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Buxar Flood News: बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारियों से निपटने की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग - स्वास्थ्य विभाग

बिहार के बक्सर जिले के संभावित बाढ़ क्षेत्रों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है. बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी प्राथमिक और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का भंडारण किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत सुविधाएं मुहैया करायी जा सके. पढ़ें पूरी खबर

बक्सर
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
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Published : Jun 21, 2021, 12:40 PM IST

बक्सर: जिले में बाढ़ की संभावना ( Buxar Flood News) को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. हालांकि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पूरी तैयारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित इलाकों की एएनएम को बाढ़ के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया है. वहीं, नाव और मोटर बोट को भी आवश्यकता के अनुसार सैनिटाइज किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो.

ये भी पढ़ें: बिहार में बाढ़ अलर्ट सिस्टम: 'सैलाब' से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा, हर साल होता है करोड़ों का नुकसान

प्रभावित इलाकों में होगा दवाओं का भंडारण

जानकारी के अनुसार, संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रभावित और उसके आसपास के इलाकों में स्थित सभी प्राथमिक और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का भंडारण किया जा रहा है. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर बताया है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी तैयारियों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. प्रभावित इलाकों में दवाओं की कमी न हो इसके लिए सर्दी, खांसी, जुकाम, डायरिया और हैजा जैसी मौसमी बीमारियों और एंटी रैबीज दवाओं का भी भंडारण किया जा रहा है.

इसके अलावा पिछले साल की तरह जिले के प्रभावित पांच प्रखंडों के इलाकों में नौका अस्पताल संचालित किया जाएगा. जिससे बाढ़ से घिरी आबादी तक पहुंच कर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी.

ये भी पढ़ें: बिहार में बाढ़: कई स्थानों पर गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग करवाएगा सुविधाएं उपलब्ध
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और आईसीडीएस विभाग के सहयोग से प्रभावित इलाकों में पहचान कर वहां के वृद्धजन, दिव्यांग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.

  • संक्रमण को देखते हुए मास्क वितरण की भी तैयारी की जा रही है. इसी क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और वार्ड सदस्यों के सहयोग से प्रभावित इलाकों के सभी परिवार के लोगों को मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाएगी.
  • दूसरी ओर इस कार्य में आईसीडीएस विभाग को लगाया गया है, जिसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं और सहायिकाएं अपने संबंधित पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं और स्वास्थ्य की दृष्टि से अतिसंवेदनशील महिलाओं की सूची और डिलीवरी डेटा तैयार करेंगी. ताकि बाढ़ के दौरान सुरक्षित प्रसव के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.

बक्सर: जिले में बाढ़ की संभावना ( Buxar Flood News) को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. हालांकि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पूरी तैयारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित इलाकों की एएनएम को बाढ़ के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया है. वहीं, नाव और मोटर बोट को भी आवश्यकता के अनुसार सैनिटाइज किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो.

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प्रभावित इलाकों में होगा दवाओं का भंडारण

जानकारी के अनुसार, संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रभावित और उसके आसपास के इलाकों में स्थित सभी प्राथमिक और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का भंडारण किया जा रहा है. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर बताया है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी तैयारियों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. प्रभावित इलाकों में दवाओं की कमी न हो इसके लिए सर्दी, खांसी, जुकाम, डायरिया और हैजा जैसी मौसमी बीमारियों और एंटी रैबीज दवाओं का भी भंडारण किया जा रहा है.

इसके अलावा पिछले साल की तरह जिले के प्रभावित पांच प्रखंडों के इलाकों में नौका अस्पताल संचालित किया जाएगा. जिससे बाढ़ से घिरी आबादी तक पहुंच कर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी.

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सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग करवाएगा सुविधाएं उपलब्ध
डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और आईसीडीएस विभाग के सहयोग से प्रभावित इलाकों में पहचान कर वहां के वृद्धजन, दिव्यांग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.

  • संक्रमण को देखते हुए मास्क वितरण की भी तैयारी की जा रही है. इसी क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और वार्ड सदस्यों के सहयोग से प्रभावित इलाकों के सभी परिवार के लोगों को मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाएगी.
  • दूसरी ओर इस कार्य में आईसीडीएस विभाग को लगाया गया है, जिसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं और सहायिकाएं अपने संबंधित पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं और स्वास्थ्य की दृष्टि से अतिसंवेदनशील महिलाओं की सूची और डिलीवरी डेटा तैयार करेंगी. ताकि बाढ़ के दौरान सुरक्षित प्रसव के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
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