बक्सर: मौसम में भले ही ठंड का हो, लेकिन बिहार की राजनीति में कहीं न कहीं गर्माहट है. गर्माहट के केंद्र में इस बार शराबबंदी है. बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासी दलों की बयानबाजी लगातार जारी है. इसी बीच नालंदा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor) के लिए शराबबंदी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बिहार एनडीए के घटक दल चाहे बीजेपी हो या हम इस कानून की समीक्षा की बात कर रहे हैं. हम पार्टी ने तो इसे गुजरात मॉडल पर लागू करने की मांग तक कर डाली है. इन सारे बिंदुओं पर ईटीवी भारत ने जेडीयू नेता अशोक यादव से बातचीत की.
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''हम सभी दलों से आग्रह करना चाहेंगे कि जिस समय 2016 में बिहार में शराबबंदी लागू की जा रहा थी, उस समय चाहे विपक्ष हो या पक्ष हो, सारे लोगों ने मानव कतार लगाकर के समर्थन किया था. इसके अलावा विधानसभा और विधान परिषद में भी समर्थन किया था और कानून बनवाया था. जब-जब संशोधन की बात हुई, संशोधन भी करवाया पर यह नहीं कहा कि बिहार में शराब चालू किया जाए. इस तरह शराबबंदी वाला देश में इकलौता राज्य बिहार है. जहां शराबबंदी करके लोगों को संदेश दिया गया है कि केवल सरकार नहीं चलाई जाती है, यहां समाज सुधार की बात भी होती है.''- अशोक यादव, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
जेडीयू प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि शराबबंदी से एक्सीडेंट घट गए, शराब पीकर जो घर में कलह होते थे सब कम हो गए हैं. अब कुछ लोग होते हैं, जो गलत काम करते हैं और वो हमेशा रहेंगे, लेकिन थोड़े से दुष्परिणाम के लिए सारी अच्छाई को खत्म कर दिया जाए, ये जेडीयू के लिए मान्य नहीं होगा. जब तक मुख्यमंत्री जी हैं, शराब बंदी लागू रहेगी. राज्य की जनता चाहती है महिलाएं चाहती हैं, इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.
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हम पार्टी की गुजरात मॉडल शराबबंदी की मांग पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि हम क्या कहता है, क्या नहीं कहता है, उस पर कुछ नहीं कहना है. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जीतनराम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, उनको आदत है, कुछ न कुछ बोलते रहने की. शराबबंदी से सबसे ज्यादा फायदा उनके ही समाज को हुआ है. इतना फायदा किसी को नहीं हुआ है, इसलिए उनसे भी हम आग्रह करना चाहेंगे कि जो समीक्षा करने की बात करते हैं इसको और मजबूती से लागू करने की वकालत करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून नहीं है, वहां एक पार्टी भाजपा थी, उसने निर्णय ले लिया. शराबबंदी का कानून वापस नहीं हो सकता है. हम समझते हैं कि आज भी 90% लोग इसका समर्थन करते हैं और 10% लोग इसका विरोध करते हैं. बिहार की आधी आबादी जो महिलाएं हैं, वो पुरजोर ढंग से इसका समर्थन करती हैं. कभी कभी किसी से अनाप शनाप बयान दिलवा दिया जाता है, तो कभी लोग टीवी पर बयान दे देते हैं. इससे बिहार का भला होने वाला नहीं है. बिहार का भला शराबबंदी से होगा, इसलिए गठबंधन के सभी दलों से आग्रह करता हूं कि इस पर कायम रहें.
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जहरीली शराब से मौत होने पर अशोक यादव ने कहा कि ये सब घटनाएं हमेशा हुई है और हमेशा होती रहेंगी, इसलिए जब शराबबंदी नहीं थी उस समय पर भी होती थी. जेडीयू नेता ने बताया कि हमारे गांव के बगल में 9 लोग मर गये थे. गलत करने वाले पहले भी थे और आज भी हैं. पहले था कि गलत करते वालों को सजा नहीं होती थी अब होती है. इस जमाने में जो शराब बेचेगा, पिलाएगा या गलत करेगा उसको सजा मिलेगी, सरकार माफ नहीं करने वाली है. इसलिए किसी भी कीमत पर शराबबंदी वापस नहीं होगी और जब तक माननीय मुख्यमंत्री जी हैं, शराबबंदी के कानून में कोई छेड़छाड़ नहीं होगा.
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