बक्सर : बिहार के बक्सर जीएनएम काॅलेज के हाॅस्टल में छात्रा का शव मिला था. काॅलेज प्रबंधन ने इसे आत्महत्या बताकर उसके परिजन को सूचना दी. जब परिजन यहां पहुंचे तो उन्होंने प्रबंधन की गतिविधियों पर ही सवाल खड़ा कर दिया. क्योंकि परिजन के अनुसार छात्रा तीन सितंबर को ही हाॅस्टल पहुंच गई थी और काॅलेज ने बताया कि छात्रा 5 सितंबर को हाॅस्टल आई और उसी दिन आत्महत्या कर ली. इस बाबत जब रजिस्टर देखा गया तो छात्रा के आने-जाने के समय को ओवरराइट कर बदला हुआ पाया गया.
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काॅलेज प्रबंधन की गतिविधि पर सवाल : छात्रा के पिता ने बताया कि "मेरी बेटी 3 सितंबर को ही इस हॉस्टल में आ गई थी. इसको लेकर उसने बात भी की और व्हाट्सएप मैसेज भी की थी". इस बाबत जब मीडिया के सामने मृतक के आवेदन से लेकर रजिस्टर तक खंगाला गया तो हर जगह आने-जाने और आवेदन तक की तिथि में ओवरराइटिंग कर डेट को बदल गया था. पिता ने बताया कि मेरी बेटी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस कार्यक्रम में काॅलेज में मौजूद थी और उसके आने जाने के समय में बदलाव किया गया है.
काॅलेज में ही हत्या का लगाया आरोप : इसके अलावा छात्रा की मां ने बताया कि "अगर मेरी बेटी किसी वजह से परेशान थी, कुछ घरेलू समस्या थी तो वह अपने घर पर आत्महत्या कर सकती थी. घर से काॅलेज आने के दौरान भी ऐसा कर सकती थी. काॅलेज आने के दो दिन बाद बेटी की आत्महत्या की सूचना मिलती है और बताया जाता है कि आपकी बेटी 3 को नहीं बल्कि 5 सितंबर को आई थी. ऐसे में तो काॅलेज में ही उस पर अन्याय हुआ".
प्रिंसिपल ने भी माना रजिस्टर में हुई छेड़छाड़ : माता-पिता का यह भी कहना है कि जब मेरी बेटी ने आत्महत्या की तो उसके शव को पुलिस के सामने क्यों नहीं उतारा गया. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसकी वीडियोग्राफी की कर ली जाती. बिना परिजन या पुलिस की उपस्थिति में शव से छेड़छाड़ क्यों किया गया. इस बाबत जब काॅलेज प्रिंसिपल जागृति कुमारी से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना देने से पहले ही छात्राओं ने यह सब काम कर लिया था. जहां तक सीसीटीवी कैमरा उखाड़ने की बात है तो यहां कभी कैमरा लगाया गया ही नहीं है.
"छात्रा 5 सितंबर को काॅलेज आई थी. जब शाम को नाइट अटेंडेंस हुआ तो वह नहीं पहुंची थी. जब छात्राएं उसके रूम में पहुंची तो उन्होंने ही उसके शव को नीचे उतारा. मेरे यहां 147 छात्राएं हैं. छात्राएं पहले से आवेदन लिखकर अनुमति ले लेती है, लेकिन कई बार उस समय वह नहीं जा पाती है तो बाद में भी चली जाती है. लेकिन रजिस्टर में ओवरराइटिंग हुई है. मैं भी मानती हूं. एक गलती हुई है कि क्राॅस सिग्नेचर नहीं ली गई और ओवरराइटिंग हुई है. इसको लेकर गार्ड से पूछताछ की गई. वैसे पुलिस प्रशासन इसकी जांच करेगी. मैं इसमें पूरा मदद करूंगी".- जागृति कुमारी, प्रिंसिपल, जीएनएम काॅलेज