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Buxar News: बक्सर दौरे पर पहुंचे DRM बोले, 'अगले 5 साल में विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनेगा बक्सर'

अगले 5 साल में बक्सर स्टेशन विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों की श्रेणी में होगा. यह दावा दानापुर मंडल के डीआरएम प्रभात कुमार ने बक्सर स्टेशन के निरीक्षण (Danapur DRM inspected Buxar station) के दौरान कही. उन्होंने कहा कि दोनों प्लेटफार्म पर बनी पुरानी बिल्डिंग को हटाकर आधुनिक भवन बनेगा. वैसे केंद्र और राज्य की लड़ाई में बिहार में रेलवे का विकास का कार्य प्रभावित हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

डीआरएम ने किया बक्सर स्टेशन का निरीक्षण
डीआरएम ने किया बक्सर स्टेशन का निरीक्षण
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Published : Mar 11, 2023, 4:12 PM IST

डीआरएम ने किया बक्सर स्टेशन का निरीक्षण

बक्सरः बिहार के बक्सर पहुंचे डीआरएम प्रभात कुमार ने बक्सर रेलवे स्टेशन को पांच साल में विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने का दावा किया है. डीआरएम एक दिवसीय दौरे पर बक्सर (DRM visit to Buxar station ) पहुंचे थे. यहां अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की लड़ाई में बिहार में रेलवे का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. कई योजना रेलवे ने पूरी कर ली है. बस राज्य सरकार के हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है.

ये भी पढ़ेंः निरीक्षण के लिए बक्सर पहुंचे रेलवे GM बोले- अधिक भीड़ की वजह से लोकल ट्रेनों का परिचालन किया गया बंद

अगले पांच सालों में हो जाएाग स्टेशनों का विकासः बक्सर और चौसा रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाए की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी गई है. इस सवाल पर डीआरएम ने कहा कि अगले 5 साल में कुछ काम की शुरुआत हो जाएगी. योजना को जमीन पर उतारने में समय लगता है. रेलवे की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि सबसे पहले स्टेशन पर रेलवे का जो पुराना भवन है. उसकी जगह पर आधुनिक तरीके से भवन का निर्माण हो. वहां काम करने वाले कर्मचारी से लेकर यात्री को हर तरह की सुविधा मिले.

राज्य सरकार का नहीं मिल रहा सहयोगः बक्सर और चौसा में निर्माणाधीन आरओबी के सवाल पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार को इसका जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि रेलवे ने अपना काम पूरा कर लिया है. सभी को पता है कि किसके कारण यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नाम लेने की जरूरत नहीं है. हम तो चाहते हैं कि काम हो, लेकिन विकास के रफ्तार में ब्रेक लगने का कारण सबको पता है. बड़े अधिकारी निरीक्षण करने के लिए आते है, तो साफ सफाई से लेकर तमाम सुविधा सुचारू रूप से चलने लगता है. अधिकारी के जाने के साथ ही पुनः लिफ्ट से लेकर स्वचालित सीढ़ी में ताला बंद कर दिया जाता है. इस पर अपने कर्मियो का बचाव करते हुए डीआरएम ने इसका ठीकरा यात्री पर ही फोड़ते हुए कहा कि हर काम रेलवे की जिम्मेवारी नहीं है. लोगो को भी सुधरने की जरूरत है

"अगले 5 साल में कुछ काम की शुरुआत हो जाएगी. योजना को जमीन पर उतारने में समय लगता है. रेलवे की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि सबसे पहले स्टेशन पर रेलवे का जो पुराना भवन है. उसकी जगह पर आधुनिक तरीके से भवन का निर्माण हो. वहां काम करने वाले कर्मचारी से लेकर यात्री को हर तरह की सुविधा मिले. रेलवे ने अपना काम पूरा कर लिया है. सभी को पता है कि किसके कारण यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नाम लेने की जरूरत नहीं है"- प्रभात कुमार डीआरएम दानापुर रेलमंडल


डीआरएम ने किया बक्सर स्टेशन का निरीक्षण

बक्सरः बिहार के बक्सर पहुंचे डीआरएम प्रभात कुमार ने बक्सर रेलवे स्टेशन को पांच साल में विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने का दावा किया है. डीआरएम एक दिवसीय दौरे पर बक्सर (DRM visit to Buxar station ) पहुंचे थे. यहां अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की लड़ाई में बिहार में रेलवे का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. कई योजना रेलवे ने पूरी कर ली है. बस राज्य सरकार के हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है.

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अगले पांच सालों में हो जाएाग स्टेशनों का विकासः बक्सर और चौसा रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाए की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी गई है. इस सवाल पर डीआरएम ने कहा कि अगले 5 साल में कुछ काम की शुरुआत हो जाएगी. योजना को जमीन पर उतारने में समय लगता है. रेलवे की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि सबसे पहले स्टेशन पर रेलवे का जो पुराना भवन है. उसकी जगह पर आधुनिक तरीके से भवन का निर्माण हो. वहां काम करने वाले कर्मचारी से लेकर यात्री को हर तरह की सुविधा मिले.

राज्य सरकार का नहीं मिल रहा सहयोगः बक्सर और चौसा में निर्माणाधीन आरओबी के सवाल पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार को इसका जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि रेलवे ने अपना काम पूरा कर लिया है. सभी को पता है कि किसके कारण यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नाम लेने की जरूरत नहीं है. हम तो चाहते हैं कि काम हो, लेकिन विकास के रफ्तार में ब्रेक लगने का कारण सबको पता है. बड़े अधिकारी निरीक्षण करने के लिए आते है, तो साफ सफाई से लेकर तमाम सुविधा सुचारू रूप से चलने लगता है. अधिकारी के जाने के साथ ही पुनः लिफ्ट से लेकर स्वचालित सीढ़ी में ताला बंद कर दिया जाता है. इस पर अपने कर्मियो का बचाव करते हुए डीआरएम ने इसका ठीकरा यात्री पर ही फोड़ते हुए कहा कि हर काम रेलवे की जिम्मेवारी नहीं है. लोगो को भी सुधरने की जरूरत है

"अगले 5 साल में कुछ काम की शुरुआत हो जाएगी. योजना को जमीन पर उतारने में समय लगता है. रेलवे की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि सबसे पहले स्टेशन पर रेलवे का जो पुराना भवन है. उसकी जगह पर आधुनिक तरीके से भवन का निर्माण हो. वहां काम करने वाले कर्मचारी से लेकर यात्री को हर तरह की सुविधा मिले. रेलवे ने अपना काम पूरा कर लिया है. सभी को पता है कि किसके कारण यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नाम लेने की जरूरत नहीं है"- प्रभात कुमार डीआरएम दानापुर रेलमंडल


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