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क्या BJP में शामिल होंगे मांझी का साथ छोड़ने वाले दानिश रिजवान?

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जीतनराम मांझी का साथ छोड़ने वाले दानिश रिजवान का अगला ठिकाना कहां होगा, इसको लेकर अटकलें तेज है. सियासी गलियारों से मिल रही खबरों के मुताबिक वे महागठबंधन के हिस्सा नहीं रहेंगे. इसका मतलब ये है कि वे एनडीए में इंट्री मार सकते हैं.

rizwan
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Published : Feb 9, 2019, 2:37 AM IST

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता के तौर पर कम ही समय में पार्टी का चर्चित चेहरा बने दानिश रिजवान ने सबको चौंकाते हुए बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी. अब सवाल है कि वे जाएंगे कहां? वैसे तो उन्होंने अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि कहां जाएंगे, लेकिन ये तय माना जा रहा है कि वे एनडीए में शामिल होंगे.

दानिश रिजवान, पूर्व प्रवक्ता, हम

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महागठबंधन से अलग रास्ता
चूकि उन्होंने हम छोड़ दिया है और कई मसलों पर पार्टी के रुख पर असहमति जाहिर कर चुके हैं, ऐसे में ये स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे. अहम बात ये भी है कि हाल में कांग्रेस की रैली के दौरान अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने रैली को फ्लॉप बताया था, लिहाजा महागठबंधन से इतर वे एनडीए का रुख कर सकते हैं.
बीजेपी में शामिल होंगे दानिश?
अगर वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे तो जाहिर है कि वे दूसरे खेमे में जाएंगे. अब चूकि तीसरे मोर्चे की कोई संभावना है नहीं, लिहाजा ये भी तय मानिए कि वे एनडीए में जाएंगे. यहां भी इस बात की प्रबल संभावना है कि वे जेडीयू के बजाय बीजेपी में जाना पसंद करेंगे.
दानिश के माथे पर जड़ेगा 'कमल'
दरअसल, दानिश रिजवान के लिए जेडीयू से ज्यादा बेहतर प्लेटफॉर्म बीजेपी साबित हो सकती है. एक तो बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है, जिस वजह से मौके और कैनवास ज्यादा बड़े होंगे. दूसरी अहम बात मुस्लिम चेहरा होने के नाते बीजेपी में वे भीड़ से इतर अलग पहचान बनाने में कामयाब हो सकते हैं.
शाह के संपर्क में दानिश!
माना जा रहा है कि बीजेपी में इंट्री को लेकर दानिश की बात करीब-करीब फाइनल हो चुकी है. जल्द ही औपचारिक ऐलान भी हो जाएगा. सूत्र बताते हैं कि दानिश काफी समय से बीजेपी नेताओं से बातचीत कर रहे थे. चर्चा तो इस बात की भी है कि वे सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संपर्क में हैं.
वृषिण को ठहराया था जिम्मेदार
दानिश रिजवान ने जीतनराम मांझी को जो इस्तीफानामा भेजा, उसमें लिखा है, 'कुछ दिनों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के द्वारा अपने चंद लोगों के साथ मिलकर न केवल दल विरोधी कार्य किया जा रहा है बल्कि पैसे की लूट मची हुई है. मैंने आपके सानिध्य में राजनीति सीखी है, आपने हमेशा गरीबों के हक़-हक़ूक की बात कही है.'

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता के तौर पर कम ही समय में पार्टी का चर्चित चेहरा बने दानिश रिजवान ने सबको चौंकाते हुए बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी. अब सवाल है कि वे जाएंगे कहां? वैसे तो उन्होंने अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि कहां जाएंगे, लेकिन ये तय माना जा रहा है कि वे एनडीए में शामिल होंगे.

दानिश रिजवान, पूर्व प्रवक्ता, हम

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महागठबंधन से अलग रास्ता
चूकि उन्होंने हम छोड़ दिया है और कई मसलों पर पार्टी के रुख पर असहमति जाहिर कर चुके हैं, ऐसे में ये स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे. अहम बात ये भी है कि हाल में कांग्रेस की रैली के दौरान अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने रैली को फ्लॉप बताया था, लिहाजा महागठबंधन से इतर वे एनडीए का रुख कर सकते हैं.
बीजेपी में शामिल होंगे दानिश?
अगर वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे तो जाहिर है कि वे दूसरे खेमे में जाएंगे. अब चूकि तीसरे मोर्चे की कोई संभावना है नहीं, लिहाजा ये भी तय मानिए कि वे एनडीए में जाएंगे. यहां भी इस बात की प्रबल संभावना है कि वे जेडीयू के बजाय बीजेपी में जाना पसंद करेंगे.
दानिश के माथे पर जड़ेगा 'कमल'
दरअसल, दानिश रिजवान के लिए जेडीयू से ज्यादा बेहतर प्लेटफॉर्म बीजेपी साबित हो सकती है. एक तो बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है, जिस वजह से मौके और कैनवास ज्यादा बड़े होंगे. दूसरी अहम बात मुस्लिम चेहरा होने के नाते बीजेपी में वे भीड़ से इतर अलग पहचान बनाने में कामयाब हो सकते हैं.
शाह के संपर्क में दानिश!
माना जा रहा है कि बीजेपी में इंट्री को लेकर दानिश की बात करीब-करीब फाइनल हो चुकी है. जल्द ही औपचारिक ऐलान भी हो जाएगा. सूत्र बताते हैं कि दानिश काफी समय से बीजेपी नेताओं से बातचीत कर रहे थे. चर्चा तो इस बात की भी है कि वे सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संपर्क में हैं.
वृषिण को ठहराया था जिम्मेदार
दानिश रिजवान ने जीतनराम मांझी को जो इस्तीफानामा भेजा, उसमें लिखा है, 'कुछ दिनों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के द्वारा अपने चंद लोगों के साथ मिलकर न केवल दल विरोधी कार्य किया जा रहा है बल्कि पैसे की लूट मची हुई है. मैंने आपके सानिध्य में राजनीति सीखी है, आपने हमेशा गरीबों के हक़-हक़ूक की बात कही है.'
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता के तौर पर कम ही समय में पार्टी का चर्चित चेहरा बने दानिश रिजवान ने सबको चौंकाते हुए बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी. अब सवाल है कि वे जाएंगे कहां? वैसे तो उन्होंने अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया है कि कहां जाएंगे, लेकिन ये तय माना जा रहा है कि वे एनडीए में शामिल होंगे.

महागठबंधन से अलग रास्ता 

चूकि उन्होंने हम छोड़ दिया है और कई मसलों पर पार्टी के रुख पर असहमति जाहिर कर चुके हैं, ऐसे में ये स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे. अहम बात ये भी है कि हाल में कांग्रेस की रैली के दौरान अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने रैली को फ्लॉप बताया था, लिहाजा महागठबंधन से इतर वे एनडीए का रुख कर सकते हैं.

बीजेपी में शामिल होंगे दानिश?

अगर वे महागठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे तो जाहिर है कि वे दूसरे खेमे में जाएंगे. अब चूकि तीसरे मोर्चे की कोई संभावना है नहीं, लिहाजा ये भी तय मानिए कि वे एनडीए में जाएंगे. यहां भी इस बात की प्रबल संभावना है कि वे जेडीयू के बजाय बीजेपी में जाना पसंद करेंगे.

दानिश के माथे पर जड़ेगा 'कमल'

दरअसल, दानिश रिजवान के लिए जेडीयू से ज्यादा बेहतर प्लेटफॉर्म बीजेपी साबित हो सकती है. एक तो बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है, जिस वजह से मौके और कैनवास ज्यादा बड़े होंगे. दूसरी अहम बात मुस्लिम चेहरा होने के नाते बीजेपी में वे भीड़ से इतर अलग पहचान बनाने में कामयाब हो सकते हैं. 

शाह के संपर्क में दानिश!

माना जा रहा है कि बीजेपी में इंट्री को लेकर दानिश की बात करीब-करीब फाइनल हो चुकी है. जल्द ही औपचारिक ऐलान भी हो जाएगा. सूत्र बताते हैं कि दानिश काफी समय से बीजेपी नेताओं से बातचीत कर रहे थे. चर्चा तो इस बात की भी है कि वे सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संपर्क में हैं. 

वृषिण को ठहराया था जिम्मेदार

दानिश रिजवान ने जीतनराम मांझी को जो इस्तीफानामा भेजा, उसमें लिखा है, 'कुछ दिनों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के द्वारा अपने चंद लोगों के साथ मिलकर न केवल दल विरोधी कार्य किया जा रहा है बल्कि पैसे की लूट मची हुई है. मैंने आपके सानिध्य में राजनीति सीखी है, आपने हमेशा गरीबों के हक़-हक़ूक की बात कही है.' 


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