बक्सरः टमाटर उत्पादन (Tomato Production) में विशेष पहचान रखने वाले बिहार के बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड (Tomato Cultivation in Simri Block Of Buxar) के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. टमाटर की फसल में बीमारी और कीट ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है. किसान बताते हैं कि 75 प्रतिशत से अधिक फसल को कीट ने बर्बाद कर दिया है. लेकिन अब तक प्रशासन और कृषि विभाग ने इसकी सुध नहीं ली है.
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किसानों ने बताया कि इस बावत जिला प्रशासन और कृषि विभाग को सूचना दी गई है. वे खेत से प्रखंड कार्यालयों और जिला मुख्यालयों के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं. अब तक किसी भी प्रकार की मदद उन्हें नहीं मिली है.
फसल को कीटों से बचाने के लिए किस दवा का उपयोग किया जाए, किसानों को इस बात की जानकारी नहीं है. कीटनाशक दुकानों से खरीदी गई नकली कीटनाशक दवाओं से किसान परेशान (Farmers Worried due To Fake Pesticides) हैं. इससे न ही खरपतवार नष्ट हो रहे हैं. नकली दवाओं से पौधों पर प्रभाव भी पड़ रहा है. इसकी सूचना भी अधिकारियों को दी गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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टमाटर की खेती करने वाली महिला किसानों ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा किसानों की सहूलियत के लिए गांव-गांव में कृषि समन्वयक, सलाहकार को नियुक्त किया गया है. लेकिन विभागीय अधिकारी उनकी ड्यूटी कहीं और ही लगा दे रहे हैं. कुछ किसान सलाहकार तो केवल बड़े किसानों के दरवाजे पर ही दस्तक देते हैं. हमलोग बार-बार कार्यालय जा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों से मुलाकात तक नहीं हो पाती है.
बता दें कि देश की करीब 71 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. आजादी के 74 साल बाद भी किसानों का हाल बेहाल है. उन्हें अब भी कर्जदारों और साहूकारों की मेहरबानी पर खेती करनी पड़ रही है. सरकार की तमाम योजनाएं यहां विफल साबित होती दिखाई दे रही हैं.
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