ETV Bharat / state

आयुष्मान भारत योजना में पिछड़ा बिहार, सेंट्रल कमेटी ने दिए दिशा-निर्देश

बिहार में संचालित आयुष्मान भारत द्वारा संचालित योजना पर सेंट्रल कमेटी की टीम ने चिंता जाहिर की है. टीम ने कहा है कि इस में अभी भी कई खामियां हैं.

आयुष्मान भारत योजना
author img

By

Published : Apr 25, 2019, 6:53 PM IST

पटना: बिहार में इन दिनों आयुष्मान भारत द्वारा संचालित योजना संतोषप्रद नहीं दिख रही है. इसको लेकर सेंट्रल कमेटी की टीम ने चिंता जाहिर की है. टीम ने कहा है कि बिहार में अभी भी कई खामियां हैं, जिसको लेकर काम करना बाकी है. साथ ही इन खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश भी दिए हैं.

सेंट्रल कमेटी की टीम ने दिए निर्देश
सेंट्रल कमेटी की टीम ने आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों के अधीक्षक, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत बिहार में तभी आगे बढ़ेगा जब कार्य करने की इच्छा शक्ति जुड़ी हो और उस काम को आत्मबल से किया जा सके.

आयुष्मान भारत योजना

2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ
दरअसल, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन पर आधारित योजना है, जो सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ दिया जा रहा है.

एक करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ
बिहार के आंकड़ों की बात करें तो 1,08, 95,176 परिवारों की सूची उपलब्ध कराई गई है. इन सभी को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1,0029,655 और शहरी क्षेत्रों में 8,65,521 परिवार शामिल हैं.

चिकित्सा सुविधा उपल्बध
इन परिवारों को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा 50, 0000 तक का चिकित्सा सुविधा कैशलेस एवं पेपर लेस उपलब्ध कराई जाती है. इन लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर की जाती है.

हो रही है समस्याएं
यही नहीं, बिहार में एक आंकड़ों के मुताबिक लाभान्वित गरीबों को मिलने वाली राशियों में भी कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर शहर के होटल मौर्या में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.

ये रहे मौजूद
इस बैठक में तमाम जिलों के सिविल सर्जन अस्पतालों के अधीक्षक प्राचार्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी समेत विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हुए. इसमें सेंट्रल कमेटी की टीम ने सभी को आवशयक दिशा-निर्देश दिए.

पटना: बिहार में इन दिनों आयुष्मान भारत द्वारा संचालित योजना संतोषप्रद नहीं दिख रही है. इसको लेकर सेंट्रल कमेटी की टीम ने चिंता जाहिर की है. टीम ने कहा है कि बिहार में अभी भी कई खामियां हैं, जिसको लेकर काम करना बाकी है. साथ ही इन खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश भी दिए हैं.

सेंट्रल कमेटी की टीम ने दिए निर्देश
सेंट्रल कमेटी की टीम ने आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों के अधीक्षक, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत बिहार में तभी आगे बढ़ेगा जब कार्य करने की इच्छा शक्ति जुड़ी हो और उस काम को आत्मबल से किया जा सके.

आयुष्मान भारत योजना

2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ
दरअसल, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन पर आधारित योजना है, जो सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ दिया जा रहा है.

एक करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ
बिहार के आंकड़ों की बात करें तो 1,08, 95,176 परिवारों की सूची उपलब्ध कराई गई है. इन सभी को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1,0029,655 और शहरी क्षेत्रों में 8,65,521 परिवार शामिल हैं.

चिकित्सा सुविधा उपल्बध
इन परिवारों को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा 50, 0000 तक का चिकित्सा सुविधा कैशलेस एवं पेपर लेस उपलब्ध कराई जाती है. इन लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर की जाती है.

हो रही है समस्याएं
यही नहीं, बिहार में एक आंकड़ों के मुताबिक लाभान्वित गरीबों को मिलने वाली राशियों में भी कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर शहर के होटल मौर्या में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.

ये रहे मौजूद
इस बैठक में तमाम जिलों के सिविल सर्जन अस्पतालों के अधीक्षक प्राचार्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी समेत विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हुए. इसमें सेंट्रल कमेटी की टीम ने सभी को आवशयक दिशा-निर्देश दिए.

Intro:राज्य स्तरीय आयुष्मान भारत कि समीक्षा बैठक:-
बिहार में कछुए गति से चल रहा है आयुष्मान भारत योजना,बिहार समीक्षा करने आये आयुष्मान भारत योजना के सिईओ इंद्रभूषण ने चिंता जाहिर की।

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन पर आधारित योजना है, जो सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ दिया जा रहा है बिहार के आंकड़ों की बात करें तो 10895176 परिवारों की सूची उपलब्ध कराई गई है जिन्हें इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1,0029,655 एवं शहरी क्षेत्रों में 8,65,521 परिवार शामिल है


Body: राजधानी पटना के होटल मौर्या में आज आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जहां बिहार के तमाम जिलों के सिविल सर्जन अस्पतालों के अधीक्षक प्राचार्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी समेत विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य कर्मचारी शिरकत की आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सीईओ डॉक्टर इंद्र भूषण प्रसाद एवं एवं डिप्टी सीईओ दिनेश अरोड़ा ,एवं बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रधान सचिव संजय कुमार मुख्य रूप से शामिल रहे।
बहरहाल बिहार में इन दिनों आयुष्मान भारत के संचालित योजना संतोषप्रद नहीं दिख रही है जिसको लेकर सेंट्रल कमेटी के बिहार आई टीम ने चिंता जाहिर की है उन्होंने कहा है कि बिहार में अभी कई खामियां हैं जिसको लेकर कई काम करना बाकी है आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों के अधीक्षक मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं सिविल सर्जनों को निर्देश देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत बिहार में तभी आगे बढ़ेगा जब कार्य करने की इच्छा शक्ति जुड़ी हो और आत्म बल से किया जा सकेगा बिहार में एक आंकड़ों के मुताबिक लाभान्वित गरीबों को मिलने वाली राशियों में भी कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर सेंट्रल कमिटी की टीम ने कई दिशा-निर्देश दिए बताया जाता है कि पूरे बिहार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत एक करोड़ 8 लाख परिवार जबकि ग्रामीण क्षेत्र से 99058 सौ 93 एवं शहरी क्षेत्र से 865916 परिवार अच्छा गीत है इस परिवार को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा ₹500000 तक चिकित्सा सुविधा कैशलेस एवं पेपर लेस उपलब्ध कराई जाती है वहीं लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर की जाती है बताया जाता है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभिकरण से क्लेम के बाद राशि के भुगतान के संबंध में प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में सरकारी अस्पतालों के रोगी कल्याण समिति द्वारा दावा प्रतिपूर्ति से प्राप्त राशि में से 25% प्रोत्साहन राशि लाभार्थी के चिकित्सा में संलग्न चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मियों को भुगतान किए जाने तथा शेष 75 राशि रोगी कल्याण समिति को लाभार्थियों के इलाज के क्रम में खर्च की जाती है


Conclusion: समीक्षा कार्यक्रम में चर्चा की गई 5% राशि का विकास मानव संसाधन एवं बायतु सीमा का निर्धारण किया जाता है प्रोत्साहन राशि के वितरण के बाद दावों की अवशेष 75% राशि का कुल 60% राशि संस्थान के विकास उपकरण एवं मानव संसाधन की सेवा राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा निर्धारित की जाती है वहीं जिला अस्पताल से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक के स्तर पर प्रोत्साहन राशि के वितरण के पश्चात दावे के अवशेष 75% राशि का कुल 70% राशि संस्थान के विकास उपकरण एवं मानव संसाधन ईसेवा राजस्व समिति के द्वारा निर्धारित की जाती है शेष 30% राशि लाभार्थियों के इलाज के क्रम में आवश्यक दवाओं उपकरणों पर किया जाता है




जानकारी देते हुए

1.दिनेश अरोडा,डीप्टी सिईओ,आयुष्मान भारत योजना, भारत सरकार

2.संजय कुमार,प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग,बिहार



नोट:--कहीं अशुद्धि मिले तो कृप्या देख लेगे,
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.