कि धरना के माध्यम से एसटीइटी की परीक्षा रद्द करने का फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही रिक्त पड़े शिक्षकों के सभी पदों को अविलंब भरने, ऑनलाइन क्लास के लिए सभी छात्रों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा देने की मांग की गई है. वहीं धरना प्रदर्शन के जरिए छात्रों का एजुकेशन लोन माफ करने, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं की फीस माफ करने आदि की मांग की गई है.

सभी छात्र-छात्राओं के रूम रेंट हो माफ
वहीं आइसा के जिला सचिव विशाल मांझी ने कहा कि आज कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है. इस स्थिति में सरकार ने अभी तक छात्रों के लिए कोई सुविधा की घोषणा नहीं की है. छात्र कोरोना महामारी के कारण अपने अपने घरों में हैं लेकिन अभी तक उंनके लॉज और होस्टल की रेंट माफ नही हुई है. मंगलवार को प्रदर्शन के जरिए उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के रूम रेंट को माफ करने की मांग की. इस मौके पर मोहम्मद शहाबुद्दीन, मोहम्मद नेयाज, मिथिलेश कुमार पासवान, राजन कुमार पासवान, सुधीर कुमार, राहुल कुमार, शेखर कमती और रौनक कुमार यादव शामिल आदि शामिल थे.

दरभंगा: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़े छात्रों ने जिला कार्यालय समेत कई स्थानों पर मंगलवार को सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द किए जाने का फैसला वापस लेने की मांग समेत 10 सूत्री मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ धरना दिया. इसमें दर्जनों छात्र शामिल हुए.

आइसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने बताया कि धरना के माध्यम से एसटीइटी की परीक्षा रद्द करने का फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही रिक्त पड़े शिक्षकों के सभी पदों को अविलंब भरने, ऑनलाइन क्लास के लिए सभी छात्रों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा देने की मांग की गई है. वहीं धरना प्रदर्शन के जरिए छात्रों का एजुकेशन लोन माफ करने, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं की फीस माफ करने आदि की मांग की गई है.

सभी छात्र-छात्राओं के रूम रेंट हो माफ
वहीं आइसा के जिला सचिव विशाल मांझी ने कहा कि आज कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है. इस स्थिति में सरकार ने अभी तक छात्रों के लिए कोई सुविधा की घोषणा नहीं की है. छात्र कोरोना महामारी के कारण अपने अपने घरों में हैं लेकिन अभी तक उंनके लॉज और होस्टल की रेंट माफ नही हुई है. मंगलवार को प्रदर्शन के जरिए उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के रूम रेंट को माफ करने की मांग की. इस मौके पर मोहम्मद शहाबुद्दीन, मोहम्मद नेयाज, मिथिलेश कुमार पासवान, राजन कुमार पासवान, सुधीर कुमार, राहुल कुमार, शेखर कमती और रौनक कुमार यादव शामिल आदि शामिल थे.

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