बक्सर: नहाए खाए के साथ आज से शुरू हो रहे चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई है. छठ को लेकर एक ओर जहां छठ व्रती आज से छठ पूजा की तैयारी में जुट गए हैं. एक ओर जहां बाजारों में खरीदारी को लेकर रौनक देखते ही बन रही है वहीं दूसरी ओर जिले के घाटों से ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है जो बेहद ही चौंकाने वाली है. इन तस्वीरों ने जिला प्रशासन और नगर निगम के दावे की पोल खोलकर रख दी है.
गंदगी को लेकर लोगों में नाराजगी: शहर के जहाज घाट से लेकर गोला घाट तक कचरे का अंबार है, जिसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन केवल रामरेखा घाट को दुरुस्त कर अपना पीठ थपथपा रहा है. जबकि अन्य घाट नरक बने हुए हैं. स्थानीय लोग अपने संसाधनों के बदौलत घाटों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं.
ईटीवी भारत ने लिया घाटों का जायजा: छठ महापर्व में जिला प्रशासन एवं नगर प्रशासन के द्वारा घाटों की साफ सफाई को लेकर किए जा रहे दावे केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब शहर के जहाज घाट की स्थितियों का जायजा लिया तो घाट पर कचरों का अंबार लगा हुआ था. शहर के ताड़का नाला के गंदे पानी के साथ कूड़े और प्लास्टिक अधिकारियों को आइना दिखा रहे थे.
"20 बर्षो से इस महाव्रत को करते आ रहे हैं, लेकिन हर साल अधिकारी उसी गंगा घाट पर बार-बार ध्यान देते हैं, जो पहले से साफ सुथरा रहता है. जहाज घाट नगर के चेयरमैन के घर से 5 मीटर की दूरी पर है, फिर भी हालात नरक जैसी है."- विजय कुमार, स्थानीय
फलों से पटे बाजार: वहीं इस महाव्रत को लेकर बाजारों में काफी रौनक दिखाई दे रही है. छठ पूजा को लेकर केरला की नारियल, नागपुर का संतरा, मेरठ की इंख, हाजीपुर का केला और सिलीगुड़ी का अनानास से पूरा बाजार पटा हुआ है. दुकानदारों की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा, इस बार फलों की महंगाई में 10-15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
"पिछले साल की तुलना में फलों की कीमत में 10-15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पिछले साल जिस गागल की कीमत 30-35 रुपये थी वह 50 हो गया है, सेब 1500-1600 रुपये पेटी, केला 1000 हजार से लेकर 1200 घौद, इंख 50 रुपये जोड़ा बिक रहा है, लेकिन इसके बाद भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं."- दुकानदार
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