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बक्सर में धड़ल्ले से चल रहा सैकड़ों अवैध नर्सिंग होम, बोले CS- कार्रवाई का दिया गया है निर्देश

सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. जिले में चल रहे अवैध निजी नर्सिंग होम पर छापेमारी कर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है.

बक्सर
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Published : Nov 4, 2020, 7:50 AM IST

बक्सर: जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जिले के 11 प्रखंड में अवैध निजी नर्सिंग होम का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जहां आए दिन इलाज के दौरान मरीजों की मौत हो जाती है. हंगामा बढ़ता देख जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम पर कोरम पूरा कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है.

3 निजी नर्सिंग होम के पास है लाइसेंस
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के दोनों अनुमंडल में सैकड़ों निजी नर्सिंग होम अवैध रूप से चल रहे हैं. जिसमें से मात्र 3 निजी नर्सिंग होम के पास ही लाइसेंस है. इसके बाद भी अवैध रूप से चल रहे निजी नर्सिंग होम पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके कारण गली-गली में निजी नर्सिंग होम का कारोबार खूब फल फूल रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

कैसे हो रहा है कारोबार
स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से निजी नर्सिंग होम के कर्मचारी मरीज की वेशभूषा में सरकारी अस्पताल के अलग-अलग जगहों पर खड़े रहते हैं. जैसे ही मरीज सरकारी अस्पताल में पहुंचता है, उसे इलाज के नाम पर बेहतर सुविधा देने की बात कहकर निजी नर्सिंग होम भेज दिया जाता है. जहां इलाज के नाम पर उससे मोटी राशि की वसूली की जाती है. मरीजों के द्वारा इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को देने के बाद भी, उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है । जब किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो हंगामा बढ़ता देख जांच के नाम पर कोरम पूरा कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
अवैध रूप से चल रहे सैकड़ों निजी नर्सिंग होम को लेकर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. जिले में चल रहे अवैध निजी नर्सिंग होम पर छापेमारी कर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है. जांच टीम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई भी की जाएगी. फिलहाल, जिले में तीन निजी नर्सिंग होम है. जिसके पास लाइसेंस है. बाकी निजी नर्सिंग होम अवैध रूप से चल रहा है.

कहा तो यह भी जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे निजी नर्सिंग होम कर्मियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई करने में परहेज करते हैं.

बक्सर: जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जिले के 11 प्रखंड में अवैध निजी नर्सिंग होम का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जहां आए दिन इलाज के दौरान मरीजों की मौत हो जाती है. हंगामा बढ़ता देख जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम पर कोरम पूरा कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है.

3 निजी नर्सिंग होम के पास है लाइसेंस
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के दोनों अनुमंडल में सैकड़ों निजी नर्सिंग होम अवैध रूप से चल रहे हैं. जिसमें से मात्र 3 निजी नर्सिंग होम के पास ही लाइसेंस है. इसके बाद भी अवैध रूप से चल रहे निजी नर्सिंग होम पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके कारण गली-गली में निजी नर्सिंग होम का कारोबार खूब फल फूल रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

कैसे हो रहा है कारोबार
स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से निजी नर्सिंग होम के कर्मचारी मरीज की वेशभूषा में सरकारी अस्पताल के अलग-अलग जगहों पर खड़े रहते हैं. जैसे ही मरीज सरकारी अस्पताल में पहुंचता है, उसे इलाज के नाम पर बेहतर सुविधा देने की बात कहकर निजी नर्सिंग होम भेज दिया जाता है. जहां इलाज के नाम पर उससे मोटी राशि की वसूली की जाती है. मरीजों के द्वारा इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को देने के बाद भी, उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है । जब किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो हंगामा बढ़ता देख जांच के नाम पर कोरम पूरा कर मामले की लीपापोती कर दी जाती है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
अवैध रूप से चल रहे सैकड़ों निजी नर्सिंग होम को लेकर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. जिले में चल रहे अवैध निजी नर्सिंग होम पर छापेमारी कर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है. जांच टीम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई भी की जाएगी. फिलहाल, जिले में तीन निजी नर्सिंग होम है. जिसके पास लाइसेंस है. बाकी निजी नर्सिंग होम अवैध रूप से चल रहा है.

कहा तो यह भी जाता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे निजी नर्सिंग होम कर्मियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई करने में परहेज करते हैं.

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