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सबरीमाला मंदिर में मंत्रों के साथ कई भाषाओं में तीर्थयात्रियों को कौन गाइड करता है, जानें

केरल के सबरीमाला मंदिर में मंडला-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के दौरान अपनी मधुर आवाज में 25 सालों से एक ही शख्स तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करता है.

Etv BhMM Kumar: The Multilingual Voice Guiding Sabarimalaarat
सबरीमाला मंदिर में तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करने वाले (ETV Bharat Kerala Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

पथानामथिट्टा: पिछले 25 वर्षों से एमएम कुमार हर साल मंडला मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सीजन के आरंभ से अंत तक सन्निधाम में उपस्थित रहते हैं. ऐसा कोई तीर्थयात्री नहीं है जो मंत्रों के साथ छह भाषाओं में एमएम कुमार की घोषणाओं को न सुनता हो.

जिन लोगों को एक भाषा को भी अच्छी तरह से बोल पाना मुश्किल लगता है, वे एमएम कुमार के बारे में सुनकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं क्योंकि वह छह भाषाओं पर अपनी मातृभाषा की तरह पकड़ रखते हैं.

एम.एम. कुमार कर्नाटक के चिकमंगलूर के मूल निवासी हैं. वे मलयालम, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषा को आसानी से बोल लेते हैं. 1999 में जब वे सन्निधानम पहुंचे तो उन्हें पता चला कि देवस्वोम के अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं जो विभिन्न भाषाओं में उद्घोषणा कर सके. उन्होंने तुरंत अधिकारियों से संपर्क किया.

एमएम कुमार की घोषणा सुनकर देवस्वोम अधिकारियों को किसी और चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ी. तब से एमएम कुमार की आवाज मंडला मकरविलक्कु अवधि के दौरान एक भी दिन बिना किसी रुकावट के पंपा और सन्निधानम में अयप्पा भक्तों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई है.

एमएम कुमार की मां राधाम्मा मलयाली हैं. उन्होंने अपनी मां से मलयालम सीखी. उनके पिता तमिलनाडु से हैं. परिवार कर्नाटक में है. इसलिए उन्होंने मलयालम, तमिल और कन्नड़ सीखी. उन्होंने स्कूल से हिंदी और अंग्रेजी सीखी. कुमार कहते हैं कि तीर्थयात्रियों के संपर्क से वे तेलुगु सहित अन्य भाषाओं में भी पारंगत हो गए हैं.

कुमार के साथ कोझेनचेरी के मूल निवासी एपी गोपालकृष्णन भी पिछले 25 वर्षों से घोषणाएं कर रहे हैं. तमिलनाडु के मूल निवासी बालगणेश और नरसिंहमूर्ति भी सन्निधानम स्थित घोषणा केंद्र में हैं.

ये भी पढ़ें- सबरीमाला दर्शन: शुक्रवार को मंडला पूजा, एक सप्ताह की वर्चुअल कतार बुकिंग पूरी

पथानामथिट्टा: पिछले 25 वर्षों से एमएम कुमार हर साल मंडला मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सीजन के आरंभ से अंत तक सन्निधाम में उपस्थित रहते हैं. ऐसा कोई तीर्थयात्री नहीं है जो मंत्रों के साथ छह भाषाओं में एमएम कुमार की घोषणाओं को न सुनता हो.

जिन लोगों को एक भाषा को भी अच्छी तरह से बोल पाना मुश्किल लगता है, वे एमएम कुमार के बारे में सुनकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं क्योंकि वह छह भाषाओं पर अपनी मातृभाषा की तरह पकड़ रखते हैं.

एम.एम. कुमार कर्नाटक के चिकमंगलूर के मूल निवासी हैं. वे मलयालम, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषा को आसानी से बोल लेते हैं. 1999 में जब वे सन्निधानम पहुंचे तो उन्हें पता चला कि देवस्वोम के अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं जो विभिन्न भाषाओं में उद्घोषणा कर सके. उन्होंने तुरंत अधिकारियों से संपर्क किया.

एमएम कुमार की घोषणा सुनकर देवस्वोम अधिकारियों को किसी और चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ी. तब से एमएम कुमार की आवाज मंडला मकरविलक्कु अवधि के दौरान एक भी दिन बिना किसी रुकावट के पंपा और सन्निधानम में अयप्पा भक्तों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई है.

एमएम कुमार की मां राधाम्मा मलयाली हैं. उन्होंने अपनी मां से मलयालम सीखी. उनके पिता तमिलनाडु से हैं. परिवार कर्नाटक में है. इसलिए उन्होंने मलयालम, तमिल और कन्नड़ सीखी. उन्होंने स्कूल से हिंदी और अंग्रेजी सीखी. कुमार कहते हैं कि तीर्थयात्रियों के संपर्क से वे तेलुगु सहित अन्य भाषाओं में भी पारंगत हो गए हैं.

कुमार के साथ कोझेनचेरी के मूल निवासी एपी गोपालकृष्णन भी पिछले 25 वर्षों से घोषणाएं कर रहे हैं. तमिलनाडु के मूल निवासी बालगणेश और नरसिंहमूर्ति भी सन्निधानम स्थित घोषणा केंद्र में हैं.

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