उन्नाव/पटना: बक्सर में 10 मई को गंगा (Ganga) में उतराते मिले 71 लाशों के बाद उन्नाव की खबरें भी सामने आ गई थी. खबर आयी थी कि उन्नाव के बक्सर घाट पर कई शवों को दफनाया गया है. यह खबर प्रकाशित होते ही प्रशासन ने शवों को ठीक ढंग से ढकवाया था. जिले में बीते तीन दिन से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और कई जगहों पर कटान शुरू है. कटान के चलते गंगा की रेती में दफन किए गए शव (Dead body) अब नदी में उताराने लगे हैं. अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं. बीघापुर के एसडीएम का दावा है कि उन्होंने पुलिस के अधिकारियों के साथ गंगा का निरीक्षण किया है. इस दौरान उन्हें कोई शव उतराता नहीं दिखाई दिया.
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उन्नाव के बक्सर घाट का मामला
उन्नाव के बीघापुर तहसील क्षेत्र के बक्सर घाट पर लगभग 20 दिन पहले नदी के किनारे और धारा के बीच में करीब 12 शव दफनाए हुए मिले थे. कोरोना संक्रमण जब विकराल रुप ले चुका था, तब ग्रामीण इलाकों में हुई सैकड़ों संदिग्ध मौतों के बाद परिजनों ने शवों को दफनाया और कुछ ने शवों का दाह संस्कार किया. गंगा नदी की धारा के बीच में जिन शवों को टीले पर दफनाया गया था, कटान के चलते वह शव नदी में उतराने लगे. इन शवों को पक्षी नोचते हुए दिखाई दिए.
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कौन बोल रहा झूठ- अधिकारी, ग्रामीण या वीडियो
गंगा में शव उतराने की खबर मिलते ही अधिकारी निरीक्षण के लिए निकल पड़े. एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ गंगा का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें कोई भी शव बहता हुआ नहीं दिखा, जबकि स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने कई शवों को उतराते हुए देखा है. ग्रामीणों की मानें तो अब तक 50 से ज्यादा शव बह चुके हैं.
बीघापुर के एसडीएम ने नकारा
बीघापुर के एसडीएम दयाशंकर पाठक से जब बक्सर घाट में गंगा किनारे बहते शवों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ संयुक्त रूप से गंगा का निरीक्षण किया है. गंगा में कोई भी शव बहता हुआ नहीं दिखाई दिया है.
बक्सर में गंगा किनारे 10 मई को मिली थी लाशें
बता दें कि 10 मई को जिले के चौसा प्रखंड के अंतर्गत महदेवा घाट से 71 शव जबकि उत्तर प्रदेश की सीमा से सैकड़ों शव बरामद हुए थे. लगभग एक किलोमीटर के दायरे में गंगा नदी में लाशें बिखरी हुई थी. इस दौरान बक्सर के जिला प्रशासन ने गाजीपुर के रास्ते शवों के गंगा में आने की बात कही तो वहीं गाजीपुर के जिलाधिकारी ये मानने को तैयार नहीं थे. अब इस तरह की समस्या आगे ना हो इसका रास्ता भी निकाला गया था. बक्सर प्रशासान ने यूपी-बिहार बॉर्डर पर जाल बिछाकर गंगा को सील कर दिया था.
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