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भीषण गर्मी में सूख गए हैंडपंप, दूर दराज से पानी लाकर लोग बुझाते हैं प्यास

भीषण गर्मी और मौसम की बेरुखी के कारण लगातार जमीन के अंदर का जलस्तर घटता जा रहा है. जिसकी वजह से चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है.

सूखा पड़ा हैंडपंप
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Published : May 29, 2019, 1:46 PM IST

बक्सरः पानी की किल्लत ने बक्सर वासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भीषण गर्मी में यहां पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. समस्या को दूर करने के लिए विभागीय कवायद तेज हो गई है.

दूर-दराज से लोग लाते हैं पानी
रोजाना बढ़ रही सूर्य की तपिश ने बिहार के एक दर्जन से अधिक जिलों में अकाल जैसे हालात हो गए हैं. जिसमें बक्सर भी शामिल है. भीषण गर्मी और मौसम की बेरुखी के कारण लगातार जमीन के अंदर का जलस्तर घटता जा रहा है. जिस कारण अब चापाकल से पानी भी निकलना बंद हो गया है. हालत ये है कि लोग दूर-दराज से पीने के लिए पानी की व्यवस्था करने में लगे हैं.

सूखे पड़े हैंडपंप और बयान देते लोग

PHED ने किया टीम का गठन
इस जल संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश पर पीएचईडी विभाग ने 5 सदस्यीय 5 टीम का गठन किया है. जो जिले में बंद पड़े सभी चापाकलों को दुरूस्त करके लोगों को पानी उपलब्ध कराएगा. वहीं, पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों ने बताया कि अब चापाकल से पानी निकलना भी बंद हो गया है. अभी तक कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं आया है. किसी तरह से हम लोग पीने की पानी की व्यवस्था करने में लगे हैं.

water crisis
सूखा पड़ा हैंडपंप

जूनियर इंजीनियर ने क्या कहा ?
इस समस्या को लेकर पीएचईडी विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश मिश्रा ने बताया कि विभाग को अब तक 10 शिकायत मिली है. जहां विभाग की टीम ने पहुंचकर समस्या को दूर किया है. सुरेश मिश्रा ने ये भी बताया कि विभाग के पास पहले से 2 पानी के टैंकर उपलब्ध हैं. जबकि 5 टैंकर उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है. हालात अभी नियंत्रण में है.

बक्सरः पानी की किल्लत ने बक्सर वासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भीषण गर्मी में यहां पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. समस्या को दूर करने के लिए विभागीय कवायद तेज हो गई है.

दूर-दराज से लोग लाते हैं पानी
रोजाना बढ़ रही सूर्य की तपिश ने बिहार के एक दर्जन से अधिक जिलों में अकाल जैसे हालात हो गए हैं. जिसमें बक्सर भी शामिल है. भीषण गर्मी और मौसम की बेरुखी के कारण लगातार जमीन के अंदर का जलस्तर घटता जा रहा है. जिस कारण अब चापाकल से पानी भी निकलना बंद हो गया है. हालत ये है कि लोग दूर-दराज से पीने के लिए पानी की व्यवस्था करने में लगे हैं.

सूखे पड़े हैंडपंप और बयान देते लोग

PHED ने किया टीम का गठन
इस जल संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश पर पीएचईडी विभाग ने 5 सदस्यीय 5 टीम का गठन किया है. जो जिले में बंद पड़े सभी चापाकलों को दुरूस्त करके लोगों को पानी उपलब्ध कराएगा. वहीं, पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों ने बताया कि अब चापाकल से पानी निकलना भी बंद हो गया है. अभी तक कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं आया है. किसी तरह से हम लोग पीने की पानी की व्यवस्था करने में लगे हैं.

water crisis
सूखा पड़ा हैंडपंप

जूनियर इंजीनियर ने क्या कहा ?
इस समस्या को लेकर पीएचईडी विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश मिश्रा ने बताया कि विभाग को अब तक 10 शिकायत मिली है. जहां विभाग की टीम ने पहुंचकर समस्या को दूर किया है. सुरेश मिश्रा ने ये भी बताया कि विभाग के पास पहले से 2 पानी के टैंकर उपलब्ध हैं. जबकि 5 टैंकर उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है. हालात अभी नियंत्रण में है.

Intro:बक्सर/ऐंकर-"पानी की किल्लत ने बक्सर वासियों की बढ़ाई मुश्किलें,समश्या दूर करने के लिए बिभागीय कवायद हुआ तेज,जिला प्रशासन के निर्देश पर 5 सदस्यीय 5 टीम का किया गया गठन,युद्धस्तर पर बन्द पड़े नलों को चालू करने का डीएम ने दिया निर्देश।


Body:दिन प्रति दिन बढ़ रहे सूर्य की तपिस ने बिहार के एक दर्जन से अधिक जिलों में अकाल की स्थिति उतपन्न कर दिया है,भीषण गर्मी और मौसम की बेरुखी के कारण लगातार जमीन के अंदर की जलस्तर घटते जा रहा है,जिसके कारण अब चापाकल से पानी भी निकलना बंद हो गया है,हालात ऐसे हो गया है।कि लोग दूर दराज से पिने के लिए पानी की व्यवस्था करने में लगे है। बक्सर जिला में उतपन्न हुए इस जल संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश पर पीएचडी बिभाग के 5 सदस्यीय 5 टीम का गठन कर अभिलम्ब जिला में बंद पड़े सभी चापाकलों को दुरुस्त कर पूरे इलाके के लोगो को पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। वही इस समश्या को लेकर पीएचडी बिभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश मिश्रा ने बताया कि,बिभाग को अब तक 10 कम्पलेन प्राप्त हुआ है। जहाँ पीएचडी बिभाग के टीम पहुँचकर समश्या को दूर किया है बिभाग के पास पहले से 2 पानी का टैंकर उपलब्ध है,जबकि 5 टैंकर उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है।हालात अभी नियंत्रण में है।

byte- सुरेश मिश्रा जूनियर इंजीनियर पीएचडी बिभाग

वही पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगो ने बताया कि अब चापाकल से पानी निकलना भी बंद हो गया है अभी तक कोई भी अधिकारी सुध लेने के लिए नही आये है। किसी तरह से हम लोग पीने की पानी की व्यवस्था करने में लगे है।

byte ग्रामीण


Conclusion:हम आपको बताते चलें पछुआ हवा के थपेडा और बढ़ रहे सूर्य की तपिस के कारण पेड़ पौधे भी सूखने लगे है। जल्द ही मौसम में बदलाव नही हुआ तो पानी के अभाव में लोग पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।
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