बक्सर: ये बिहार का बक्सर है साहब, जहां उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के लिए ही नहीं बल्कि शराब के साथ अन्य मादक पदार्थों का सेवन करने के लिए भी दूसरे प्रदेशों से लोग आ रहे हैं. तस्करी भी कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि पुलिस आज तक किसी भी बड़े शराब कारोबारी (Liquor Merchant) या अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले पर हाथ नहीं डाल पाई है. इसका परिणाम है कि अब नशे में धुत शराबी थाना से महज चन्द कदम की दूरी पर नागिन डांस करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. जब तस्वीरें मीडिया कर्मियों की कैमरे में कैद हो जाती हैं तो उसे गिरफ्तार करना मजबूरी हो जाती है.
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11 नवम्बर को एक साथ गिरफ्तार हुए थे 65 शराबी
जिले में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कितना असरदार है, यह बताने की जरूरत नहीं है. 11 नवंबर की रात्रि में नगर थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह सेतु से एक साथ 65 शराबियों की गिरफ्तारी पर पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हैरानी की बात है कि जिस प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी है, वहां आसानी से शराब कैसे मिल जाती है. जिनके कन्धों पर इस कानून को सफल बनाने की जिम्मेवारी है, वे क्या कर रहे हैं.
दो तस्वीर देख समझ जाएंगे शराबबंदी का हाल
नगर थाना क्षेत्र की इन दो तस्वीरों को देखकर आप खुद ही समझ जाएंगे कि बक्सर में शराबबंदी (Liquor ban in Buxar) कितनी सफल है. पहली तस्वीर नगर परिषद के सफाई कर्मी की है नगर थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर शहर के सबसे व्यस्त मुख्य मार्ग पर शराब की नशे में धुत होकर नागिन डांस कर रहा है. लोग तमाशा देख रहे हैं. हैरानी की बात है कि पुलिसकर्मियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी.
जब मीडिया कर्मियों ने इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद किया तो मजबूरी में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजना पड़ा. वहीं दूसरी तस्वीर नगर थाना क्षेत्र के ही शिवपुरी की है. जहां नशे में धुत एक शराबी सड़क को ही अपना आशियाना समझ बैठा और नींद में गोते लगाने लगा. इससे आप समझ सकते हैं कि ड्राई स्टेट में लोग गले को तर करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हालांकि इन दोनों मामलों को लेकर जब अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो साहब कुछ भी बोलने से परहेज करने लगे.
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चिराग पासवान ने कसा तंज
वहीं एक दिवसीय दौरे पर रविवार को बक्सर पहुंचे लोजपा सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने इस मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि केवल कड़े नियम बनाने से शराबबंदी को सफल नहीं बनाया जा सकता. बल्कि निर्दोषों को छोड़कर जब तक पुलिस इस काले कारोबार में लगे बड़े-बड़े माफियाओं पर हाथ नहीं डालेगी, तब तक यह शराबबंदी सफल नहीं होगी. हैरानी की बात है कि जिस प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी है, वहां हर गांव, हर शहर की गलियों में शराब उपलब्ध है. इससे कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि इस कारोबार को आगे बढ़ाने में किन लोगों का सपोर्ट है. किसके दम पर निर्भीक होकर शराब कारोबारी अपने धंधे को चला रहे हैं.
क्या है सजा का प्रवधान
शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर कम से कम 50,000 रुपये जुर्माने से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. रिपोर्टों के मुताबिक, बिहार को शराब बिक्री पर लगे टैक्स कलेक्शन से हर साल 4,000 करोड़ रुपये की आमदनी हो रही थी. राज्य सरकार ने राजस्व के इस नुकसान का अनुमान लगा लिया था. राज्य सरकार ने कानून लागू करते समय कहा था कि वह इसकी भरपाई के लिए वित्त और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करेगी.
शहर के कई इलाके में खुलेआम हो रहा मादक पदार्थों का कारोबार
नगर थाना से 1 किलोमीटर के इलाके में कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां केवल शराब ही नहीं बल्कि चरस, अफीम, गांजा, हेरोइन का कारोबार खुलेआम हो रहा है. हैरानी की बात है कि पुलिस को छोड़कर पूरे जिले के लोगों को इस बात की जानकारी है. यहां दूसरे प्रदेशों से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए लोग आते हैं और खरीद-बिक्री कर निकल जाते हैं. कई बार स्थानीय लोगों के द्वारा वीडियो बनाकर उपलब्ध कराया गया लेकिन सिस्टम में बैठे लोगों ने इस सूचना को लीक कर दिया. इसके कारण सूचना देने वालों को मारपीट कर चुप करा दिया.
गौरतलब है कि हाल में जहरीली शराब के कारण बड़ी संख्या में मौतें हो चुकी हैं. इसके चलते हुए बवाल के बाद राज्य का पूरा महकमा आक्रामक हो गया है. पूरे राज्य में शराब और शराबियों की खोज के लिए पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. बिहार के बक्सर में एक साथ 65 शराबी गिरफ्तार हुए. वहीं, राजधानी पटना में 80 से अधिक जगहों पर छापेमारी की गयी. उसके बाद भी लोगों को शराब उपलब्ध हो रहा है.
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