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ग्राउंड रिपोर्ट : मतदाता और मतदान केन्द्र के बीच में 'रोड़ा', कैसे EVM में दबेगा बटन - water logging on the road

मतदान केंद्र पर जल जमाव के कारण वृद्ध और दिव्यांग मतदाता परेशान हैं. जल निकासी नहीं हुआ तो मतदान करने से वंचित रह जाएंगे. सरकारी नालों का अतिक्रमण हुआ है. 6 महीना से सड़क पर घुटने भर पानी लगा है.

Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
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Published : Oct 23, 2020, 11:06 PM IST

बक्सर: लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व चुनाव होता है. अगर उस पर्व में कोई बाधा आए तो दु:ख पहुंचता है. कुछ ऐसा ही दिख रहा है बक्सर में. यहां पर प्रशासन तो लोगों को बूथ तक पहुंचाने के लिए कई कार्य कर रहा है पर उसकी नजर कुछ-एक जगहों पर छूट ही जाती है.

जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर पंचायत के कुलहरिया गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 3 मतदान केंद्र बनाए गये हैं. 191, 191(क) एवं 192. लेकिन इस मतदान केंद्र पर जाने के लिए रास्ता ही नहीं है. मतलब अगर मतदान करने के लिए जाना है तो 'वैतरणी' जैसी नदी को पार करना होगा.

Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
मतदान केंद्र पर जाने वाली सड़क पर जलजमाव

सरकारी जमीन पर लोगों ने किया कब्जा
दरअसल, जो सरकारी सड़क है उस पर घुटने भर जलजमाव है. सड़क किनारे सरकारी जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा 6 महीना पहले कब्जा कर लिया गया. जिनके डर से ना तो कोई कुछ बोल पा रहा है और ना ही प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है. ग्रामीणों के द्वारा पिछले 6 माह के अंदर जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को सैकड़ों आवेदन दिया गया लेकिन सभी ने केवल आश्वासन दिया. इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण लोकतंत्र के महापर्व में हर मतदाता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वह मतदान केंद्र पर कैसे जाएंगे?

जिलाधिकारी ने इटीवी भारत को किया आश्वस्त
इससे पहले भी ईटीवी भारत द्वारा सदर प्रखंड के कमरपुर पंचायत के एक मतदान केंद्र पर जलजमाव की समस्या को दिखाया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने उस रास्ते को दुरुस्त कराने के साथ ही साथ ईटीवी भारत के टीम को धन्यवाद भी दिया था. इस मामले को लेकर भी जब हमारे संवाददाता ने जिलाधिकारी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि जल्द ही ऐसे सभी मतदान केंद्रों को चिन्हित कर समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा. जिससे कि शत-प्रतिशत मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंचकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कर सकें.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं मतदानकर्मी
इस मतदान केंद्र पर चुनावी तैयारी में लगे उत्क्रमित मध्य विद्यालय के हेड मास्टर मदन प्रसाद ने बताया कि इस समस्या की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करके बीएलओ को उपलब्ध करा दिया हूं. उसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण मतदान प्रभावित होगा। जब हम लोगों को इतना डर लगता है, तो मतदाता कैसे आएंगे?

गौरतलब है कि शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग के द्वारा जिला में 50 कंपनी अर्धसैनिक बल के जवानों को लगाया गया है. लेकिन सवाल यह है कि जब मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंच ही नहीं पाएंगे, तो फिर शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त माहौल कायम करने का क्या लाभ होगा?

Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
मतदान केंद्र

बक्सर में पहले चरण में मतदान
पहले चरण में जिला के चारों विधानसभा सीट समेत बि हार के 71 सीटों पर 120 घंटे बाद, यानी 28 अक्टूबर को मतदान होगा. जिला के 12 लाख 66 हजार 567 मतदाता, 60 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. भारतीय जनता पार्टी एवं एनडीए गठबंधन के द्वारा जिला में कुल 5 जनसभा अब तक किया गया है. जबकि महागठबंधन के द्वारा 4 विधानसभा क्षेत्र में कुल 4 जनसभा की गई है. मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सैकड़ों जगह पर स्विप के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है. जिससे कि शत-प्रतिशत लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचकर मतदान कर सकें.

इन पहचान पत्रों से भी कर पाएंगे मतदान
जिस मतदाता के पास मतदाता पहचान पत्र, स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पासपोर्ट, सर्विस कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइवरी लाइसेंस, पासबुक, सरकारी पहचान पत्र, पेंशन दस्तावेज समेत कुल 12 पहचान पत्र होगा वह भी मतदान कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग के द्वारा यह सुविधाएं मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए दिये गये हैं. कुल 1844 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए 50 कंपनी अर्धसैनिक बल के जवानों को चारों विधानसभा क्षेत्र में लगाया जाएगा.

बक्सर: लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व चुनाव होता है. अगर उस पर्व में कोई बाधा आए तो दु:ख पहुंचता है. कुछ ऐसा ही दिख रहा है बक्सर में. यहां पर प्रशासन तो लोगों को बूथ तक पहुंचाने के लिए कई कार्य कर रहा है पर उसकी नजर कुछ-एक जगहों पर छूट ही जाती है.

जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर पंचायत के कुलहरिया गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 3 मतदान केंद्र बनाए गये हैं. 191, 191(क) एवं 192. लेकिन इस मतदान केंद्र पर जाने के लिए रास्ता ही नहीं है. मतलब अगर मतदान करने के लिए जाना है तो 'वैतरणी' जैसी नदी को पार करना होगा.

Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
मतदान केंद्र पर जाने वाली सड़क पर जलजमाव

सरकारी जमीन पर लोगों ने किया कब्जा
दरअसल, जो सरकारी सड़क है उस पर घुटने भर जलजमाव है. सड़क किनारे सरकारी जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा 6 महीना पहले कब्जा कर लिया गया. जिनके डर से ना तो कोई कुछ बोल पा रहा है और ना ही प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है. ग्रामीणों के द्वारा पिछले 6 माह के अंदर जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को सैकड़ों आवेदन दिया गया लेकिन सभी ने केवल आश्वासन दिया. इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण लोकतंत्र के महापर्व में हर मतदाता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वह मतदान केंद्र पर कैसे जाएंगे?

जिलाधिकारी ने इटीवी भारत को किया आश्वस्त
इससे पहले भी ईटीवी भारत द्वारा सदर प्रखंड के कमरपुर पंचायत के एक मतदान केंद्र पर जलजमाव की समस्या को दिखाया गया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने उस रास्ते को दुरुस्त कराने के साथ ही साथ ईटीवी भारत के टीम को धन्यवाद भी दिया था. इस मामले को लेकर भी जब हमारे संवाददाता ने जिलाधिकारी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि जल्द ही ऐसे सभी मतदान केंद्रों को चिन्हित कर समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा. जिससे कि शत-प्रतिशत मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंचकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कर सकें.

पेश है रिपोर्ट

क्या कहते हैं मतदानकर्मी
इस मतदान केंद्र पर चुनावी तैयारी में लगे उत्क्रमित मध्य विद्यालय के हेड मास्टर मदन प्रसाद ने बताया कि इस समस्या की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करके बीएलओ को उपलब्ध करा दिया हूं. उसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण मतदान प्रभावित होगा। जब हम लोगों को इतना डर लगता है, तो मतदाता कैसे आएंगे?

गौरतलब है कि शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग के द्वारा जिला में 50 कंपनी अर्धसैनिक बल के जवानों को लगाया गया है. लेकिन सवाल यह है कि जब मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंच ही नहीं पाएंगे, तो फिर शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त माहौल कायम करने का क्या लाभ होगा?

Voters will have trouble for go to the polling booth in buxar
मतदान केंद्र

बक्सर में पहले चरण में मतदान
पहले चरण में जिला के चारों विधानसभा सीट समेत बि हार के 71 सीटों पर 120 घंटे बाद, यानी 28 अक्टूबर को मतदान होगा. जिला के 12 लाख 66 हजार 567 मतदाता, 60 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. भारतीय जनता पार्टी एवं एनडीए गठबंधन के द्वारा जिला में कुल 5 जनसभा अब तक किया गया है. जबकि महागठबंधन के द्वारा 4 विधानसभा क्षेत्र में कुल 4 जनसभा की गई है. मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सैकड़ों जगह पर स्विप के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है. जिससे कि शत-प्रतिशत लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचकर मतदान कर सकें.

इन पहचान पत्रों से भी कर पाएंगे मतदान
जिस मतदाता के पास मतदाता पहचान पत्र, स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पासपोर्ट, सर्विस कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइवरी लाइसेंस, पासबुक, सरकारी पहचान पत्र, पेंशन दस्तावेज समेत कुल 12 पहचान पत्र होगा वह भी मतदान कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग के द्वारा यह सुविधाएं मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए दिये गये हैं. कुल 1844 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने के लिए 50 कंपनी अर्धसैनिक बल के जवानों को चारों विधानसभा क्षेत्र में लगाया जाएगा.

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