पटना: बिहार में इन दिनों आयुष्मान भारत द्वारा संचालित योजना संतोषप्रद नहीं दिख रही है. इसको लेकर सेंट्रल कमेटी की टीम ने चिंता जाहिर की है. टीम ने कहा है कि बिहार में अभी भी कई खामियां हैं, जिसको लेकर काम करना बाकी है. साथ ही इन खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश भी दिए हैं.
सेंट्रल कमेटी की टीम ने दिए निर्देश
सेंट्रल कमेटी की टीम ने आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों के अधीक्षक, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत बिहार में तभी आगे बढ़ेगा जब कार्य करने की इच्छा शक्ति जुड़ी हो और उस काम को आत्मबल से किया जा सके.
2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ
दरअसल, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन पर आधारित योजना है, जो सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के डाटा के अनुसार गरीबों को लाभ दिया जा रहा है.
एक करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ
बिहार के आंकड़ों की बात करें तो 1,08, 95,176 परिवारों की सूची उपलब्ध कराई गई है. इन सभी को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1,0029,655 और शहरी क्षेत्रों में 8,65,521 परिवार शामिल हैं.
चिकित्सा सुविधा उपल्बध
इन परिवारों को बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा 50, 0000 तक का चिकित्सा सुविधा कैशलेस एवं पेपर लेस उपलब्ध कराई जाती है. इन लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर की जाती है.
हो रही है समस्याएं
यही नहीं, बिहार में एक आंकड़ों के मुताबिक लाभान्वित गरीबों को मिलने वाली राशियों में भी कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर शहर के होटल मौर्या में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.
ये रहे मौजूद
इस बैठक में तमाम जिलों के सिविल सर्जन अस्पतालों के अधीक्षक प्राचार्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी समेत विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हुए. इसमें सेंट्रल कमेटी की टीम ने सभी को आवशयक दिशा-निर्देश दिए.