दरभंगा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की शोध शाखा में तालाबंदी कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. एबीवीपी के छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में पीआरटी परीक्षा के रिजल्ट में दिव्यांगों और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र-छात्राओं को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. इस आंदोलन में दिव्यांग और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र भी शामिल हुए.
इतिहास विषय से पीआरटी परीक्षा में बैठे एक दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र सुनील कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने सरकार के नियमों के अनुसार दृष्टिबाधित दिव्यांग श्रेणी में पीआरटी परीक्षा के लिए आवेदन किया था. उनसे आरक्षित श्रेणी के तहत फीस में छूट का लाभ देते हुए फॉर्म भरवाया गया था, लेकिन जब पीआरटी परीक्षा का रिजल्ट आया तो उन्हें सामान्य श्रेणी के छात्र में शामिल कर फेल घोषित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीआरटी का रिजल्ट घोषित करने में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया और रोस्टर के अनुसार रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय में कुलपति से मिलने जाते हैं तो उन्हें बार-बार भगा दिया जाता है.
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वहीं, इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एबीवीपी के छात्र प्रतीक कुमार झा ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र-छात्राओं और दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. उन्होंने कहा कि जब सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े और दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है तो फिर विश्वविद्यालय उसके अनुसार रोस्टर का पालन क्यों नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानेगा तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे.