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हद हो गई SDM साहब! लोग बाढ़ से त्रस्त हैं और आप कह रहे 'घरों में नहीं गलियों में घुसा है पानी' - flood in buxar

गंगा और कर्मनाशा नदियों में उफान के कारण बक्सर के कई प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात हैं. लोगों के घरों में 4 से 5 फीट तक पानी घुस गया है. इधर जिले के एसडीएम ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि लोगों के घरों में नहीं बल्कि गलियों में पानी घुसा है. उन्होंने और भी कई गजब के तर्क दिए हैं.

बक्सर में बाढ़
बक्सर में बाढ़
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Published : Aug 9, 2021, 11:52 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 12:37 PM IST

बक्सरः बिहार के बक्सर में गंगा और कर्मनाशा नदी उफान (Flood In Ganga And Karmnasha River) पर है. दोनों नदियों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस रहा है. जिले के चौसा, बक्सर, सिमरी, ब्रह्मपुर और चक्की प्रखंड के गंगा दियारा के इलाके में लगी हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई है. लोगों के घरों में 4 से 5 फीट तक पानी जमा है, लेकिन जिले के एसडीएम की नजर में यह समस्या गंभीर ही नहीं है.

इसे भी पढ़ें-पटना में उफनती गंगा नदी का कहर जारी, नकटा पंचायत के सभी 14 वार्ड बने टापू

"घर-बार सब डूब गया है. किसी तरह सड़कों पर गुजारा कर रहे हैं. खाने-पीने की भारी दिक्कत है. अब तक किसी तरह की मदद नहीं मिली है."- मना देवी, बाढ़ पीड़ित

देखें वीडियो

"पांच साल पहले एक बार बाढ़ में फंसे लोगों को अधिकारियों ने 50 किलो अनाज दिया था. लेकिन इस साल तो पंचायत के किसी प्रतिनिधि के द्वारा मदद नहीं की गई है. उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है. हम तो लाचार हैं. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. इन्हें लेकर कहां जाएं."- फुलझरिया देवी, बाढ़ पीड़ित

वहीं, बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम केके उपाध्याय से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पूछा कि साल 2020 में आई बाढ़ में जिन किसानों की फसलें बर्बाद हो गई, जिनका मकान गिर गया, उन्हें मुआवजा क्यों नहीं मिला तो उन्होंने कहा...

"मैं तीन साल से बक्सर का एसडीएम हूूं. अब तक बाढ़ के कारण किसी का मकान नहीं गिरा है. फसलें भी बर्बाद नहीं हुई हैं. फसल क्षतिपूर्ति की रिपोर्ट कृषि विभाग के अधिकारी तैयार करते हैं. उन्होंने बीते साल फसल बर्बाद नहीं होने की बात कही थी."

इसे भी पढ़ें- पटना: दानापुर दियारा के निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, 2 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित

वहीं, बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर उन्होंने कहा कि घरों में नहीं बल्कि गलियों में पानी घुसा है. सभी लोग अपने-अपने घरों में आराम से सो रहे हैं. भयावहता उतनी नहीं है, जितनी बताई जा रही है. गांव में 24 घंटे कर्मचारियों को तैनात किया गया है. बाढ़ को लेकर लोगों ने व्यवस्था कर रखी थी, इसलिए जानवरों के लिए उन्हें चारे की दिक्कत नहीं है.

एसडीएम ने सामुदायिक किचन को लेकर कहा कि फिलहाल इसकी जरूरत नहीं है. दो-तीन दिन बाद जरूरत पड़ने पर इसकी शुरूआत की जाएगी. तैयारियां की गई हैं. कुछ लोगों को परेशानी है, तो उन्होंने खुद अपनी कर ली हैं. वहीं, ग्रामीणों की बातों की सच्चाई और समस्या पर उन्होंने कहा कि, हम तो रिपोर्ट को ही मानेंगे, और रिपोर्ट बता रहा है कि लोगों को कोई परेशानी नहीं है.

इसे भी पढ़ें- Video: बक्सर में कागजों पर ही बाढ़ से निपटने की तैयारी, गंगा का रौद्र रूप देख डरे लोग

हालांकि, ईटीवी भारत के कैमरे में कैद यह तस्वीर चीख-चीखकर लोगों के दर्द को बयां कर रही है. लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. झोपड़ी ही नहीं पक्के मकानों में भी चार से पांच फीट तक पानी घुसा है.

बता दें कि गांव में बाढ़ की आशंका को भांपते हुए ईटीवी भारत संवाददाता ने आज से करीब 2 महीने पहले जिलाधिकारी अमन समीर से बाढ़ को लेकर तैयारियों की जानकारी ली थी. उस दौरान उन्होंने बताया था कि फ्लड फाइटिंग के लिए कुल 23 जगहों पर हमारी तैयारी है. बाढ़ से निपटने के लिए हम तैयार हैं, लेकिन तैयारियों की जब परीक्षा की घड़ी आई तो सारे दावे फुस्स साबित हुए.

बक्सरः बिहार के बक्सर में गंगा और कर्मनाशा नदी उफान (Flood In Ganga And Karmnasha River) पर है. दोनों नदियों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस रहा है. जिले के चौसा, बक्सर, सिमरी, ब्रह्मपुर और चक्की प्रखंड के गंगा दियारा के इलाके में लगी हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई है. लोगों के घरों में 4 से 5 फीट तक पानी जमा है, लेकिन जिले के एसडीएम की नजर में यह समस्या गंभीर ही नहीं है.

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"घर-बार सब डूब गया है. किसी तरह सड़कों पर गुजारा कर रहे हैं. खाने-पीने की भारी दिक्कत है. अब तक किसी तरह की मदद नहीं मिली है."- मना देवी, बाढ़ पीड़ित

देखें वीडियो

"पांच साल पहले एक बार बाढ़ में फंसे लोगों को अधिकारियों ने 50 किलो अनाज दिया था. लेकिन इस साल तो पंचायत के किसी प्रतिनिधि के द्वारा मदद नहीं की गई है. उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है. हम तो लाचार हैं. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. इन्हें लेकर कहां जाएं."- फुलझरिया देवी, बाढ़ पीड़ित

वहीं, बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम केके उपाध्याय से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पूछा कि साल 2020 में आई बाढ़ में जिन किसानों की फसलें बर्बाद हो गई, जिनका मकान गिर गया, उन्हें मुआवजा क्यों नहीं मिला तो उन्होंने कहा...

"मैं तीन साल से बक्सर का एसडीएम हूूं. अब तक बाढ़ के कारण किसी का मकान नहीं गिरा है. फसलें भी बर्बाद नहीं हुई हैं. फसल क्षतिपूर्ति की रिपोर्ट कृषि विभाग के अधिकारी तैयार करते हैं. उन्होंने बीते साल फसल बर्बाद नहीं होने की बात कही थी."

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वहीं, बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर उन्होंने कहा कि घरों में नहीं बल्कि गलियों में पानी घुसा है. सभी लोग अपने-अपने घरों में आराम से सो रहे हैं. भयावहता उतनी नहीं है, जितनी बताई जा रही है. गांव में 24 घंटे कर्मचारियों को तैनात किया गया है. बाढ़ को लेकर लोगों ने व्यवस्था कर रखी थी, इसलिए जानवरों के लिए उन्हें चारे की दिक्कत नहीं है.

एसडीएम ने सामुदायिक किचन को लेकर कहा कि फिलहाल इसकी जरूरत नहीं है. दो-तीन दिन बाद जरूरत पड़ने पर इसकी शुरूआत की जाएगी. तैयारियां की गई हैं. कुछ लोगों को परेशानी है, तो उन्होंने खुद अपनी कर ली हैं. वहीं, ग्रामीणों की बातों की सच्चाई और समस्या पर उन्होंने कहा कि, हम तो रिपोर्ट को ही मानेंगे, और रिपोर्ट बता रहा है कि लोगों को कोई परेशानी नहीं है.

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हालांकि, ईटीवी भारत के कैमरे में कैद यह तस्वीर चीख-चीखकर लोगों के दर्द को बयां कर रही है. लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. झोपड़ी ही नहीं पक्के मकानों में भी चार से पांच फीट तक पानी घुसा है.

बता दें कि गांव में बाढ़ की आशंका को भांपते हुए ईटीवी भारत संवाददाता ने आज से करीब 2 महीने पहले जिलाधिकारी अमन समीर से बाढ़ को लेकर तैयारियों की जानकारी ली थी. उस दौरान उन्होंने बताया था कि फ्लड फाइटिंग के लिए कुल 23 जगहों पर हमारी तैयारी है. बाढ़ से निपटने के लिए हम तैयार हैं, लेकिन तैयारियों की जब परीक्षा की घड़ी आई तो सारे दावे फुस्स साबित हुए.

Last Updated : Aug 9, 2021, 12:37 PM IST
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