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गंगा के बढ़ते जलस्तर ने अधिकारियों की बढ़ाई चिंता, छठव्रतियों को हो सकती है परेशानी - गंगा के जलस्तर से अधिकारियों की चिंता बढ़ी

नहाए खाए के साथ 8 नवंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी में जुटे जिला प्रशासन के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहे गंगा के जलस्तर के कारण घाटों की चौड़ाई कम होते जा रही है. ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी हर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं कि घाटों पर बैरिकेडिंग और साफ सफाई कैसे कराएं. पढ़ें ये रिपोर्ट...

बक्सर
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Published : Oct 31, 2021, 8:12 AM IST

बक्सर: जीवनदायिनी मां गंगा के बढ़ते जलस्तर ने बक्सर जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. 8 नवंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja In Buxar) की तैयारी में जुटे अधिकारी घाटों की सफाई और बैरिकेडिंग नहीं करा पा रहे हैं. बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 28 घाटों पर छठव्रती सूर्य को अर्घ्य दे पाएंगे. पूरे जिले में 86 घाट बनाए गए हैं. गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा जिला पुलिस बल के जवानों और गोताखोरों को घाट के किनारे तैनात किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- छठ घाट निर्माण प्रक्रिया में आई तेजी, गंगा का जलस्तर कम होते ही युद्धस्तर पर PMC कर रहा तैयारी

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पूरे जिले में छठ व्रतियों के लिए जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों ने कुल 84 घाट को चिन्हित किया है. बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 28 घाट हैं. जहां छठव्रतियों के लिए अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है, लेकिन निरन्तर बढ़ते गंगा के जलस्तर को देख घाटों की लंबाई बढ़ाने में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोग जुटे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर पर चिंता जताते हुए नगरपरिषद के वाइस चेयरमैन इंद्र प्रताप सिंह उर्फ बब्बन सिंह ने कहा कि गंगा का जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है, ऐसे में बैरिकेडिंग करने से लेकर घाटों की साफ-सफाई करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. यह निर्णय ही नहीं हो पा रहा है कि गंगा में बैरिकेडिंग कहां तक कराया जाए.

ये भी पढ़ें- छठ पर्व को लेकर CM नीतीश ने कई गंगा घाटों का किया निरीक्षण

''पानी लगातार बढ़ रहा है. यदि पानी उतर भी गया तो फिर दलदल की समस्या से जूझना पड़ेगा. पूरे नगर परिषद क्षेत्र में कुल 29 घाट चिन्हित किए गए हैं, जिसमें से 1 खतरनाक घाट है. नगर वासियों को पिछले साल से भी बेहतर व्यवस्था छठव्रत के दौरान उपलब्ध कराया जाएगा.''- इंद्र प्रताप सिंह, वाइस चेयरमैन, नगरपरिषद

गंगा नदी की बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर, पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह, नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने गंगा घाटों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने नगर परिषद के अधिकारियों को कई निर्देश दिए. जिसकी जानकारी देते हुए नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए घाटों की लंबाई बढ़ाई जा रही है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: दीपावली और छठ के पहले किन्नरों ने बिखेरा जलवा.. दी लोगों को बधाई

''छठव्रतियों के लिए बालू से भरे बैग से अर्घ्य देने के लिए सीढ़ीनुमा रास्ता बनाया जाएगा. घाट से लेकर नगर के हर चौक चौराहे को रौशनी से दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. कोरोना काल के बाद पहली बार लोग उत्साहित होकर गंगा घाटों पर छठ पूजा करने के लिए आएंगे, जिनको बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.''- प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगरपरिषद

गौरतलब है कि बक्सर रामरेखा घाट पर देश के अलग-अलग प्रदेशों के अलावा विदेशों से भी लोग छठ व्रत करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. जिसको देखते हुए शहर के चौक चौराहों और गंगा घाटों की साफ सफाई कराने में जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारी जुटे हुए हैं. पिछले साल केंद्रीय शहरी नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा जिस तरह से बक्सर शहर को देश का दूसरा सबसे गंदा शहर बताया गया था. इस बार माथे पर लगे उस धब्बे को मिटाने की भी कोशिश होगी.

बक्सर: जीवनदायिनी मां गंगा के बढ़ते जलस्तर ने बक्सर जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. 8 नवंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja In Buxar) की तैयारी में जुटे अधिकारी घाटों की सफाई और बैरिकेडिंग नहीं करा पा रहे हैं. बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 28 घाटों पर छठव्रती सूर्य को अर्घ्य दे पाएंगे. पूरे जिले में 86 घाट बनाए गए हैं. गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा जिला पुलिस बल के जवानों और गोताखोरों को घाट के किनारे तैनात किया जाएगा.

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गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पूरे जिले में छठ व्रतियों के लिए जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों ने कुल 84 घाट को चिन्हित किया है. बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में कुल 28 घाट हैं. जहां छठव्रतियों के लिए अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है, लेकिन निरन्तर बढ़ते गंगा के जलस्तर को देख घाटों की लंबाई बढ़ाने में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोग जुटे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर पर चिंता जताते हुए नगरपरिषद के वाइस चेयरमैन इंद्र प्रताप सिंह उर्फ बब्बन सिंह ने कहा कि गंगा का जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है, ऐसे में बैरिकेडिंग करने से लेकर घाटों की साफ-सफाई करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. यह निर्णय ही नहीं हो पा रहा है कि गंगा में बैरिकेडिंग कहां तक कराया जाए.

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''पानी लगातार बढ़ रहा है. यदि पानी उतर भी गया तो फिर दलदल की समस्या से जूझना पड़ेगा. पूरे नगर परिषद क्षेत्र में कुल 29 घाट चिन्हित किए गए हैं, जिसमें से 1 खतरनाक घाट है. नगर वासियों को पिछले साल से भी बेहतर व्यवस्था छठव्रत के दौरान उपलब्ध कराया जाएगा.''- इंद्र प्रताप सिंह, वाइस चेयरमैन, नगरपरिषद

गंगा नदी की बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर, पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह, नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने गंगा घाटों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने नगर परिषद के अधिकारियों को कई निर्देश दिए. जिसकी जानकारी देते हुए नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए घाटों की लंबाई बढ़ाई जा रही है.

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''छठव्रतियों के लिए बालू से भरे बैग से अर्घ्य देने के लिए सीढ़ीनुमा रास्ता बनाया जाएगा. घाट से लेकर नगर के हर चौक चौराहे को रौशनी से दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. कोरोना काल के बाद पहली बार लोग उत्साहित होकर गंगा घाटों पर छठ पूजा करने के लिए आएंगे, जिनको बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.''- प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगरपरिषद

गौरतलब है कि बक्सर रामरेखा घाट पर देश के अलग-अलग प्रदेशों के अलावा विदेशों से भी लोग छठ व्रत करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. जिसको देखते हुए शहर के चौक चौराहों और गंगा घाटों की साफ सफाई कराने में जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारी जुटे हुए हैं. पिछले साल केंद्रीय शहरी नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा जिस तरह से बक्सर शहर को देश का दूसरा सबसे गंदा शहर बताया गया था. इस बार माथे पर लगे उस धब्बे को मिटाने की भी कोशिश होगी.

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