बक्सर: जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले तमाम छात्र-छात्राएं बक्सर के सबसे प्रसिद्ध एमपी हाई स्कूल में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. लेकिन शिक्षा विभाग के एक आदेश के बाद, अब इस हाई स्कूल में विभाग द्वारा चिन्हित किये गए नगर परिषद क्षेत्र के ही 5 स्कूल के बच्चे ही पढ़ाई कर सकेंगे, जिससे अन्य स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्रों में काफी नाराजगी है.
'राज्य सरकार के द्वारा जो पत्र जारी किया गया है. उसमें एमपी हाई स्कूल के पोषक क्षेत्र के 5 स्कूल विश्वामित्र प्राथमिक विद्यालय, जवाहर मध्य विद्यालय, आदर्श शिशु मध्य विद्यालय, आचार्य नरेंद्र देव विद्यालय और गौरीशंकर मध्य विद्यालय बक्सर के छात्र छात्राओं का ही नामांकन करने का आदेश मिला है, जिससे जिले के अन्य स्कूल के छात्र-छात्रा अब इस स्कूल में पढ़ने से वंचित रह जाएंगे': देवेश कुमार चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी
क्या कहते हैं छात्र
सरकार के इस फैसले पर दूसरे स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छत्राओ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार निजी स्कूल को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह का आदेश जारी किया है. क्योंकि सभी लोग जानते है कि सरकारी स्कूल में एक एमपी हाई स्कूल को छोड़कर अन्य सभी स्कूल की हलात भैस के तबेला जैसा ही है, जंहा छात्र क्लास रूम में बैठकर मास्टर साहब के आने का इंतजार करते है. लेकिन मास्टर साहब को मोबाइल पर चैट करने से फुर्सत ही नहीं मिलता है. तो वह छात्रों को क्या पढ़ाएंगे. ऐसे में निजी स्कूल में जाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
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सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए अभिभावक गोपाल त्रिवेदी और बेचने प्रसाद केशरी ने कहा कि सरकार अब शिक्षा को भी एक क्षेत्र विशेष में सीमित कर देना चाहती है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले गरीब के बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल ना कर सके. अब वह दिन दूर नहीं जब सरकार हर संसाधन को कुछ लोगो के अधीन कर देगी. बेचन प्रसाद केशरी ने नराजगी जाहिर करते हुये कहा कि सरकार के नौकरशाह और जनप्रतिनिधियों ने प्रत्येक जिले में निजी स्कूल खोल रखा है. कैसे लोगो का दोहन किया जाए. उसके अनुसार ही नीति बनाते हैं.