ETV Bharat / state

रख रखाव के अभाव में हो रही गायों की मौत, क्यों मौन है प्रशासन?

आदर्श गौशाला में प्रशासनिक लापरवाही के कारण गाय और बछड़ों की मौत हो रही है. स्थानीय लोगों के दिए गए चारे से गायों का जीवनयापन हो रहा है.

buxar
buxar
author img

By

Published : Jul 20, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 4:14 PM IST

बक्सरः गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. हिन्दू धर्म में वैदिक काल से ही गायों की पूजा करने की परंपरा रही है. इस पशुधन को सहेजने के लिए साल 1916 में शहर के स्टेशन रोड में आदर्श गौशाला की स्थापना की गई थी. इस गौशाला के पास अरबों की संपत्ति और बेहतर कमाई का जरिया मौजूद है. लेकिन यहां रह रही गायें तिल-तिल कर मौत का इंतजार कर रही हैं. समिति के सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से प्रत्येक महीने एक गाय की मौत हो रही है.

पैसा कमाने के लिए हो रहा इस्तेमाल
अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 104 साल पहले पशुधन की रक्षा के लिए 22 दिसंबर 1916 में शहर के मुख्य चौक के पास आदर्श गौशाला की स्थापना की गई थी. तब गाय की सेवा पुण्य का काम समझ कर स्थानीय लोगों ने गौशाला के नाम पर कई एकड़ भूमि दान दिया था. इसकी निगरानी की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई थी. लेकिन अब इसका इस्तेमाल पैसा कमाने में हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

भू-माफियाओं का कब्जा
आदर्श गौशाला की जमीन पर 35 से अधिक दुकानें हैं. जिस पर बड़े भू माफियाओं और व्यवसाइयों का कब्जा है. राज्य सरकार समय-समय पर इसके मेंटेनेंस के लिए लाखों रुपये देती है. लेकिन इसके बावजूद गौशाला की बदहाली देख कर स्थानीय लोग इसकी तुलना कसाई खाने से करने लगे हैं.

buxar
आदर्श गौशाला में मौजूद गाय

एक-एक कर हो रही गायों की मौत
गौशाला की देख रेख करने वाले लालजी यादव ने बताया कि यहां मौजूद गायों को 365 दिन खुले आसमान के नीचे गुजारा करना पड़ता है. भूख और बिमारी के कारण एक-एक कर गाय और बछड़ों की मौत हो रही है. साथ ही यहां चारों तरफ घुटने तक कीचड़ भरा हुआ है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगो ने बताया कि समिति और प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ लूट कर रहे हैं. इससे ज्यादा सुख सड़क पर घूमने वाली गायों को है जिन्हें जंजीर में जकड़कर भूख से मरना नही पड़ता है.

'गाय पर सियासत'
आरजेडी जिलाध्यक्ष शेषनाथ यादव ने आदर्श गौशाला कि बदहाल व्यवस्था का जिम्मेवार प्रशासनिक अधिकारियों को बताते हुए कहा कि यहां स्थापित दुकानों से लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन यह पैसा कहां जाता है? यह किसी को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि गाय पर सियासत करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता आज मौन हैं. बीजेपी को बस चुनाव के समय गाय की याद आती है.

buxar
नहीं मिलता है चारा

'जल्द होगा समस्या का समाधान'
वहीं, एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाअध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि जल्द ही इस समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराकर इसका समाधान निकाला जाएगा. गौरतलब है कि शहर के बीचो बीच स्थापित इस गौशाला में कुल 42 गाय हैं. जिनका जीवन किसानों के दिये गए दान के भरोसे चल रहा है. अगर किसान इन मवेशियों को चारा दान न दें तो अब तक भूख से इनकी मौत हो गई होती.

बक्सरः गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. हिन्दू धर्म में वैदिक काल से ही गायों की पूजा करने की परंपरा रही है. इस पशुधन को सहेजने के लिए साल 1916 में शहर के स्टेशन रोड में आदर्श गौशाला की स्थापना की गई थी. इस गौशाला के पास अरबों की संपत्ति और बेहतर कमाई का जरिया मौजूद है. लेकिन यहां रह रही गायें तिल-तिल कर मौत का इंतजार कर रही हैं. समिति के सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से प्रत्येक महीने एक गाय की मौत हो रही है.

पैसा कमाने के लिए हो रहा इस्तेमाल
अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 104 साल पहले पशुधन की रक्षा के लिए 22 दिसंबर 1916 में शहर के मुख्य चौक के पास आदर्श गौशाला की स्थापना की गई थी. तब गाय की सेवा पुण्य का काम समझ कर स्थानीय लोगों ने गौशाला के नाम पर कई एकड़ भूमि दान दिया था. इसकी निगरानी की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई थी. लेकिन अब इसका इस्तेमाल पैसा कमाने में हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

भू-माफियाओं का कब्जा
आदर्श गौशाला की जमीन पर 35 से अधिक दुकानें हैं. जिस पर बड़े भू माफियाओं और व्यवसाइयों का कब्जा है. राज्य सरकार समय-समय पर इसके मेंटेनेंस के लिए लाखों रुपये देती है. लेकिन इसके बावजूद गौशाला की बदहाली देख कर स्थानीय लोग इसकी तुलना कसाई खाने से करने लगे हैं.

buxar
आदर्श गौशाला में मौजूद गाय

एक-एक कर हो रही गायों की मौत
गौशाला की देख रेख करने वाले लालजी यादव ने बताया कि यहां मौजूद गायों को 365 दिन खुले आसमान के नीचे गुजारा करना पड़ता है. भूख और बिमारी के कारण एक-एक कर गाय और बछड़ों की मौत हो रही है. साथ ही यहां चारों तरफ घुटने तक कीचड़ भरा हुआ है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगो ने बताया कि समिति और प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ लूट कर रहे हैं. इससे ज्यादा सुख सड़क पर घूमने वाली गायों को है जिन्हें जंजीर में जकड़कर भूख से मरना नही पड़ता है.

'गाय पर सियासत'
आरजेडी जिलाध्यक्ष शेषनाथ यादव ने आदर्श गौशाला कि बदहाल व्यवस्था का जिम्मेवार प्रशासनिक अधिकारियों को बताते हुए कहा कि यहां स्थापित दुकानों से लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन यह पैसा कहां जाता है? यह किसी को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि गाय पर सियासत करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता आज मौन हैं. बीजेपी को बस चुनाव के समय गाय की याद आती है.

buxar
नहीं मिलता है चारा

'जल्द होगा समस्या का समाधान'
वहीं, एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाअध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि जल्द ही इस समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराकर इसका समाधान निकाला जाएगा. गौरतलब है कि शहर के बीचो बीच स्थापित इस गौशाला में कुल 42 गाय हैं. जिनका जीवन किसानों के दिये गए दान के भरोसे चल रहा है. अगर किसान इन मवेशियों को चारा दान न दें तो अब तक भूख से इनकी मौत हो गई होती.

Last Updated : Jul 20, 2020, 4:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.