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100 साल का हुआ पटना हाईस्कूल, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शताब्दी समारोह में हिस्सा लेंगे

मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग ई आकार में है. अगस्त में होने वाले शताब्दी समारोह से पहले उसका रंग-रोगन किया जा रहा है. इसकी स्थापना 2 जुलाई 1919 को हुई थी. उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने 4 अगस्त को यहां शताब्दी समारोह में पहुंचने को मंजूरी दे दी है.

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Published : Jul 4, 2019, 5:19 PM IST

पटना: साल 1919 में स्थापित और देश के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थानों में शुमार पटना हाई स्कूल मंगलवार को 100 साल का हो गया. उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू 4 अगस्त को उसके शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं. उसी दिन उपराष्ट्रपति पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी के शताब्दी समारोह में भी मुख्य अतिथि होंगे. यह पुस्तकालय भी 100 साल का हो गया है.

इंग्लिश स्कूल के रूप में हुआ था स्थापित
हाई स्कूल के प्राचार्य रवि रंजन ने कहा, '1912 में नये प्रांतों, बिहार और ओडिशा के बनने के सात साल बाद पटना हाई स्कूल की स्थापना की गयी. शुरू में तो यहां ज्यादातर उन बाबुओं (नौकरशाहों) और क्लर्क के बच्चे होते थे जो पटना सचिवालय या अन्य सरकारी दफ्तरों में काम करते थे. इसे पटना हाई इंगलिश स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था.'

शताब्दी समारोह में पहुंचेंगे उपराष्ट्रपति
मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग ई आकार में है. अगस्त में होने वाले शताब्दी समारोह से पहले उसका रंग-रोगन किया जा रहा है. रवि रंजन ने कहा, 'हमें गर्व महसूस होता है कि कई महान छात्र देने वाला यह ऐतिहासिक संस्थान 100 साल का हो गया और उपराष्ट्रपति नायडू ने 4 अगस्त को यहां शताब्दी समारोह में पहुंचने को मंजूरी दे दी है. यह विद्यालय के लिए बड़े सम्मान की बात है.'

2 जुलाई 1919 को हुई थी स्थापना
प्राचार्य ने कहा कि आजादी के शीघ्र बाद इस स्कूल के नाम से इंग्लिश हटा दिया गया था. साल 2008 में इसका नाम बदलकर शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया गया था. लेकिन अब भी यह पटना हाईस्कूल नाम से लोकप्रिय है, इसकी स्थापना दो जुलाई 1919 को हुई थी.

राजेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी को मिलेगा सम्मान
रंजन ने कहा, 'राजेंद्र प्रसाद सिंह इस विद्यालय के मैट्रिक के छात्र थे और वह उन सात युवकों में एक थे जो अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय में गोलीबारी के दौरान शहीद हो गये थे. इसलिए इस विद्यालय का नाम बिहार सरकार ने बदलकर उनके सम्मान में उनके नाम पर रख दिया.' उन्होंने कहा, 'शताब्दी समारोह अधिवेशन भवन में होगा और उस दिन नायडू राजेंद्र प्रसाद सिंह की विधवा (जो 90 साल के आसपास होंगी) तथा इस विद्यालय के सबसे अधिक उम्र के पूर्व छात्र और छात्रा को सम्मानित करेंगे. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति शताब्दी स्मारिका भी जारी करेंगे.'

प्राचार्य ने बताया कि गृह सचिव राजीव गौबा, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अब्दुल बारी सिद्दिकी, राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा और कई शीर्ष सरकारी अधिकारी इस विद्यालय के छात्र रहे हैं. पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी भी इस साल अपना शताब्दी समारोह मना रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना के दो साल बाद यह पुस्तकालय अस्तित्व में आया था.

पटना: साल 1919 में स्थापित और देश के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थानों में शुमार पटना हाई स्कूल मंगलवार को 100 साल का हो गया. उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू 4 अगस्त को उसके शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं. उसी दिन उपराष्ट्रपति पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी के शताब्दी समारोह में भी मुख्य अतिथि होंगे. यह पुस्तकालय भी 100 साल का हो गया है.

इंग्लिश स्कूल के रूप में हुआ था स्थापित
हाई स्कूल के प्राचार्य रवि रंजन ने कहा, '1912 में नये प्रांतों, बिहार और ओडिशा के बनने के सात साल बाद पटना हाई स्कूल की स्थापना की गयी. शुरू में तो यहां ज्यादातर उन बाबुओं (नौकरशाहों) और क्लर्क के बच्चे होते थे जो पटना सचिवालय या अन्य सरकारी दफ्तरों में काम करते थे. इसे पटना हाई इंगलिश स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था.'

शताब्दी समारोह में पहुंचेंगे उपराष्ट्रपति
मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग ई आकार में है. अगस्त में होने वाले शताब्दी समारोह से पहले उसका रंग-रोगन किया जा रहा है. रवि रंजन ने कहा, 'हमें गर्व महसूस होता है कि कई महान छात्र देने वाला यह ऐतिहासिक संस्थान 100 साल का हो गया और उपराष्ट्रपति नायडू ने 4 अगस्त को यहां शताब्दी समारोह में पहुंचने को मंजूरी दे दी है. यह विद्यालय के लिए बड़े सम्मान की बात है.'

2 जुलाई 1919 को हुई थी स्थापना
प्राचार्य ने कहा कि आजादी के शीघ्र बाद इस स्कूल के नाम से इंग्लिश हटा दिया गया था. साल 2008 में इसका नाम बदलकर शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया गया था. लेकिन अब भी यह पटना हाईस्कूल नाम से लोकप्रिय है, इसकी स्थापना दो जुलाई 1919 को हुई थी.

राजेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी को मिलेगा सम्मान
रंजन ने कहा, 'राजेंद्र प्रसाद सिंह इस विद्यालय के मैट्रिक के छात्र थे और वह उन सात युवकों में एक थे जो अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय में गोलीबारी के दौरान शहीद हो गये थे. इसलिए इस विद्यालय का नाम बिहार सरकार ने बदलकर उनके सम्मान में उनके नाम पर रख दिया.' उन्होंने कहा, 'शताब्दी समारोह अधिवेशन भवन में होगा और उस दिन नायडू राजेंद्र प्रसाद सिंह की विधवा (जो 90 साल के आसपास होंगी) तथा इस विद्यालय के सबसे अधिक उम्र के पूर्व छात्र और छात्रा को सम्मानित करेंगे. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति शताब्दी स्मारिका भी जारी करेंगे.'

प्राचार्य ने बताया कि गृह सचिव राजीव गौबा, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अब्दुल बारी सिद्दिकी, राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा और कई शीर्ष सरकारी अधिकारी इस विद्यालय के छात्र रहे हैं. पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी भी इस साल अपना शताब्दी समारोह मना रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना के दो साल बाद यह पुस्तकालय अस्तित्व में आया था.

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100 साल का हुआ पटना हाईस्कूल, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू शताब्दी समारोह में हिस्सा लेंगे



मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग ई आकार में है. अगस्त में होने वाले शताब्दी समारोह से पहले उसका रंग-रोगन किया जा रहा है. इसकी स्थापना दो जुलाई 1919 को हुई थी. उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने चार अगस्त को यहां शताब्दी समारोह में पहुंचने को मंजूरी दे दी है.

पटना: साल 1919 में स्थापित और देश के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थानों में शुमार पटना हाई स्कूल मंगलवार को 100 साल का हो गया. उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू चार अगस्त को उसके शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं. उसी दिन उपराष्ट्रपति पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी के शताब्दी समारोह में भी मुख्य अतिथि होंगे. यह पुस्तकालय भी 100 साल का हो गया है.

हाई स्कूल के प्राचार्य रवि रंजन ने कहा, '(1912 में) नये प्रांतों बिहार और ओडिशा के बनने के सात साल बाद पटना हाई स्कूल की स्थापना की गयी. शुरू में तो यहां ज्यादातर उन बाबुओ (नौकरशाहों) और कलर्क के बच्चे होते थे जो पटना सचिवालय या अन्य सरकारी दफ्तरों में काम करते थे. इसे पटना हाई इंगलिश स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था.'

मध्य पटना के गर्दनीबाग में विशाल क्षेत्र में फैले इस विद्यालय की सबसे पुरानी बिल्डिंग ई आकार में है. अगस्त में होने वाले शताब्दी समारोह से पहले उसका रंग-रोगन किया जा रहा है. रवि रंजन ने कहा, 'हमें गर्व महसूस होता है कि कई महान पूर्व छात्र देने वाला यह ऐतिहासिक संस्थान 100 साल का हो गया और उपराष्ट्रपति नायडू ने चार अगस्त को यहां शताब्दी समारोह में पहुंचने को मंजूरी दे दी है. यह विद्यालय के लिए बड़े सम्मान की बात है.'

प्राचार्य ने कहा कि आजादी के शीघ्र बाद इस स्कूल के नाम से इंगलिश हटा दिया गया था. साल 2008 में इसका नाम बदलकर शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया गया था लेकिन अब भी यह पटना हाईस्कूल नाम से लोकप्रिय है, इसकी स्थापना दो जुलाई 1919 को हुई थी.

रंजन ने कहा, 'राजेंद्र प्रसाद सिंह इस विद्यालय के मैट्रिक छात्र थे और वह उन सात युवकों में एक थे जो अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय में गोलीबारी के दौरान शहीद हो गये थे. इसलिए इस विद्यालय का नाम बिहार सरकार ने बदलकर उनके सम्मान में उनके नाम पर रख दिया.' उन्होंने कहा, 'शताब्दी समारोह अधिवेशन भवन में होगा और उस दिन नायडू राजेंद्र प्रसाद सिंह की विधवा (जो 90 साल के आसपास होंगी) तथा इस विद्यालय के सबसे अधिक उम्र के पूर्व छात्र और छात्रा को सम्मानित करेंगे. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति शताब्दी स्मारिका भी जारी करेंगे.'

प्राचार्य ने बताया कि गृह सचिव राजीव गौबा, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अब्दुल बार सिद्दिकी, राज्यसभा सदस्य आर के सिन्हा और कई शीर्ष सरकारी अधिकारी इस विद्यालय के छात्र रहे हैं. पटना यूनवर्सिटी लाइब्रेरी भी इस साल अपना शताब्दी समारोह मना रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना के दो साल बाद यह पुस्तकालय अस्तित्व में आया था.




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