बक्सर: बिहार के बक्सर में 27 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में हुए बूढ़ा नट उर्फ जितेंद्र नट की मौत के मामले में सदर अस्पताल के डॉक्टर के खुलासे (Doctor disclosure on Jitendra Nat death) के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. दरअसल, सदर अस्पताल के डाॅक्टरों ने कहा कि बूढ़ा नट की मौत इलाज के दौरान नहीं हुई थी. बगेन थाना की पुलिस जिस बूढ़ा नट उर्फ जितेंद्र नट की मौत का दावा इलाज के दौरान अस्पताल में होने का कर रही थी. दरअसल उसकी मौत 4 से 5 घण्टे पहले ही हो चुकी थी. इसका खुलासा सदर अस्पताल के डॉक्टर आरके गुप्ता ने किया है, जो 27 अप्रैल को ड्यूटी में तैनात थे.
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बगेन थाना के एसएचओ की झूठी कहानी का पर्दाफाश: 26 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली कि ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के निमेज के रहने वाले बूढ़ा नट अपने पत्नी के साथ शहद की चुलाई करने के लिए बगेन थाना क्षेत्र के भदवर गांव में गया हुआ था. वहां शराब के नशे में चूर होकर बूढ़ा नट ने दबिया से अपने पत्नी की पिटाई कर रहा है. पुलिस ने वहां पहुंचकर दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया. वहां से इलाज के बाद डॉक्टर ने दोनों को डिस्चार्ज कर दिया. मद्य निषेध कानून के उलंघन के आरोप में पुलिस ने पति को अरेस्ट कर थाने ले आई.
रात में भी हुई थी तबीयत खराबः थाने में देर रात पुनः उसकी तबीयत खराब होने की शिकायत की. पुलिस ने रघुनाथपुर सीएचसी में पुनः उसे इलाज के लिए भर्ती कराया. वहां पूरी रात इलाज के बाद डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज कर दिया. 27 अप्रैल को पुलिस उसे न्यायालय में पेश करने के लिए ले जा रही थी कि रास्ते में उसे हार्ट अटैक आया. उसे सदर अस्पताल में पुलिस ने भर्ती कराया. वहां 20 मिनट तक इलाज होने के बाद उसकी मौत हो गई.
पत्नी की शिकायत पर हुई थी गिरफ्तारीः 50 बर्षीय बूढ़ा नट उर्फ जितेंद्र नट की मौत के बाद जब बगेन थाना के एसएचओ से पूछा गया कि आखिर बूढ़ा नट की गिरफ्तारी किसकी शिकायत पर पुलिस ने की थी. इस पर बताया गया कि मृतक की पत्नी ने सूचना दी थी कि शराब के नशे में चूर होकर उसका पति उसकी पिटाई कर रहा है. इसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो इलाज के लिए दोनों को रघुनाथपुर सीएचसी ले गई, वहां शराब पीने की पुष्टि होने के बाद बूढ़ा नट को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि जब पूछा गया कि पत्नी ने अपनी शिकायत में क्या कहा था, तो उन्होंने कहा कि पत्नी ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.
थानेदार और एसडीपीओ के बयान में अंतरः बूढ़ा नट की मौत के मामले में जहां अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अफाक अख्तर अंसारी ने बताया कि 27 अप्रैल को पुलिस कोर्ट में पेशी करने के लिए बूढ़ा नट को लेकर जा रही थी. उसी दौरान कोर्ट परिसर में अचानक मूर्छित होकर वह गिर पड़ा. इसके बाद पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. ऐसा अनुमान है कि हार्ट अटैक होने से उसकी मौत हुई हो. हालांकि इस मामले को लेकर जब बगेन थाने के थानेदार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुलिस बूढ़ा नट को लेकर कोर्ट पहुंची ही नहीं थी. रास्ते में ही बूढ़ा नट ने तबीयत खराब होने की बात कही. इसके बाद हम लोग उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे जहां 15 से 20 मिनट तक उनका इलाज चला. इसके बाद उनकी मौत हो गई.
डॉक्टर के बयान से मचा हड़कम्प: दोनों अधिकारी के अलग-अलग बयान के बाद ईटीवी भारत की टीम सदर अस्पताल में उस डॉक्टर के पास पहुंची, जो 27 अप्रैल को सबसे पहले बूढ़ा नट को देखकर ब्राउट डेड घोषित किया था. उन्होंने बताया कि दोपहर में 1 बजकर 40 मिनट का समय हो रहा था जब पुलिस उसे लेकर आई. हमारे स्टाफ दौड़े दौड़े आये . मैं भी एक मिनट के अंदर पहुंचा और जांच करने पर पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है. शरीर पूरी तरह से अकड़ गया है. गर्मी में अमूमन 4 से 5 घण्टे पहले जब मौत होती है तो ऐसा होता है.
"दोपहर में 1 बजकर 40 मिनट का समय हो रहा था जब पुलिस उसे लेकर आई. हमारे स्टाफ दौड़े दौड़े आये . मैं भी एक मिनट के अंदर पहुंचा और जांच करने पर पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है. शरीर पूरी तरह से अकड़ गया है. गर्मी में अमूमन 4 से 5 घण्टे पहले जब मौत होती है तो ऐसा होता है" -डाॅ आरके गुप्ता, डीएस, सदर अस्पताल बक्सर
दोषी पर होगी कार्रवाईः इस पूरे मामले को लेकर एसपी मनीष कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद एसएचओ ने मुझे यह जानकारी दी कि एक कैदी को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था. लेकिन रास्ते में ही उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की. इसके बाद उन्हें सदर अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया. वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मुझे आपसे यह जानकारी मिल रही है कि डॉक्टर ने पहले ही मौत होने की बात कही है. पूरे मामले की अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जांच कर रहे है. दोषी चाहे जो भी हो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
"इस घटना के बाद एसएचओ ने मुझे यह जानकारी दी कि एक कैदी को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था. लेकिन रास्ते में ही उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की. इसके बाद उन्हें सदर अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया. वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मुझे आपसे यह जानकारी मिल रही है कि डॉक्टर ने पहले ही मौत होने की बात कही है. पूरे मामले की अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जांच कर रहे है"- मनीष कुमार, एसपी, बक्सर