बक्सर: बिहार के बक्सर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने ससुर और देवर को दोषी पाते हुए सात साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई (Dowry death case hearing in Buxar) है. वहीं इस मामले में आरोपी बनाये गये पति को कोर्ट ने निर्दोष करार दिया है. उसे न्यायालय से बरी कर दिया गया है. बता दें कि घटना के समय वह दिल्ली में नौकरी कर रहा था. लोक अभियोजक गोपाल जी शर्मा ने बताया कि मामला वर्ष 2015 का है.
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वर्ष 2015 का है मामला: घटना की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक गोपाल जी शर्मा ने बताया कि 17 अप्रैल 2015 को औद्योगिक थाना क्षेत्र के दहिबर गांव निवासी कंचन देवी की शादी बगेन गोला थाना क्षेत्र के एकरासी गांव निवासी महेश सेठ के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग सोने की अंगूठी की मांग करते थे. इसके लिए कंचन देवी को प्रताड़ित किया जाता था. शादी के वर्ष ही घटना के दिन सूचना मिली कि कंचन ने अपने कमरे को बंद कर आत्महत्या कर ली थी.
परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया था: उन्होंने बताया कि मृतका के मायके वालों ने इसे दहेज हत्या करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई. परिजनों ने कहा कि हत्या के बाद इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है. मामले में मृतका के पति महेश सेठ उर्फ राजेश सेठ, सास सुनीता देवी ससुर त्रिलोकी सेठ एवं देवर सूरज उर्फ तूफान सेठ को आरोपी बनाया गया था.
पति निर्दोष करार : सुनवाई के दौरान पुलिस की रिपोर्ट और गवाहों के बयान सुनने के पश्चात न्यायालय ने मृतका के पति महेश सेठ को निर्दोष करार देते हुए उसे बरी कर दिया. क्योंकि घटना के समय वह दिल्ली में नौकरी कर रहा था. वहीं सास सुनीता देवी, ससुर त्रिलोकी सेठ एवं देवर सूरज उर्फ तूफान सेठ को हत्या में शामिल पाया गया. हालांकि सास की मृत्यु भी पहले ही हो गई है.