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PMCH के ओपीडी में बढ़ी डॉक्टरों की मनमानी, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को हो रही परेशानी

पीएमसीएच में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए बनाई गई ओपीडी में डॉक्टरों की संख्या बढ़ गई है. इस कारण वहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानियां हो रही हैं.

पीएमसीएच पटना
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Published : Apr 28, 2019, 7:15 PM IST

पटना: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए बनाई गई ओपीडी की हालत बद से बदतर है. इसकी शुरूआत तो वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के सेवा के लिए की गई थी, लेकिन अब ये महज दिखावा साबित हो रहा है.

ठप पर गई ओपीडी
पीएमसीएच में राज्य भर से हजारों मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. इसको लेकर मरीजों के बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई थी. इस ओपीडी की शुरुआत तो हुई लेकिन कुछ महीनों के बाद ही ये ओपीडी अब ठप पर गई. ये ओडीपी अब कागजों पर ही सिमट कर रह गई हैं.

डॉक्टरों की चलती है मनमानी
इस ओपीडी में डॉक्टर नदारद रहते हैं. डॉक्टर ड्यूटी में आते ही नहीं हैं. वहीं, अस्पताल सूत्रों कि मानें तो कुछ सिनियर तो डॉक्टर और अधिक्षक कि बातों और निर्देश को भी नहीं मानते हैं. इससे अस्पताल प्रशासन भी परेशान रहता है. यही नहीं पीएमसीएच में सिनियर चिकित्सकों कि मनमानी इतनी बढ़ गई है कि अधीक्षक के दिए गए निर्देश को भी वो वैल्यू नहीं देते हैं.

पीएमसीएच पटना

जल्द दुरुस्त होगी व्यव्स्था-अधीक्षक
वहीं, पीएमसीएच के अधीक्षक के अनुसार शाम की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रहती है. लेकिन यह व्यवस्था जल्द ही दुरुस्त कर ली जाएगी और ये फिर से सुचारू रूप से चलने लगेगा.

पटना: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए बनाई गई ओपीडी की हालत बद से बदतर है. इसकी शुरूआत तो वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के सेवा के लिए की गई थी, लेकिन अब ये महज दिखावा साबित हो रहा है.

ठप पर गई ओपीडी
पीएमसीएच में राज्य भर से हजारों मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. इसको लेकर मरीजों के बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई थी. इस ओपीडी की शुरुआत तो हुई लेकिन कुछ महीनों के बाद ही ये ओपीडी अब ठप पर गई. ये ओडीपी अब कागजों पर ही सिमट कर रह गई हैं.

डॉक्टरों की चलती है मनमानी
इस ओपीडी में डॉक्टर नदारद रहते हैं. डॉक्टर ड्यूटी में आते ही नहीं हैं. वहीं, अस्पताल सूत्रों कि मानें तो कुछ सिनियर तो डॉक्टर और अधिक्षक कि बातों और निर्देश को भी नहीं मानते हैं. इससे अस्पताल प्रशासन भी परेशान रहता है. यही नहीं पीएमसीएच में सिनियर चिकित्सकों कि मनमानी इतनी बढ़ गई है कि अधीक्षक के दिए गए निर्देश को भी वो वैल्यू नहीं देते हैं.

पीएमसीएच पटना

जल्द दुरुस्त होगी व्यव्स्था-अधीक्षक
वहीं, पीएमसीएच के अधीक्षक के अनुसार शाम की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रहती है. लेकिन यह व्यवस्था जल्द ही दुरुस्त कर ली जाएगी और ये फिर से सुचारू रूप से चलने लगेगा.

Intro:सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पीएमसीएच में वरीष्ठ नागरिकों और दिब्यांगजनो के लिए बने ओपीडी कागजो पर,
इवनिंग ओपीडी महज दिखावा,डाक्टर रहते है नदारद


Body:सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग जनों के लिए एक अलग से ओपीडी की शुरुआत की गई थी, जो दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ओपीडी चलाई जा रही है, वहीं इवनिंग ओपीडी भी महज दिखावा साबित हो रही है। पीएमसीएच में राज्य भर से हजारों मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं, जिसको लेकर मरीजों के बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग जनों के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई थी, वहीं शाम की ओपीडी की भी शुरुआत की गई थी, लेकिन कुछ महीनों के बाद ओपीडी अब कागजों पर ही सिमट कर रह गई हैं आज ईटीवी की पड़ताल में यह तस्वीर साफ हो गई है कि यह ओपीडी महज टेबल कुर्सी तक ही सिमट कर रह गई है डॉक्टर नदारद रहते हैं,डॉक्टर ड्यूटी में आते ही नहीं है,वहीं अस्पताल सूत्रो कि माने तो कुछ सिनियर डॉक्टर अधिक्षक कि बातो और निर्देश को भी नहीं मानते है,जिससे अस्पताल प्रशासन भी परेशान है,बताया जाता है कि पीएमसीएच में सिनियर चिकित्सकों कि मनमानी इतनी बढ गई है कि अधीक्षक की कोई भी निर्देश और आदेश को वैल्यू नही देते है


Conclusion:पीएमसीएच के अधीक्षक की मानें तो शाम की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रहती है, लेकिन यह व्यवस्था जल्द ही दुरुस्त कर ली जाएगी, बाहरहाल सरकार की योजनाएं तो शुरुआत में अच्छे ढंग से चलती है लेकिन बाद में इस पर अमल नहीं होता है जिसे आम आवाम ही परेशान होते हैं

बाईट-प्रोफेसर डॉक्टर राजीव रंजन प्रसाद
अधिक्षक,पीएमसीएच
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