बक्सर: जदयू के नेताओं द्वारा सीएम नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) की उपलब्धियों को बताने के लिए पूरे प्रदेश में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान काराकाट से लोकसभा सांसद महाबली सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में बक्सर में भी 15 साल बेमिसाल ( 15 Saal Bemisal ) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पार्टी के नेता जहां नीतीश कुमार की उपलब्धियों को बता रहे थे. वहीं जदयू के जिला महासचिव संतोष कुमार चौधरी ने नीतीश सरकार की नाकामियां गिनानी शुरू कर दी. एक-एक कर पोल खोलनी शुरू कर दी. जिसके कारण मंच पर बैठे सांसद, पूर्व मंत्री एवं पार्टी के वरीय नेता असहज हो गए. किसी तरह स्थिति को संभालने की कोशिश की गई.
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'जिस कार्यकर्ताओं के बल पर आज नीतीश कुमार 16 वर्षों से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. उन कार्यकर्ताओं की पार्टी में इज्जत नहीं है. आलम यह है कि थाना के सिपाही से लेकर जिले के कलेक्टर तक कार्यकर्ताओं का तरजीह नहीं दे रहे हैं. यही कारण है कि 2005 और 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपार बहुमत के साथ जीतने वाली जदयू आज 43 सीटों पर सिमट कर रह गई है. उसके बाद भी पार्टी के वरीय नेताओं की नींद नहीं खुल रही है. क्षेत्र की जनता अपनी समस्याओं को लेकर हम कार्यकर्ताओं के पास आती है, तो सिपाही से लेकर थानेदार तक, सीओ से लेकर बीडीओ, कलेक्टर तक कोई हमारी बात नहीं सुनते हैं. आलम यह है कि अब हम हंसी के पात्र बन रहे हैं. वरीय नेताओं से जब इस बात की शिकायत की जाती है तो वह भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं होते हैं. अगर यही हालत रहा तो बालू की रेत की तरह पूरी पार्टी बिखर जाएगी.' -संतोष कुमार चौधरी, जिला महासचिव, जदयू
सत्ता सुख भोगने वाले लोग जमीन पर आ जाएंगे. हम कार्यकर्ता हैं. हम अपने पैरों में पहले से घुंघरू बांध कर रखे हुए हैं. मुजरा चाहे जिस कोठे पर करना पड़े, हम करने के लिए तैयार हैं. लेकिन मुजरा कराने वाले यह सोचें कि जब कार्यकर्ता नहीं रहेंगे तो वह सत्ता सुख कैसे लेंगे. कई बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पार्टी के नेता पहुंचने ही नहीं देते हैं. जिसके कारण हम कार्यकर्ताओं को फजीहत झेलनी पड़ रही है.
अपने पार्टी के जिला महासचिव के आक्रामक तेवर को देख स्थिति को संभालने में जुटे काराकाट से जदयू सांसद महाबली सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार में कोई अफसरशाही नहीं है. जो लोग अनैतिक कार्य कराना चाह रहे हैं, जब प्रशासनिक अधिकारी वह अनैतिक कार्य करने से मना कर रहे हैं तो अफसरशाही का आरोप लगाया जा रहा है. बिहार में सुशासन का राज है. कोई भी सांसद, विधायक, मंत्री या फिर आम कार्यकर्ता अनैतिक कार्य नहीं करा सकते हैं. वही सांसद के इस बयान के बाद जब उनसे यह पूछा गया कि क्या जदयू के कार्यकर्ता अधिकारियों पर अनैतिक कार्य करने के लिए दबाव बनाते हैं. जिसके बाद सांसद ने चुप्पी साध ली और वह गोल-मटोल जवाब देकर किसी तरह से बचते नजर आने लगे.
गौरतलब है कि सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार की नाकामियों को बताने वाले जिला महासचिव संतोष कुमार चौधरी ने यह अंदेशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस सच्चाई को बताने के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा या तो मुझे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा या फिर मुझे पार्टी से निकाल दिया जाएगा. लेकिन जिस राजा के सलाहकार, मंत्री, वैद्य, राजा को खुश करने के लिए झूठ बोलने लगें, उस राज्य का पतन होने में देर नहीं लगता है. हम एक सामान्य कार्यकर्ता हैं. जहां भी कार्य करना होगा हम कार्यकर्ता ही रहेंगे. इसलिए सच बोलने से हमें कोई परहेज नहीं है. हम पहले से घुंघरू बांध कर तैयार हैं. चाहे मुजरा जिस पार्टी में भी करना पड़े, वहां करेंगे. लेकिन किसी को खुश करने के लिए झूठ नहीं बोलेंगे. बता दें कि कार्यक्रम में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री संतोष निराला, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा समेत पार्टी के कई वरीय नेता और कार्यकर्ता इस दौरान उपस्थित थे.
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