बक्सर : बिहार के बक्सर में ब्रह्मपुर थाने से शराब की बिक्री करने के आरोप में बक्सर एसपी ने थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराई है. इसके साथ ही 6 लोगों को सस्पेंड और दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपी थानाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि यह एसडीपीओ की साजिश है. अब इस मामले में एसडीपीओ की भूमिका पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने सवाल उठाया है और मामले की जांच की मांग की है.
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थाने की सीसीटीवी फुटेज जांच की मांग : सत्ताधारी दल कांग्रेस से लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेताओं ने एसपी से थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि जब थानेदार ने पहले ही एसडीपीओ पर स्टेशन डायरी की थी. उसके बाद भी एसपी ने मामले की जांच बारीकी से क्यों नहीं की? वहीं थानेदार इस दौरान छुट्टी पर जाने की बात बता रहा है. ऐसे में बीजेपी ने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए जंगलराज की संज्ञा दी है.
"यही तो है लालू का जंगल राज जहां थाने से ही शराब की बिक्री होती है और दोषियों को छोड़कर निर्दोषों पर कार्रवाई कर दी जाती है. जब आरोपी थानेदार बार-बार कह रहा है कि मुझे एसडीपीओ ने फंसाया है. उसके बाद भी एसपी थाने की सीसीटीवी फुटेज की क्यों नहीं जांच कर रहे हैं. इस पूरे प्रकरण में एसडीपीओ की भूमिका की जांच होनी चाहिए और एसडीपीओ को सामने आकर इस मामले में पूरी बात बतानी चाहिए".- भोला सिंह, जिलाध्यक्ष, बीजेपी
'निर्दोषों को क्लीन चिट दे एसपी' : इस मामले पर सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि बीजेपी नेता बौखलाहट और बेचैनी में अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. डेढ़ साल पहले जब यही लोग नीतीश कुमार के साथ थे, तो क्या उस समय प्रदेश में मंगल राज था और अब जंगल राज हो गया है. ब्रह्मपुर थाने में पुलिसकर्मियों के शराब बेचने का मामला सामने आना निश्चित रूप से बेहद शर्मनाक है. एसपी से आग्रह है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच होनी चाहिए. इसमें जो पुलिसकर्मी शराब पीते या बेचते दिखे उस पर कार्रवाई हो और बाकी को छोड़ दिया जाए.
"डुमरांव अनुमंडल के अन्य थानेदारों से फीडबैक मिल रहा है. सभी थानेदारों का यही आरोप है कि एसडीपीओ उन पर दबाव बनाते हैं. खुलकर उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. इस मामले में भी बैजनाथ चौधरी का जो बयान आया है और उन्होंने एसडीपीओ पर जो आरोप लगाया है. उसकी जांच एसपी स्वयं करें. इस मामले में एसडीपीओ की भूमिका की जांच होनी चाहिए".- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, विधायक, कांग्रेस
सरकार की हो रही किरकिरी : गौरतलब है कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी का कानून लागू है. वहीं पिछले चार दिनों के अंदर जिस तरह से बिहार के वैशाली और उसके बाद बक्सर में थाने से शराब बेचने का मामला प्रकाश में आया है. उससे बिहार सरकार की खूब किरकिरी हो रही है. सोशल मीडिया पर लोग जमकर राज्य सरकार को ट्रोल कर रहे हैं. वहीं बैजनाथ चौधरी को निर्दोष तो एसडीपीओ को दोषी बता रहे हैं और इस पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे है.