बक्सरः 'लइका हमर परदेश में फंसल बाड़न, हमार बच्चा के कइसहुं वापस ले आइ सरकार...' ये दर्द भरी गुहार एक मां की है. जो अपने बेटे के वापस आने की आस में पलकें बिछाए बैठी है. लॉकडाउन की वजह से अन्य राज्यों में फंसे लोगों के परिजन काफी परेशान हैं. इसी कड़ी में बक्सर की देवन्ति देवी बेंगलुरू में फंसे अपने बेटे चंदन को वापस लाने की गुहार सरकार से लगा रही है.
खाने पीने तक पर आफत
जिले के धनसोइ थाना क्षेत्र अंतर्गत कल्याणपुर गांव की रहने वाली देवन्ति देवी का पुत्र चंदन घर का कर्ज उतारने और बहन की शादी के लिए पैसा कमाने के लिए दो महीने पहले बेंगलुरू गया था. लेकिन कुछ ही दिन बाद लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया, जिससे उसके खाने-पीने तक पर आफत आ गई.
रो-रोकर मदद मांग रही मां
प्रदेश में फंसे बेटे की सहायता के लिए चंदन की मां दिन रात मेहनत कर अपने बेटे को खाने-पीने के लिए पैसे भेज रही है. देवन्ति देवी जिला प्रशासन से लेकर सरकार से अपने बेटे को वापस बुलाने के लिए रो-रोकर मदद मांग रही है.
सरकार से मदद की आस
देवन्ति देवी ने बताया कि दिन रात मेहनत कर जो पैसे की व्यवस्था हो रही है उसे बेटे के पास भेज रही हूं. लेकिन अब इस उम्र में घर का बोझ मुझसे नहीं उठ पा रहा है. किसी जगह से अब तक मदद भी नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि बेटे बिना घर में काफी दिक्कत हो रही है. सरकार से ही अब मदद की आस है. जिससे उनका बेटा जल्द से जल्द घर वापस आ जाए.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन
बता दें कि लॉकडॉउन की वजह से कई प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेश में फंसे हुए हैं. सरकार ने मजदूरों को वापस बुलाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की है, जिससे लगातार मजदूर अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन अब भी कई मजदूर बाहर फंसे हुए हैं.