बक्सर: सरकारी नौकरी के लिए आज का युवा कितना बेबस और लाचार है. इसकी एक तस्वीर बक्सर से सामने आई है. जहां सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए बक्सर आए छात्र यहां के रेलवे स्टेशन पर बेबस नजर आए. न तो उनके लिए समय पर कोई ट्रेन थी और न ही बैठने के लिए प्लेटफॉर्म पर जगह. लिहाजा छात्र प्लेटफॉर्म से रेल पटरियों तक बैठने को बेबस और ट्रेन में जगह नहीं मिलने से इंजन पर यात्रा करने के लिए लाचार दिखे.
रेल के सभी नियम तार-तार
खास बात यह है कि रेल प्रशासन की ओर से बेहतर सुविधा नहीं होने की वजह से छात्रों को मजबूरी में रेल अधिनियमों को नजरअंदाज करना पड़ा. ऐसे में छात्रों को घर पहुंचने के लिए ट्रेन के इंजन से लेकर पैदानों पर खड़े होकर सफर करना पड़ा.
बेबस दिखा रेल प्रशासन
छात्रों के मुताबिक घर जाने के लिए उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. इसलिए उन्हें ऐसा करना पड़ा. वहीं, छात्रों की भारी भीड़ के आगे रेल प्रशासन भी बेबस दिखा. किसी भी तरह की कोई व्यवस्था छात्रों के लिए नहीं की गई थी. जबकि रेल प्रशासन को पहले से ही इसकी जानकारी थी.
'परीक्षा के समय स्पेशल ट्रेन चलानी चाहिए'
आरपीएफ इंस्पेक्टर जवाहर लाल ने कहा छात्रों को सुरक्षित भेजने के लिए हम कोशिश कर रहे हैं. वहीं, ट्रेन के इंजनों पर खड़े होकर सफर कर रहे छात्र पवन कुमार और रोहित ने बताया कि हमें रात से ही बैठने तक की जगह नहीं मिल पाई है. छात्रों ने कहा कि सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए. इस तरह की परीक्षाओं के वक्त स्पेशल ट्रेन चलानी चाहिए.
खुले आसमान में कटी रात
पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारने के बाद परीक्षा खत्म होते ही छात्रों को घर जाना था. लेकिन ट्रेन के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं मिल रहा था. ऐसे में जिसको जहां जगह मिली वह वहां खड़ा होकर चल दिया.
अधिकारियों के सामने उड़ी रेल नियमों की धज्जियां
बता दें कि 29 परीक्षा केन्द्रों पर 16 हजार से अधिक छात्र सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल हुए. परीक्षा देने के बाद घर लौट रहे छात्र रेल अधिकारियों के सामने ही बक्सर स्टेशन पर रेलवे के नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आए. छात्रों की भीड़ की वजह से बक्सर रेलवे स्टेशन से लेकर पूरे शहर में जाम की स्थिति बनी रही. इसको लेकर जब आरपीएफ के प्रभारी इंस्पेक्टर जवाहर लाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि छात्रों को सुरक्षित घर भेजने लिए रेल पुलिस लगातार कोशिश कर रही है.