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बक्सर सदर अस्पताल में बने अभिभावक शेड पर असामाजिक तत्वों का कब्जा, खोल दिया खटाल - buxar sadar hospital

मामले को लेकर जब जिले की सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. ये मामला अब संज्ञान में आया है. जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

occupant shed of buxar sadar hospital
बक्सर सदर अस्पताल
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Published : Jan 9, 2020, 1:02 PM IST

बक्सर: जिले के सदर अस्पताल में साल 2001 में बने अभिभावक शेड पर कुछ असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया है. जहां उनकी ओर से शेड में एक खटाल खोल दिया गया है. जिससे अस्पताल पहुंच रहे लोग सहित मरीजों को इससे खासी परेशानी हो रही है.

मामले पर नहीं हुई है कार्रवाई
साल 2001 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा की ओर से सदर अस्पताल में आने वाले मरीज के अभिभावकों के लिए अभिभावक शेड बनवाया गया था, ताकि उनको असुविधा न हो. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण शेड में असामाजिक तत्वों ने खटाल खोल दिया है. इसको लेकर कांग्रेस के नेता गोपाल त्रिवेदी ने कहा कि अस्पताल में बने हेल्थ वैलनेस सेंटर पर विभाग की ओर से एक बार भी ध्यान नहीं दिया गया है. लोगों ने इसकी शिकायत विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों से लेकर केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे तक की है. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पूरी रिपोर्ट

'असामाजिक तत्वों से शेड होगा मुक्त'
मामले को लेकर जब जिले की सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. ये मामला अब संज्ञान में आया है. जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी और शेड को असामाजिक तत्वों से मुक्त कराया जाएगा.

बक्सर: जिले के सदर अस्पताल में साल 2001 में बने अभिभावक शेड पर कुछ असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया है. जहां उनकी ओर से शेड में एक खटाल खोल दिया गया है. जिससे अस्पताल पहुंच रहे लोग सहित मरीजों को इससे खासी परेशानी हो रही है.

मामले पर नहीं हुई है कार्रवाई
साल 2001 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा की ओर से सदर अस्पताल में आने वाले मरीज के अभिभावकों के लिए अभिभावक शेड बनवाया गया था, ताकि उनको असुविधा न हो. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण शेड में असामाजिक तत्वों ने खटाल खोल दिया है. इसको लेकर कांग्रेस के नेता गोपाल त्रिवेदी ने कहा कि अस्पताल में बने हेल्थ वैलनेस सेंटर पर विभाग की ओर से एक बार भी ध्यान नहीं दिया गया है. लोगों ने इसकी शिकायत विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों से लेकर केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे तक की है. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पूरी रिपोर्ट

'असामाजिक तत्वों से शेड होगा मुक्त'
मामले को लेकर जब जिले की सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. ये मामला अब संज्ञान में आया है. जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी और शेड को असामाजिक तत्वों से मुक्त कराया जाएगा.

Intro: बक्सर के पुराने सदर अस्पताल में वर्ष 2001 में बने अभिभावक सेड पर असामाजिक तत्वों का कब्जा, अभिभावक सेड मे ही दीवाल निर्माण कराकर खोल दिया खटाल


Body:पुराना सदर अस्पताल में बने अभिभावक सेड पर असामाजिक तत्वों ने जमाया कब्जा, बक्सर सिविल सर्जन ने कहा नहीं है कोई जानकारी, जांच करवाने के बाद असामाजिक तत्वों से कराया जाएगा अभिभावक सेड को मुक्त।



बक्सर -पुराने सदर अस्पताल में आने वाले मरीज के अभिभावकों असुविधाओं को देखते हुए, तत्कालीन राज्य सभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा के द्वारा वर्ष 2001 में अभिभावक सेड का निर्माण कराया गया था, लेकिन अब अभिभावक सेड में अभिभावक की जगह असमाजिक तत्वों का कब्जा हो गया है।



V1- पुराने सदर अस्पताल के अभिभावक सेड में असामाजिक तत्वों के कब्जा को लेकर कांग्रेसी नेता गोपाल त्रिवेदी ने कहा कि, इस सदर अस्पताल में बने हेल्थ वैलनेस सेंटर का माननीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के द्वारा एक बार नहीं दो -दो बार उद्घाटन किया गया ,उस समय भी यहां के स्थानीय लोगों के द्वारा माननीय मंत्री से लेकर स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही कोई जवाब दिया गया,


byte गोपाल त्रिवेदी कांग्रेस नेता

V2- वहीं इस मामले को लेकर जब बक्सर सिविल सर्जन डॉ उषा किरण से पूछा गया तो,उन्होंने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जताते हुए बताया कि, यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। जांच के बाद उस अभिभावक सेड को असमाजिक तत्वों से मुक्त कराया जाएगा।

byte-डॉक्टर उषा किरण सिविल सर्जन बक्सर

V3- वर्ष 2001 में मरीजों के लिए बने अभिभावक सेड में असामाजिक तत्वों के द्वारा खटाल खोले जाने की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक होने के बावजूद भी ,इस अभिभावक सेड को अब तक असामाजिक तत्वों से मुक्त नहीं कराया गया , बिभागीय सूत्रों की माने, तो कुछ दबंग लोगों के द्वारा ही इस अभिभावक सेड पर कब्जा किया गया है। जिसके कारण ना तो प्रशासनिक अधिकारी और ना ही विभागीय अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं


Conclusion:गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र का सबसे पुराने यह अस्पताल में ,हाल ही में आधुनिक तरीके से हेल्थ वैलनेस सेंटर से लेकर ,पोस्टमार्टम हाउस, एवं नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण हाल ही में कराए जाने के बाद भी ,अब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस अभिभावक सेड पर कैसे नहीं गया।
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