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बक्सर में प्रलय का डर, खतरे के निशान से मात्र 4 इंच नीचे है गंगा का जलस्तर - बक्सर में बाढ़ का खतरा

बक्सर जिले में एक बार फिर गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी है. यहां गंगा का जल स्तर 60.200 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से मात्र 4 इंच नीचे है. हालात को देखते हुए लोगों का सुरक्षित स्थान पर पलायन जारी है.

बक्सर में गंगा प्रलय का डर
बक्सर में गंगा प्रलय का डर
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Published : Aug 27, 2022, 7:53 AM IST

Updated : Aug 27, 2022, 10:55 AM IST

बक्सरः बिहार के बक्सर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. यहां गंगा खतरे के निशान से मात्र 4 इंच नीचे है. दियारा इलाके के कई गांवों में पानी ने डेरा डाल लिया है. चौसा के बनारपुर गांव तक गंगा का पानी पहुंच चुका है. अभी भी प्रत्येक घण्टे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर (Water Level Of Ganga Rise In Buxa) बढ़ रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और थानेदारों सख्त निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि अपने-अपने इलाके में राहत और बचाव कार्य को तेज कर दें.

ये भी पढ़ें: रहें सावधान.. बक्सर में सुखाड़ के बीच अब बाढ़ का खतरा.. डरा रही है गंगा की धारा..

अलर्ट मोड में है जिला प्रशासनः केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 59. 80 दर्ज किया गया. जो कि चेतावनी बिंदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर और खतरे के निशान से महज 52 सेंटीमीटर नीचे है. वृद्धि की रफ्तार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटा है. सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी ने बताया कि इलाके में प्रशासनिक अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, जेसीबी मशीन से लेकर जेनरेटर एवं जरूरत के सभी उपकरणों को तैयार रखा गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है. यमुना के पानी से गंगा में दबाव बना हुआ है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बने रहने की आशंका जताई जा रही है.

भारत मौसम विज्ञान ने दी चेतावनीः आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 26 अगस्त 2022 को वर्षापात के पूर्वानुमान से संबंधित विशेष मौसम बुलेटिन जारी की गई है. जिसके अनुसार दिनांक 27 अगस्त 2022 एवं 28 अगस्त 2022 को हिमालय की तलहटी इलाकों और राज्य के निकटवर्ती जिलों में भारी से भारी वर्षापात होने की संभावना व्यक्त की गई है. साथ ही भारी वर्षापात के कारण नदियों के समीपवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति की भी संभावना व्यक्त की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी चेतावनी के आलोक में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली गई है और संबंधित कर्मियों और एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है.

पलायन कर रहे हैं लोगः गंगा के दियारा इलाके में बसे श्रीकांत राय के डेरा, बेनी लाल के डेरा, टेकमन के डेरा, ललन सिंह के डेरा, सूचित के डेरा, बिगु के डेरा, गर्जन पाठक के डेरा, तिलक राय हाता, भिक्षु के डेरा आदि गांवों के लोग बाढ़ की विभीषिका को लेकर सशंकित है. ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार को काफी तेज गति से पानी बढ़ा और शुक्रवार की सुबह से गंगौली ढाला होते हुए पश्चिम दिशा के मैदानी भागों में जाने लगा है. कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं.

"दर्जनों स्थानों पर तटबंध असुरक्षित स्थिति में है. दबाव बढ़ा तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती. आने जाने के सारे रास्ते बंद हैं. किसी तरह हमलोग नाव से आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ का डर सता रहा है. मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो गया है"- स्थानीय ग्रामीण

गांव से बाहर निकलने में हो रही परेशानीः वहीं, कोइलवर तटबंध के किनारे बसे उमरपुर और केशवपुर तटबंध तक गंगा का जल पहुंच गया है और कमल राय के बगीचा होते हुए पूरब की तरफ बढ़ रहा है. दियारांचल में बसा श्रीकांत राय का डेरा पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. लोगों को गांव से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है. सारे रास्ते बंद हो गए हैं. ऐसे में दैनिक कार्य के लिए वह छोटी नावों के सहारे आवागमन कर रहे हैं. पशु चारे के लिए पशुपालक भी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- बाढ़ और कटाव से कराह रहा बिहार.. लोगों को मदद का है इंतजार


बक्सरः बिहार के बक्सर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. यहां गंगा खतरे के निशान से मात्र 4 इंच नीचे है. दियारा इलाके के कई गांवों में पानी ने डेरा डाल लिया है. चौसा के बनारपुर गांव तक गंगा का पानी पहुंच चुका है. अभी भी प्रत्येक घण्टे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर (Water Level Of Ganga Rise In Buxa) बढ़ रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और थानेदारों सख्त निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि अपने-अपने इलाके में राहत और बचाव कार्य को तेज कर दें.

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अलर्ट मोड में है जिला प्रशासनः केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 59. 80 दर्ज किया गया. जो कि चेतावनी बिंदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर और खतरे के निशान से महज 52 सेंटीमीटर नीचे है. वृद्धि की रफ्तार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटा है. सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी ने बताया कि इलाके में प्रशासनिक अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, जेसीबी मशीन से लेकर जेनरेटर एवं जरूरत के सभी उपकरणों को तैयार रखा गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है. यमुना के पानी से गंगा में दबाव बना हुआ है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बने रहने की आशंका जताई जा रही है.

भारत मौसम विज्ञान ने दी चेतावनीः आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 26 अगस्त 2022 को वर्षापात के पूर्वानुमान से संबंधित विशेष मौसम बुलेटिन जारी की गई है. जिसके अनुसार दिनांक 27 अगस्त 2022 एवं 28 अगस्त 2022 को हिमालय की तलहटी इलाकों और राज्य के निकटवर्ती जिलों में भारी से भारी वर्षापात होने की संभावना व्यक्त की गई है. साथ ही भारी वर्षापात के कारण नदियों के समीपवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति की भी संभावना व्यक्त की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी चेतावनी के आलोक में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली गई है और संबंधित कर्मियों और एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है.

पलायन कर रहे हैं लोगः गंगा के दियारा इलाके में बसे श्रीकांत राय के डेरा, बेनी लाल के डेरा, टेकमन के डेरा, ललन सिंह के डेरा, सूचित के डेरा, बिगु के डेरा, गर्जन पाठक के डेरा, तिलक राय हाता, भिक्षु के डेरा आदि गांवों के लोग बाढ़ की विभीषिका को लेकर सशंकित है. ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार को काफी तेज गति से पानी बढ़ा और शुक्रवार की सुबह से गंगौली ढाला होते हुए पश्चिम दिशा के मैदानी भागों में जाने लगा है. कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं.

"दर्जनों स्थानों पर तटबंध असुरक्षित स्थिति में है. दबाव बढ़ा तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती. आने जाने के सारे रास्ते बंद हैं. किसी तरह हमलोग नाव से आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ का डर सता रहा है. मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो गया है"- स्थानीय ग्रामीण

गांव से बाहर निकलने में हो रही परेशानीः वहीं, कोइलवर तटबंध के किनारे बसे उमरपुर और केशवपुर तटबंध तक गंगा का जल पहुंच गया है और कमल राय के बगीचा होते हुए पूरब की तरफ बढ़ रहा है. दियारांचल में बसा श्रीकांत राय का डेरा पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. लोगों को गांव से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है. सारे रास्ते बंद हो गए हैं. ऐसे में दैनिक कार्य के लिए वह छोटी नावों के सहारे आवागमन कर रहे हैं. पशु चारे के लिए पशुपालक भी परेशान हैं.

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Last Updated : Aug 27, 2022, 10:55 AM IST
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