बक्सर: सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है. जिले में सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है. इस कारण यहां आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले सदर अस्पताल को अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराया था ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके. लेकिन मशीन खराब होने के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिये दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है.
डॉक्टरों की मनमानी
मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन चालू करने से पहले गायनोकोलॉजिस्ट या अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट डॉक्टर के आईडी पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट तो हैं लेकिन वो अपने नाम पर इस मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहती.
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शिकायत के बाद भी नहीं लिया गया संज्ञान
उन्होंने बताया कि जब भी इनपर रजिस्ट्रेशन के लिये दबाव दिया जाता है तो नौकरी छोड़ने की धमकी देकर पल्ला झाड़ लेती हैं. इस मामले को लेकर कई बार वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया लेकिन किसी ने भी अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया. इस कारण लाखों रुपए का यह अल्ट्रासाउंड मशीन स्टोर रूम में धूल फांक रहा है.