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बक्सर में बूंद-बूंद को तरस रही महादलित बस्ती, सरकार नहीं ले रही सुध

जिले के रामरेखा घाट इलाके में महादलित बस्ती के बीचों-बीच पीएचईडी विभाग का कार्यालय स्थित है. इसके बावजूद यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. यहां के लोगों के अनुसार पिछले दो महीने से चापा कल बन्द पड़ा है, लेकिन कोई सुध लेने नहीं आया.

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Published : Jun 24, 2019, 11:55 PM IST

चापाकल

बक्सर: सात निश्चय योजना के तहत लोगों के घर तक पानी पहुंचाने में पीएचईडी विभाग नाकाम साबित हो रही है. यहां के महादलित बस्ती के सैकड़ों लोग प्यासे तड़प रहे हैं. मगर सरकार की तरफ से उनके लए किसी प्रकार की उचित व्यवस्था नहीं की गई है.

बूंद-बूंद को तरस रहे लोग
दरअसल, जिले के रामरेखा घाट इलाके में महादलित बस्ती के बीचों-बीच पीएचईडी विभाग का कार्यालय स्थित है. इसके बावजूद यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. लोगों का कहना है कि पिछले दो महीने से यहां का चापाकल बन्द पड़ा है, लेकिन कोई सुध लेने नहीं आया.

स्थानीय का बयान

शिकायत करने पर मांगते हैं पैसे
लोगों ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत करने पर उल्टा उन्हीं से ही पैसा मांगा जाता है. मजबूरन उन्हें शौच करने से लेकर पीने तक के पानी के लिए भटकना पड़ता है. वहीं, इस बारे में जब पीएचईडी कार्यालय के कर्मियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

बक्सर: सात निश्चय योजना के तहत लोगों के घर तक पानी पहुंचाने में पीएचईडी विभाग नाकाम साबित हो रही है. यहां के महादलित बस्ती के सैकड़ों लोग प्यासे तड़प रहे हैं. मगर सरकार की तरफ से उनके लए किसी प्रकार की उचित व्यवस्था नहीं की गई है.

बूंद-बूंद को तरस रहे लोग
दरअसल, जिले के रामरेखा घाट इलाके में महादलित बस्ती के बीचों-बीच पीएचईडी विभाग का कार्यालय स्थित है. इसके बावजूद यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. लोगों का कहना है कि पिछले दो महीने से यहां का चापाकल बन्द पड़ा है, लेकिन कोई सुध लेने नहीं आया.

स्थानीय का बयान

शिकायत करने पर मांगते हैं पैसे
लोगों ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत करने पर उल्टा उन्हीं से ही पैसा मांगा जाता है. मजबूरन उन्हें शौच करने से लेकर पीने तक के पानी के लिए भटकना पड़ता है. वहीं, इस बारे में जब पीएचईडी कार्यालय के कर्मियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

Intro:बक्सर/एंकर-सरकार के सात निश्चय योजना के तहत लोगो के घर तक पानी पहुचाने में पीएचडी बिभाग नाकाम ,महादलित बस्ती के बीच स्थित है,पीएचडी कार्यालय, फिर भी प्यासे रह जाते है,सैकड़ो लोग,2 महीना से बन्द पड़े चप्पा कल भी बिभाग नही करा पाया चालू।


Body:सरकार एवं जिला प्रशासन के लोग लाख दावा कर ले कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना का लाभ लोगो को मिला रहा है,लेकिन जब पीएचडी कार्यालय के चारो तरफ बसे लोग ही प्यासा रह जाये तो सायेद चिराग तले अंधेरा वाली कहानी चरितार्थ होने लगता है। कुछ ऐसा ही तस्वीर बक्सर के रामरेखा घाट इलाके में देखने को मिला जंहा महादलित बस्ती के बीचो- बीच पीएचडी बिभाग का कार्यालय कई दशक से कार्य कर रहा है,उसके बाद भी आस पास के महादलित परिवार बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे है। महादलित बस्ती में रह रहे लोगो ने बताया कि पिछले दो महीने से चप्पा कल बन्द पड़ा है,लेकिन कोई सुध लेने नही आया, स्थानीय जनप्रतिनधियो से शिकायत करने पर उल्टे हम से ही पैसा मांगते है,इसे ठीक करने के लिए। मजबूरन हम लोग शौच करने से लेकर पीने तक कि पानी के लिए भटकते रहते है, जबकि हमारे बस्ती में चप्पा कल बिगड़ा पड़ा है। जिसकी जानकारी भी पीएचडी कार्यालय को है,

byte- स्थानीय

वही लोगो की परेशानी को लेकर जब पीएचडी कार्यालय कर्मियों से बात करने की कोशिश की गई तो सायेद अपनी नकामी को छुपाने के लिए बात नही करना ही मुनाशिब समझा और लोग कैमरे के सामने आने से हो मना कर दिया जबकि शिकायत कर्मी पीएचडी कार्यालय में ही खड़ा होकर अपनी तकलीफे बता रही थी

भिजुअल




Conclusion:गौरतलब है कि बढ़ती गर्मी ये तेजी से गिर थे जमीन के जल स्तर को देखते हुए जिला अधिकारी के निर्देश के बाद 5 सदस्यीय 12 टीम पीएचडी बिभाग का तैयार किया गया। था की लोगो को पानी की संकट का सामना नही करना पड़े उसके बाद भी पीएचडी कार्यालय के चारो तरफ बसे महादलित परिवार के लोग प्यासे रह जाये तो आप अंदाजा लगा सकते है,की बिभाग की तैयारी कागज पर है, या जमीन पर।
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