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बक्सरः यूरिया की कालाबाजारी से परेशान किसान, पुलिस ने जब्त की 80 बोरियां

जिले में विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. किसानों ने इटाढ़ी थाना की कालाबाजारी की गुप्त सूचना दी थी. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी करके सफेद पिकअप से यूरिया की बोरियां जब्त की.

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Published : Feb 10, 2021, 9:21 AM IST

बक्सरः जिले में धड़ल्ले से यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. ताजा मामला इटाढ़ी थाना क्षेत्र का है. यहां पुलिस ने कालाबाजारी के लिए ले जाई जा रही 80 बोरी यूरिया जब्त किया है. गेंहू की दूसरी बार पटवन करने के बाद किसान खेतों में यूरिया का छिड़काव करने के लिए दुकान से लेकर कृषि कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. इससे गेहूं की फसल खराब होने लगी है.

कार्रवाई में जुटी पुलिस
इटाढ़ी थाना प्रभारी ने प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी कृष्ण मोहन चौधरी को यूरिया जब्त करने की सूचना दे दी है. जांच पड़ताल के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी के दिये गए आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज करके पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

कोरोना महामारी ने तोड़ दी किसानों की कमर
सदर प्रखंड के नादांव पंचायत के किसान कन्हैया दुबे ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में कर्ज लेकर 5 बीघा खेती की थी. उन्होंने बताया कि खरीफ फसल के दौरान कोरोना महामारी ने कमर तोड़ दी तो रवि फसल के अच्छे उपज की उम्मीद थी. इससे फसल बेचकर महाजनों का कर्ज चुका पाते.

दुकानदारों की मनमानी
किसान कन्हैया दुबे ने बताया कि पिछले 15 दिनों से खेत का पटवन करके यूरिया के लिए स्थानीय दुकानदार से लेकर कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन यूरिया नहीं मिल रहा है. साथ ही शिकायत करने पर अधिकारी भी अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं. अधिकारियों और स्थानीय दुकानदारों की मनमानी के कारण किसान 265 रुपये की यूरिया 500 रुपये प्रति बोरी खरीदने के लिए मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ेः ये चिट्ठी तो बवाली है! ढाई घंटे में मेवालाल की हो गई थी 'छुट्टी', अब लेसी की है बारी?

यूरिया की कालाबाजारी
गौरतलब है कि जिले में बड़े पैमाने पर यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. निजी लाभ लेने के लिए दुकानदारो से साठगांठ करके अधिकारी आवश्यकता से कई गुणा अधिक यूरिया उनके गोदामो में डंप करा देते हैं. इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

बक्सरः जिले में धड़ल्ले से यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. ताजा मामला इटाढ़ी थाना क्षेत्र का है. यहां पुलिस ने कालाबाजारी के लिए ले जाई जा रही 80 बोरी यूरिया जब्त किया है. गेंहू की दूसरी बार पटवन करने के बाद किसान खेतों में यूरिया का छिड़काव करने के लिए दुकान से लेकर कृषि कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. इससे गेहूं की फसल खराब होने लगी है.

कार्रवाई में जुटी पुलिस
इटाढ़ी थाना प्रभारी ने प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी कृष्ण मोहन चौधरी को यूरिया जब्त करने की सूचना दे दी है. जांच पड़ताल के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी के दिये गए आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज करके पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

कोरोना महामारी ने तोड़ दी किसानों की कमर
सदर प्रखंड के नादांव पंचायत के किसान कन्हैया दुबे ने बताया कि उन्होंने कोरोना काल में कर्ज लेकर 5 बीघा खेती की थी. उन्होंने बताया कि खरीफ फसल के दौरान कोरोना महामारी ने कमर तोड़ दी तो रवि फसल के अच्छे उपज की उम्मीद थी. इससे फसल बेचकर महाजनों का कर्ज चुका पाते.

दुकानदारों की मनमानी
किसान कन्हैया दुबे ने बताया कि पिछले 15 दिनों से खेत का पटवन करके यूरिया के लिए स्थानीय दुकानदार से लेकर कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन यूरिया नहीं मिल रहा है. साथ ही शिकायत करने पर अधिकारी भी अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं. अधिकारियों और स्थानीय दुकानदारों की मनमानी के कारण किसान 265 रुपये की यूरिया 500 रुपये प्रति बोरी खरीदने के लिए मजबूर हो गए हैं.

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यूरिया की कालाबाजारी
गौरतलब है कि जिले में बड़े पैमाने पर यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. निजी लाभ लेने के लिए दुकानदारो से साठगांठ करके अधिकारी आवश्यकता से कई गुणा अधिक यूरिया उनके गोदामो में डंप करा देते हैं. इससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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