पटनाः पटना साहिब में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला बीजेपी के रविशंकर प्रसाद से है. रविशंकर प्रसाद पहली बार बीजेपी के टिकट पर पटनासाहिब सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बीच एक बड़ा फैक्टर पटना साहिब चुनाव में असर डाल सकता है. वो है बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की नाराजगी. जो कि अब खुलकर सामने आ रही है.
बीजेपी और आरएसएस की तरफ से सांसद आरके सिन्हा को मनाने की कोशिश लगातार जारी है. लेकिन शनिवार को पटना पहुंचे आर के सिन्हा ने कहा की पार्टी ने उन्हें न तो अमित शाह के रोड शो में बुलाया है और न ही चुनाव प्रचार करने के लिए कहा गया है. आर के सिन्हा के इस बयान के बाद उनकी नाराजगी साफ झलक रही है. वहीं, बीजेपी नेता मानते हैं कि आर के सिन्हा पार्टी के प्रमुख नेता हैं और जो भी मामला है वह पार्टी का है जिसे आराम से सुलझा लिया जाएगा.
टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी
दरअसल टिकट बंटवारे से पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि पटना साहिब से आर के सिन्हा ही बीजेपी के प्रत्याशी होंगे. बाद में जब घोषणा हुई तो केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टिकट दे दिया. इसके बाद लगातार आर के सिन्हा पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उन्हें मनाने के लिए न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी बल्कि आरएसएस की ओर से भी कई बार कोशिश की गई है.
क्या कहता है विपक्ष
वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी का कहना है कि आर के सिन्हा की नाराजगी का खामियाजा बीजेपी को पटना साहिब में भुगतना पड़ेगा. आरजेडी नेता रामनारायण मंडल ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने आर के सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ सलूक किया. इसका खामियाजा बीजेपी प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद को भुगतना पड़ेगा.
आर के सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब के कद्दावर कायस्थ नेताओं में गिने जाते हैं. बीजेपी से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं. अब देखना है कि 19 मई को होने वाले चुनाव में कायस्थ बहुल पटना साहिब के वोटर्स किसे तरजीह देते हैं और आरके सिन्हा की नाराजगी चुनाव में कितना फर्क डालती है.