बक्सरः स्वास्थ्य विभाग के जरिए बक्सर के मरीजों का इलाज करने के लिए सदर अस्पताल में 19 डॉक्टर तैनात किए हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर आपको एक भी डॉक्टर नहीं मिलेंगे. जी हां, ये बात हम नहीं अस्पताल प्रशासन और वहां के मरीज खुद ही कह रहे हैं. डॉक्टर के अभाव में यहां के मरीज घंटों इंतजार करके घर वापस लौट जाते हैं और उनका इलाज नहीं हो पाता.
अस्पताल में कुल 19 डॉक्टर हैं तैनात
सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की सूची को देखा जाए तो बक्सर सदर अस्पताल में डॉ. एके सिंह, डॉ बीएन चौबे, डॉ. आर एस श्रीवास्तव, डॉ. आरबी श्रीवास्तव, डॉ. डीएन पांडे, डॉ. योगेंद्र कुमार, डॉ. प्रेमचंद, डॉ. संजय कुमार, डॉ. बी नाथ, डॉ. निभा मोहन, डॉ. गीता मधु सिंह, डॉ. मेघा, डॉ. इमरान, डॉ. सुधाकर, डॉ. अभिषेक, डॉ. राजेश रंजन समेत कुल 19 डॉक्टर तैनात हैं. लेकिन इनमें से 30 प्रतिशत डॉक्टर अस्पताल प्रशासन को बिना सूचना दिए ड्यूटी से नदारद हैं. कई ऐसे डॉक्टर हैं जो महीनों से अस्पताल आए ही नहीं हैं और न ही डीएस को किसी तरह की कोई जानकारी दी है.
पर्ची कटाकर घूमते रहते हैं मरीज
सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे मरीजों ने बताया कि ना तो सदर अस्पताल में कोई डॉक्टर बैठे हैं ना ही इलाज हो रही है. पर्ची कटा कर हम लोग इधर-उधर भटक रहे हैं. मरीजों के इस बयान के बाद जब ईटीवी की टीम डॉक्टर के कमरे में पहुंची तो, डॉक्टर की जगह डॉक्टर का एप्रन और मरीज का रजिस्टर कुर्सी पर ड्यूटी कर रहा था. सीलिंग फैन चल रहे थे. यहां डॉक्टर हाजरी बना कर गायब हो जाते हैं. मरीज पर्ची कटा कर अस्पताल का चक्कर लगाते रहते हैं.
अस्पताल से गायब रहते हैं डॉक्टर
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे यहां के सांसद हैं, जो बक्सर में स्वास्थ को लेकर बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं. उनके ही संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में डॉक्टर की जगह डॉक्टर का एप्रन ड्यूटी करता है. अस्पताल में मरीजों की हो रही परेशानी को लेकर जब सदर अस्पताल के डीएस डॉ आर के गुप्ता से पूछा गया तो, पता चला कि जो लोग छुट्टी में चले गए हैं, वह अब तक अस्पताल नहीं आए हैं. जो छुट्टी लिए बिना ही गायब हैं, उनके बारे में अस्पताल के पास कोई जानकारी नहीं है.