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कीर्ति आजाद ने पहले कहा था 1999 में बूथ लूट कर बना सांसद, विवाद बढ़ा तो मांगी माफी

बिहार में बूथ लूट की बदौलत चुनाव जीतने की बात कहने वाले कांग्रेस नेता कीर्ति झा आजाद बैकफुट पर आ गए हैं. विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने माफी मांग ली है. सांसद ने कहा कि उन्होंने हंसी-मजाक में ये बात कही थी.

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Published : Feb 20, 2019, 7:32 PM IST

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दरभंगा:कांग्रेस का दामन थामने के बाद पहली बार दरभंगा पहुंचे कीर्ति आजाद ने कांग्रेस दफ्तर में अपने संबोधन में कहा था कि 1999 में मेरे लिए भी बूथ लूटने का काम हुआ था. उनके पिताजी के समय भी यही काम होता था.

कीर्ति आजाद, नेता, कांग्रेस
जैसे ही यह बयान मीडिया की सुर्खियां बनीं, बयान पर विपक्ष का हमला शुरू हो गया. बवाल बढ़ने के बाद कीर्ति आजाद ने दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य बूथ लूटने की बात से नहीं था, हमारा मतलब बूथ मैनेजमेंट से है. उन्होंने कहा कि उन्हें क्या मालूम था कि बाल की खाल निकाली जाएगी. वहीं, कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेकों जुमला फेंकते रहते हैं. सच को झूठ और झूठ को सच बनाते रहते हैं. उन्होंने न जाने क्या-क्या चीजें कहीं, मगर किसी ने सवाल नहीं उठाया. जबकि हमारी इतनी सी बात पर बखेड़ा शुरू हो गया है. यदि मुझसे गलती हुई है तो मैं क्षमा मांगता हूं.

दरभंगा:कांग्रेस का दामन थामने के बाद पहली बार दरभंगा पहुंचे कीर्ति आजाद ने कांग्रेस दफ्तर में अपने संबोधन में कहा था कि 1999 में मेरे लिए भी बूथ लूटने का काम हुआ था. उनके पिताजी के समय भी यही काम होता था.

कीर्ति आजाद, नेता, कांग्रेस
जैसे ही यह बयान मीडिया की सुर्खियां बनीं, बयान पर विपक्ष का हमला शुरू हो गया. बवाल बढ़ने के बाद कीर्ति आजाद ने दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य बूथ लूटने की बात से नहीं था, हमारा मतलब बूथ मैनेजमेंट से है. उन्होंने कहा कि उन्हें क्या मालूम था कि बाल की खाल निकाली जाएगी. वहीं, कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेकों जुमला फेंकते रहते हैं. सच को झूठ और झूठ को सच बनाते रहते हैं. उन्होंने न जाने क्या-क्या चीजें कहीं, मगर किसी ने सवाल नहीं उठाया. जबकि हमारी इतनी सी बात पर बखेड़ा शुरू हो गया है. यदि मुझसे गलती हुई है तो मैं क्षमा मांगता हूं.
Intro:कांग्रेस का दामन थामने के बाद पहली बार पहुंचे कीर्ति आजाद ने कांग्रेसी दफ्तर में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 1999 में मेरे लिए भी लोग बूथ लूटने का काम हुआ था और हमारे पिताजी के समय भी यही काम होता था। जैसे ही यह बयान मीडिया की सुर्खियां बनी और इस बयान पर विपक्ष का हमला शुरू हो गया, वैसे ही कीर्ति आजाद ने दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य ये बिल्कुल नहीं था कि बूथ लूटने की बात, तो बूथ कब्जा करने की बात नहीं कि। बूथ के ऊपर छापा मारने की बात नहीं की। हमारे कहने का तात्पर्य था की उसको मैनेज करना।

वहीं उन्होंने कहा कि मुझे क्या मालूम था कि यह बाल की खाल बन जाएगी। आज तो हमारे बैठे प्रधानमंत्री अनेकों जुमला फेंकते रहते हैं। सच को झूठ और झूठ ओ सच बनाते रहते हैं। उन्होंने ना जाने क्या-क्या चीज कहीं, उसका आज तक कोई बात नहीं बना। हमारी इतनी सी बात इतनी बड़ी बन जाएगी यह हमने सोचा नहीं था। यदि गलती हुई है तो क्षमा मांग लेते हैं।

वहीं विपक्ष के द्वारा इस बयान पर उठाए गए सवालों पर कहा कि विपक्ष को तो हमलावर होना ही होगा। इसके अलावा वह बेचारे क्या करेंगे, उनको तो कोई शब्द पकड़ना होता है। मैं तो केवल प्रधानमंत्री से पूछता हूं कि पुलवामा में हुए घटना के बाद, उससे पहले जब सरकार यूपी की थी तो कहते थे कि एक के बदले 10 सर लाएंगे, तो मुझे एक भी सर लाए हो तो बता दे, कम से कम देश को तो ऐसे जुमले तो वह मारते रहते हैं। मैंने तो मजाक में कार्यकर्ताओं के बीच में यह बात कही थी और मेरे कहने का मतलब बूथ लूटने का था मेरा मतलब था मैनेज करना था।

Byte -------------------- कीर्ति आजाद, सांसद दरभंगा


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