ETV Bharat / state

4 मार्च से बक्सर में अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन, शोभायात्रा में हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा - Shree Laxmi Narayan Mahayagya

4 से 10 मार्च तक बक्सर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ (251 Kundiya Shree Laxmi Narayan Mahayagya) के लिए तैयारी जोरों पर है. आयोजन स्थल पर यज्ञशाला निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ हेलीपैड का निर्माण भी कराया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन
अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन
author img

By

Published : Feb 27, 2022, 8:46 AM IST

बक्सरः अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ बक्सर में 4 से 10 मार्च तक होगा. इस दौरान कई धार्मिक आयोजन (International Religions Conference In Buxar) किये जायेंगे. श्री भाष्कराचार्य भगवदतपाद रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी (1000वीं जयंती) के अवसर पर हो रहे इस आयोजन की तैयारी कई महीने से जारी है. आयोजन में देश विदेश से संत और धर्म के जानकार हिस्सा लेंगे.

ये भी पढ़ें- बाढ़-सुखाड़ जैसी आपदाओं से बचने के लिए महायज्ञ का आयोजन, लोगों ने लिया शराब नहीं पीने का संकल्प

4 मार्च को जलयात्रा के साथ कार्यक्रम शुरू होगा. इस दौरान शोभा यात्रा वाले रास्ते और आयोजन स्थल पर हेलिकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी. 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन के दौरान देश-विदेश से कई जाने-माने धार्मिक विद्वान और साधु-संत हिस्सा लेंगे. 10 मार्च को आयोजन का विधिवत समापन होगा. कार्यक्रम में मुख्य आयोजक स्थानीय वासी और गुजरात के कारोबारी मिथिलेश पाठक ने बताया कि आयोजन में हजारों की संख्या में भक्त हिस्सा लेंगे.

गुरुदेव श्रीमदविष्वकसेनाचार्य श्रीत्रिदंडी स्वामीजी महाराज के शिष्य श्रीलक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामीजी महाराज की पावन उपस्थिति में स्मृति महामहोत्सव सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ का समापन होगा. त्रिदण्डी स्वामी आश्रम पीठ के महंत एवं पूज्य जीयर स्वामी जी के शिष्य अयोध्यानाथ स्वामी ने आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बक्सर को सिद्धाश्रम भी कहा जाता है. यह कभी व्याघ्रसर के नाम से पुकारा गया तो कभी वेदगर्भा से जाना गया.

अयोध्यानाथ स्वामी ने कहा कि प्रारंभिक काल से ही यह धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र रहा है. इस पर महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि और भगवान राम और लक्ष्मण की शिक्षा स्थली भी मानी जाती है. भगवान राम का प्रथम युद्वभूमि भी बक्सर ही बना. यह नगर आज भी उत्तरायणी गंगा के किनारे अवस्थित है. यहां बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल से श्रद्धालु आते हैं.

ये भी पढ़ें- रामानुजाचार्य जैसे संतों ने सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित राष्ट्र की अवधारणा का निर्माण किया : कोविंद

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

बक्सरः अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ बक्सर में 4 से 10 मार्च तक होगा. इस दौरान कई धार्मिक आयोजन (International Religions Conference In Buxar) किये जायेंगे. श्री भाष्कराचार्य भगवदतपाद रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी (1000वीं जयंती) के अवसर पर हो रहे इस आयोजन की तैयारी कई महीने से जारी है. आयोजन में देश विदेश से संत और धर्म के जानकार हिस्सा लेंगे.

ये भी पढ़ें- बाढ़-सुखाड़ जैसी आपदाओं से बचने के लिए महायज्ञ का आयोजन, लोगों ने लिया शराब नहीं पीने का संकल्प

4 मार्च को जलयात्रा के साथ कार्यक्रम शुरू होगा. इस दौरान शोभा यात्रा वाले रास्ते और आयोजन स्थल पर हेलिकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी. 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन के दौरान देश-विदेश से कई जाने-माने धार्मिक विद्वान और साधु-संत हिस्सा लेंगे. 10 मार्च को आयोजन का विधिवत समापन होगा. कार्यक्रम में मुख्य आयोजक स्थानीय वासी और गुजरात के कारोबारी मिथिलेश पाठक ने बताया कि आयोजन में हजारों की संख्या में भक्त हिस्सा लेंगे.

गुरुदेव श्रीमदविष्वकसेनाचार्य श्रीत्रिदंडी स्वामीजी महाराज के शिष्य श्रीलक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामीजी महाराज की पावन उपस्थिति में स्मृति महामहोत्सव सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ का समापन होगा. त्रिदण्डी स्वामी आश्रम पीठ के महंत एवं पूज्य जीयर स्वामी जी के शिष्य अयोध्यानाथ स्वामी ने आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बक्सर को सिद्धाश्रम भी कहा जाता है. यह कभी व्याघ्रसर के नाम से पुकारा गया तो कभी वेदगर्भा से जाना गया.

अयोध्यानाथ स्वामी ने कहा कि प्रारंभिक काल से ही यह धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र रहा है. इस पर महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि और भगवान राम और लक्ष्मण की शिक्षा स्थली भी मानी जाती है. भगवान राम का प्रथम युद्वभूमि भी बक्सर ही बना. यह नगर आज भी उत्तरायणी गंगा के किनारे अवस्थित है. यहां बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल से श्रद्धालु आते हैं.

ये भी पढ़ें- रामानुजाचार्य जैसे संतों ने सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित राष्ट्र की अवधारणा का निर्माण किया : कोविंद

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.