बक्सर: सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की लापरवाही का ताजा नमूना बक्सर जिला समाहरणालय में देखने को मिला है. दरअसल, समाहरणालय सभागार के बाहर रखे कूड़ेदान में हजारों की संख्या में एम्पलाई इनफॉरमेशन फॉर्म फेंका मिला. जरूरत पड़ने पर टीचरों से उनका पर्सनल डेटा मांगा गया था. लेकिन, अब काम खत्म होने पर उसे कूड़े में फेंक दिया गया.
ईटीवी भारत संवाददाता ने जब इस नजारे को कैमरे में कैद करना शुरू किया तो कार्यालय में हड़कंप मच गया. महज 5 मिनट के अंदर सारे दस्तावेजों को पुनः अलमीरा में रख दिया गया. जानकारी के मुताबिक कचड़े के ढेर में मिला फॉर्म हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं का डेटा है जो उनसे साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी आवंटित करने के लिए लिया गया था.
लिखी है संवेदनशील जानकारियां
शिक्षकों की मानें तो प्रशासन ने जिले के शिक्षकों का डाटाबेस तैयार करने के लिए उनसे एम्पलाई इनफॉरमेशन फॉर्म भरवाया गया था. इसमें प्रशासन की ओर से उनकी आईडी, फोटो, पर्सनल मोबाइल नंबर और एड्रेस संबंधित जानकारियां मांगी गई थी. लेकिन, अब चुनाव बीतने के साल भर बाद उनके पर्सनल डिटेल को इस तरह कूड़े में फेंक दिया गया है.
शिक्षक संघ ने ईटीवी भारत को कहा- थैंक्स
ईटीवी भारत संवाददाता के मामले को उजागर करते ही शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष लालबाबू मिश्रा ने सबसे पहले ईटीवी भारत का धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी काम इसी तरह से किए जाते हैं. जिला प्रशासन की घोर लापरवाही है कि शिक्षकों के एम्पलाई इनफॉरमेशन फॉर्म को कूड़े के ढेर में फेंक दिया. उन्होंने प्रशासन को दो टूक कहा कि टीचरों की जानकारी की जगह अगर आईएएस, आईपीएस अधिकारियों से जुड़ा हुआ दस्तावेज हो, तो क्या उसे भी फेंक दिया जाता.
अधिकारी दे रहे रटा-रटाया जवाब
समाहरणालय कूड़ेदान में मिले आवेदनों पर जब जिला के उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार से पूछा गया तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े संबंधित विभाग के कर्मियों से पूछा जाएगा. उसके बाद जो भी इसमें दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.