बक्सर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में व्यापक स्तर पर तैयारियां जारी है. प्रशासन की ओर से लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इस बीच पोलियो को लेकर भी लोगों में जागरुकता फैलाई जा रही हैं. जिले में पांच दिवसीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत रविवार को हुई. इस दौरान डीएम अमन समीर ने सदर प्रखंड स्थित छोटका नुआंव महादलित बस्ती में बच्चों को पल्स पोलियो का ड्रॉप पिलाया.
आगामी 28 अक्टूबर 2020 को होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इस दौरान मौके पर उपस्थित सभी मतदाताओं को शपथ दिलाई गई. जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है इसलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है. मौके पर उपविकास आयुक्त योगेश कुमार सागर, डीपीआरओ कन्हैया कुमार समेत जिला व सदर प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.
'पोलियो से बचाना जरूरी'
जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पोलियो एक खतरनाक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है. बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें पोलियो का खतरा ज्यादा है. यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुंचती है. इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका और एएनएम का क्षमतावर्धन किया गया है ताकि, वह डोर-टू-डोर भ्रमण कर बच्चों में शारीरिक विकृतियों की पहचान कर सके.
युद्धस्तर पर चलाया जा रहा अभियान
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की ‘दो बूंद’ दवा पिलाई जाएगी. जिले में लक्षित बच्चों की संख्या 2.59 लाख है. इसके लिए जिले में 757 टीम बनाई गई हैं. जो कुल 2.85 लाख घरों में भ्रमण करेगी. चौक-चौराहों पर भी दवा पिलाने के लिए जिले में 115 ट्रांजिट टीम बनाई गई हैं. इसके अलावा ईंट-भट्ठों और घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में भी दवा की पहुंच बनाने के लिए 12 मोबाइल टीम तैयार की गई है. सभी टीम की निगरानी के लिए 227 सुपरवाइजर भी तैयार किए गए हैं. एक सुपरवाइजर द्वारा 3 टीम का निरीक्षण किया जाएगा.
कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान
प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पहले की तरह बच्चों को ड्रॉप पिलाने के बाद हाथ में मार्कर से किसी तरह का निशान नहीं लगाया जाएगा. स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क और ग्लव्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है.