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बक्सर: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, सदर अस्पताल में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीन - गायनेलॉजिस्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल को अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराया था ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके, लेकिन डॉक्टरों की मनमानी के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन अभीतक चालू नहीं हो पाया है.

सदर अस्पताल में धूल फांक रहा नया अल्ट्रासाउंड मशीन
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Published : Nov 11, 2019, 2:06 PM IST

बक्सर: सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है. जिले में सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है. इस कारण यहां आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल को अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराया था ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके. लेकिन मशीन खराब होने के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिये दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है.

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सदर अस्पताल, बक्सर

डॉक्टरों की मनमानी
मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन चालू करने से पहले गायनोकोलॉजिस्ट या अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉक्टर के आईडी पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट तो हैं लेकिन वो अपने नाम पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहती.

जानकारी देतीं सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लूट के अगल-अलग मामलों में 6 अपराधी गिरफ्तार

शिकायत के बाद भी नहीं लिया गया संज्ञान
उन्होंने बताया कि जब भी इनपर रजिस्ट्रेशन के लिये दबाव दिया जाता है तो नौकरी छोड़ने की धमकी देकर पल्ला झाड़ लेती हैं. इस मामले को लेकर कई बार वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन किसी ने भी अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया. इस कारण लाखों रुपए का यह अल्ट्रासाउंड मशीन स्टोर रूम में धूल फांक रहा है.

बक्सर: सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है. जिले में सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है. इस कारण यहां आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल को अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराया था ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके. लेकिन मशीन खराब होने के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिये दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है.

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सदर अस्पताल, बक्सर

डॉक्टरों की मनमानी
मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन चालू करने से पहले गायनोकोलॉजिस्ट या अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉक्टर के आईडी पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट तो हैं लेकिन वो अपने नाम पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहती.

जानकारी देतीं सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लूट के अगल-अलग मामलों में 6 अपराधी गिरफ्तार

शिकायत के बाद भी नहीं लिया गया संज्ञान
उन्होंने बताया कि जब भी इनपर रजिस्ट्रेशन के लिये दबाव दिया जाता है तो नौकरी छोड़ने की धमकी देकर पल्ला झाड़ लेती हैं. इस मामले को लेकर कई बार वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन किसी ने भी अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया. इस कारण लाखों रुपए का यह अल्ट्रासाउंड मशीन स्टोर रूम में धूल फांक रहा है.

Intro:विभागीय लापरवाही के कारण 18 महीना से धूल फांक रहा है सदर अस्पताल में नया अल्ट्रासाउंड मशीन ,केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे के पहल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेढ़ वर्ष पहले सदर अस्पताल को उपलब्ध कराया गया था अल्ट्रासाउंड मशीन।


Body:स्वास्थ्य बिभाग के अधिकारियों की लापरवाही एवं डाक्टरो की मनमानी के कारण ,बक्सर सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले डेढ़ वर्षो से धूल फांक रहा है ,मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के पहल पर , बक्सर जिला के मरीजों को जिला के ही सरकारी अस्पतालों में, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए लाखों रुपए की लागत से अल्ट्रासाउंड मशीन 18 महीना पहले उपलब्ध कराया गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही एवं डॉक्टरों की मनमानी के कारण यह अल्ट्रासाउंड मशीन अब तक चालू नहीं हो पाया, इस मामले को लेकर जब बक्सर सिविल सर्जन डॉ उषा किरण से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन चालू करने से पहले गायनोलॉजिस्ट या अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉक्टर के आईडी पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है ,,हमारे यहां गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं ,लेकिन वह अपने नाम पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना चाहती हैं ,जब भी हम लोगों के द्वारा यह दबाव दिया जाता है, तो नौकरी छोड़ने की धमकी देकर पल्ला झाड़ लेती है। इस मामले को लेकर कई बार वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन किसी ने भी अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया। जिसके कारण लाखों रुपए का यह अल्ट्रासाउंड मशीन स्टोर रूम में धूल फांक रहा है।


Conclusion:गौरतलब है कि बक्सर सदर अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी इस कदर देखने को मिलती है , की सदर अस्पताल में तैनात होने के बावजूद भी सदर अस्पताल में आने की बजाए अपने निजी नर्सिंग होम ही डियूटी देना मुनाशिब समझते है,।
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