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बक्सरः 9 महीने बाद स्कूलों में लौटी रौनक, सहपाठी से मिल छात्र-छात्राओं के खिले चेहरे - बक्सर में 9 महीने बाद खुला स्कूल

वैश्विक महामारी कोरोना के बीच 9 महीने बाद आज स्कूल खुल गया. स्कूल खुलने पर परिसर में फिर से रौनक लौट आयी है. वहीं स्कूल प्रशासन का दावा है कि स्कूल में कोविड-19 को प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है.

स्कूल पहुंची छात्राएं
स्कूल पहुंची छात्राएं
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Published : Jan 4, 2021, 2:34 PM IST

बक्सरः वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद जिले के 9वीं कक्षा से ऊपर के सभी स्कूल खोल दिए गए हैं. 9 माह बाद स्कूल खुलने से छात्र और छात्राएं काफी खुश नजर आए. इस दौरान स्कूलों में कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन किया गया. सभी क्लास रूम को सैनिटाइज कर,स्कूल प्रशासन ने सभी छात्र- छात्राओं को मास्क भी उपलब्ध कराया.

स्कूलों में लौटी रौनक

आज से 9 वीं क्लास से के सभी स्कूल, कॉलेजों को खोल दिया गया है. कोरोना के बीच में 9 महीने बाद खुले स्कूलो में से एमपी हाईस्कूल का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो देखा कि छात्र- छात्राओं की चहलकदमी से पूरा स्कूल कैम्पस में रौनक लौट आई. लम्बे समय बाद अपने सहपाठियों से मिलने की खुशी थी.

देखें रिपोर्ट
कोरोना रहा चर्चा का विषयमार्च के बाद से छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे तो उनके बीच चर्चा का प्रमुख विषय कोरोना रहा. क्लास में विद्यार्थियो को पढ़ा रहे शिक्षकों ने भी माना कि कोरोना ने शिक्षा जगत को चौपट कर दिया है. इसलिए हमें कोरोना से बचना है और पढ़ाई भी करना है.
कक्षाओं में पढ़ती छात्राएं
कक्षाओं में पढ़ती छात्राएं
क्या कहती हैं छात्राएं

छात्राओं ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर स्कूलों के द्वारा जो ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई थी. उससे कोई फायदा नहीं हुआ. क्योंकि फिजिकली शिक्षक के समक्ष उपस्थित होकर पढ़ाई के दौरान जो बातें समझ में आती है. वह ऑनलाइन समझ में नहीं आई. जिसके कारण पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है. परीक्षा में कुछ महीने शेष रह गए हैं. हम लोग बेहतर प्रदर्शन करने के लिए दिन रात एक कर देंगे.

क्या कहते हैं शिक्षक

एमपी हाई स्कूल के प्रिंसिपल विजय मिश्रा ने बताया कि, सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा जो गाइडलाइन दिया गया है. उसके अनुरूप ही छात्र-छात्राओं को सेक्शन वाइज बुलाया गया है. हमारे विद्यालय में तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं हैं. 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को आज बुलाया गया है. 9 महीने तक स्कूल से दूर रहने के कारण छात्र-छात्राओ के शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है. कोविड के नियमों का पालन कर, स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था कर बच्चों को कम समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी. जिससे उनका बेस भी मजबूत हो और आने वाले परीक्षा में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकें

बक्सरः वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद जिले के 9वीं कक्षा से ऊपर के सभी स्कूल खोल दिए गए हैं. 9 माह बाद स्कूल खुलने से छात्र और छात्राएं काफी खुश नजर आए. इस दौरान स्कूलों में कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन किया गया. सभी क्लास रूम को सैनिटाइज कर,स्कूल प्रशासन ने सभी छात्र- छात्राओं को मास्क भी उपलब्ध कराया.

स्कूलों में लौटी रौनक

आज से 9 वीं क्लास से के सभी स्कूल, कॉलेजों को खोल दिया गया है. कोरोना के बीच में 9 महीने बाद खुले स्कूलो में से एमपी हाईस्कूल का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो देखा कि छात्र- छात्राओं की चहलकदमी से पूरा स्कूल कैम्पस में रौनक लौट आई. लम्बे समय बाद अपने सहपाठियों से मिलने की खुशी थी.

देखें रिपोर्ट
कोरोना रहा चर्चा का विषयमार्च के बाद से छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे तो उनके बीच चर्चा का प्रमुख विषय कोरोना रहा. क्लास में विद्यार्थियो को पढ़ा रहे शिक्षकों ने भी माना कि कोरोना ने शिक्षा जगत को चौपट कर दिया है. इसलिए हमें कोरोना से बचना है और पढ़ाई भी करना है.
कक्षाओं में पढ़ती छात्राएं
कक्षाओं में पढ़ती छात्राएं
क्या कहती हैं छात्राएं

छात्राओं ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर स्कूलों के द्वारा जो ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई थी. उससे कोई फायदा नहीं हुआ. क्योंकि फिजिकली शिक्षक के समक्ष उपस्थित होकर पढ़ाई के दौरान जो बातें समझ में आती है. वह ऑनलाइन समझ में नहीं आई. जिसके कारण पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है. परीक्षा में कुछ महीने शेष रह गए हैं. हम लोग बेहतर प्रदर्शन करने के लिए दिन रात एक कर देंगे.

क्या कहते हैं शिक्षक

एमपी हाई स्कूल के प्रिंसिपल विजय मिश्रा ने बताया कि, सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा जो गाइडलाइन दिया गया है. उसके अनुरूप ही छात्र-छात्राओं को सेक्शन वाइज बुलाया गया है. हमारे विद्यालय में तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं हैं. 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को आज बुलाया गया है. 9 महीने तक स्कूल से दूर रहने के कारण छात्र-छात्राओ के शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है. कोविड के नियमों का पालन कर, स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था कर बच्चों को कम समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी. जिससे उनका बेस भी मजबूत हो और आने वाले परीक्षा में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकें

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