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जहरीली शराब से हो रही मौतों पर भाकपा माले ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा

बिहार में जहरीली शराब (Poisonous liquor in Bihar) से हो रही लगातार मौतों को लेकर भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफा है. विधायक का आरोप है कि कानून को सफलतापूर्वक लागू नहीं करा पाने वाले मुख्यमंत्री को गद्दी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. पढ़ें पूरी खबर.

Cm nitish
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Published : Jan 22, 2022, 11:55 AM IST

बक्सर: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. इस कानून को लागू होने के 5 साल 9 महीने बाद भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत (Death by Spurious Liquor in Nalanda) के बाद अब सारण में 16 लोगों की जान गयी है. इस प्रकार की लगातार घटनाओं के कारण बीजेपी नेता भी अब नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं. विपक्षी दलों के नेता नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण 40 लोगों की हुई थी मौत
बिहार में 2021 में जहरीली शराब के 1 दर्जन से अधिक मामले सामने आए थे. इसमे 4 दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई. 2 महीने पहले प्रदेश के गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. उससे पहले जुलाई महीने में भी पश्चिमी चंपारण में 12 लोगो की मौत का मामला सामने आया था. नए साल के पहले महीने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब से 11 लोगों की जबकि सारण में 16 लोगों की मौत ने सत्ताधारी दल के नेताओ को भी झकझोर कर रख दिया है. इन मामलों को लेकर एनडीए के सहयोगी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एवं हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी शराबबन्दी कानून की सफलता पर सवाल उठना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना को मात देकर काम पर लौटे बक्सर डीएम, लोगों से की ये अपील..
बक्सर में भी हो रही है लापरवाही
प्रदेश के अलग-अलग जिले में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों के बाद भी बक्सर जिले में प्रशासनिक लापरवाही साफ देखी जा रही है. बिहार, उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर तैनात उत्पाद विभाग एवं बिहार पुलिस के जवानों की नजर जब मीडिया कर्मियों या बड़े अधिकारियों की गाड़ियों पर पड़ती है तो जांच करना शुरू कर देते हैं. जैसे ही उनकी गाड़ियां चली जाती हैं, वह किसी वाहन को चेक नहीं करते हैं. इसका फायदा उठाते हुए तस्कर शराब लेकर बिहार की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं.

क्या कहते हैं एसपी
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रत्येक दिन बड़े पैमाने पर मिल रहे शराब को लेकर जब पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बक्सर पुलिस नियमित रूप से शराब एवं शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही है. जहां भी शराब होने की सूचना मिलती है, पुलिस त्वरित करवाई कर रही है.

बक्सर में शराबबंदी कानून को लेकर लापरवाही

प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही लोगों की मौत के बाद डुमराव से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री अपने ही बनाए हुए कानून को अपने प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू नहीं कर सकता, उसे कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. आखिर वह कौन सी वजह है कि प्रदेश के तमाम प्रशासनिक अधिकारी शराब एवं शराब कारोबारियों के पीछे लगे हुए हैं. उसके बाद भी आज तक किसी भी बड़े शराब कारोबारी के गर्दन तक पुलिस नहीं पहुंच पाई. करवाई के नाम पर केवल गरीब एवं निरीह लोगों को ही गिरफ्तार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: शराब के नशे में धुत बक्सर का कृषि अधिकारी अरवल में गिरफ्तार

गौरतलब है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रत्येक दिन शराब की खेप पुलिस बरामद कर रही है. जिले के चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड के दर्जनों गांव शराब कारोबारियों के लिए सेफ जोन बने हुए हैं. जहां रात के अंधेरे की बात कौन कहे, दिन के उजाले में गंगा नदी की रास्ते शराब की खेप लेकर बिहार की सीमा में शराब तस्कर प्रवेश कर जाते है और शाम ढलने के साथ ही उसे अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में सप्लाई कर देते हैं. हैरानी की बात है कि जिले के किस वार्ड के किस गली में शराब की बिक्री हो रही है, इस बात की जानकारी पुलिस को छोड़कर रिक्शा चालकों तक को है.

यह भी पढ़ें - छपरा शराब कांड: जगदीशपुर गांव में छापेमारी कर बरामद की गई शराब और स्प्रिट, मकेर थानाध्यक्ष सस्पेंड

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बक्सर: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. इस कानून को लागू होने के 5 साल 9 महीने बाद भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत (Death by Spurious Liquor in Nalanda) के बाद अब सारण में 16 लोगों की जान गयी है. इस प्रकार की लगातार घटनाओं के कारण बीजेपी नेता भी अब नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं. विपक्षी दलों के नेता नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण 40 लोगों की हुई थी मौत
बिहार में 2021 में जहरीली शराब के 1 दर्जन से अधिक मामले सामने आए थे. इसमे 4 दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई. 2 महीने पहले प्रदेश के गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. उससे पहले जुलाई महीने में भी पश्चिमी चंपारण में 12 लोगो की मौत का मामला सामने आया था. नए साल के पहले महीने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में जहरीली शराब से 11 लोगों की जबकि सारण में 16 लोगों की मौत ने सत्ताधारी दल के नेताओ को भी झकझोर कर रख दिया है. इन मामलों को लेकर एनडीए के सहयोगी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एवं हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी शराबबन्दी कानून की सफलता पर सवाल उठना शुरू कर दिया है.

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बक्सर में भी हो रही है लापरवाही
प्रदेश के अलग-अलग जिले में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों के बाद भी बक्सर जिले में प्रशासनिक लापरवाही साफ देखी जा रही है. बिहार, उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर तैनात उत्पाद विभाग एवं बिहार पुलिस के जवानों की नजर जब मीडिया कर्मियों या बड़े अधिकारियों की गाड़ियों पर पड़ती है तो जांच करना शुरू कर देते हैं. जैसे ही उनकी गाड़ियां चली जाती हैं, वह किसी वाहन को चेक नहीं करते हैं. इसका फायदा उठाते हुए तस्कर शराब लेकर बिहार की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं.

क्या कहते हैं एसपी
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रत्येक दिन बड़े पैमाने पर मिल रहे शराब को लेकर जब पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बक्सर पुलिस नियमित रूप से शराब एवं शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही है. जहां भी शराब होने की सूचना मिलती है, पुलिस त्वरित करवाई कर रही है.

बक्सर में शराबबंदी कानून को लेकर लापरवाही

प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही लोगों की मौत के बाद डुमराव से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री अपने ही बनाए हुए कानून को अपने प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू नहीं कर सकता, उसे कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. आखिर वह कौन सी वजह है कि प्रदेश के तमाम प्रशासनिक अधिकारी शराब एवं शराब कारोबारियों के पीछे लगे हुए हैं. उसके बाद भी आज तक किसी भी बड़े शराब कारोबारी के गर्दन तक पुलिस नहीं पहुंच पाई. करवाई के नाम पर केवल गरीब एवं निरीह लोगों को ही गिरफ्तार किया जा रहा है.

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गौरतलब है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी अलग-अलग थाना क्षेत्रों से प्रत्येक दिन शराब की खेप पुलिस बरामद कर रही है. जिले के चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड के दर्जनों गांव शराब कारोबारियों के लिए सेफ जोन बने हुए हैं. जहां रात के अंधेरे की बात कौन कहे, दिन के उजाले में गंगा नदी की रास्ते शराब की खेप लेकर बिहार की सीमा में शराब तस्कर प्रवेश कर जाते है और शाम ढलने के साथ ही उसे अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में सप्लाई कर देते हैं. हैरानी की बात है कि जिले के किस वार्ड के किस गली में शराब की बिक्री हो रही है, इस बात की जानकारी पुलिस को छोड़कर रिक्शा चालकों तक को है.

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