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बड़ी लापरवाही: बक्सर के रघुनाथपुर PHC परिसर में फेंकी मिली Covishield टीके की वायल

बक्सर में बड़ी लापरवाही (Big Negligence in Buxar) सामने आई है. जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के पीएचसी परिसर में कचरे के ढेर में कोविशील्ड की वैक्सीन मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. वीडियो सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दिए हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बक्सर में बड़ी लापरवाही
बक्सर में बड़ी लापरवाही
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Published : Jan 24, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Jan 24, 2022, 10:29 AM IST

बक्सर: कोरोना का खतरा अभी भी टला नहीं है, लिहाजा सरकार और स्वास्थ्य महकमा ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकृत करने और लोगों को संक्रमण से सावधानी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से लगातार काम कर रहा है. लेकिन, इसी बीच बक्सर जिले के रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Raghunathpur Primary Health Center) परिसर में कचरे के ढेर में कोरोना वैक्सीन की वायल (Corona vaccine found from Garbage Dump in Buxar) मिलने से स्वास्थ्य महकमे में अफरा तफरी मच गई. इसका वीडियो सामने आने के बाद सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कोरोना संक्रमित से ले रहा ड्यूटी

इस पूरे मामले पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार ने बताया कि अस्पताल कैंपस के अंदर कचरे में फेंके गए वैक्सीन को बरामद कर लिया गया है और इस बात का पता लगाया जा रहा है कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है. उन्होंने कहा कि कितने टीके कहां और किस को एलॉट हुए हैं और कहां कितनी खपत हुई है इसकी जांच की जाएगी. हालांकि, इतना तो तय है कि लापरवाही अस्पताल से ही हुई है, जिसकी जांच की जाएगी.

पीएचसी परिसर में कचरे के ढेर में कोविशील्ड की वैक्सीन

बता दें कि अस्पताल कैंपस में ही टीका केंद्र भी बनाया गया है, जहां आने वाले लोगों को वैक्सीनेट किया जाता है. इधर, कई लोगों ने इस बात की भी शिकायतें की है कि जिन लोगों ने कोविड का पहला डोज ले लिया है, लेकिन दूसरा डोज नहीं लेने के बावजूद भी उनके मोबाइल पर वैक्सीनेट होने के मैसेज आ रहे हैं. हालांकि, इसे टेक्निकल फॉल्ट बताया जा रहा है और जिन लोगों ने दूसरा डोज नहीं लिया है उन्हें वैक्सिन लगने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, भारी मात्रा में दवाइयां हुईं एक्सपायर

इस मामले में बक्सर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने कहा कि इस तरह का मामला उनके भी संज्ञान में आया है और इसकी जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है और जांच भी शुरू कर दी गई है. जांच के बाद रिपोर्ट आते ही जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि कोरोना के कारण पूरे विश्व ने बड़ी तबाही देखी है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी. तीसरी लहर की दस्तक के बाद से अभी भी इसका प्रकोप जारी है. हालांकि, इसकी रोकथाम में वैक्सीनेशन एक बड़ा हथियार साबित हुआ है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में बड़ी कामयाबी मिली है. कोविड के पिक लहर के साथ जब कोरोना का टीका आया तो इसे लगाने के लिए लोगों में गजब का उत्साह देखा गया. कहीं-कहीं तो वैक्सीन की कमी के कारण लोगों में आक्रोश भी देखने को मिला. हालांकि, अब ज्यादातर लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं और अब टीके की भी कोई कमी नहीं है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही सवालों के घेरे में है.

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बक्सर: कोरोना का खतरा अभी भी टला नहीं है, लिहाजा सरकार और स्वास्थ्य महकमा ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकृत करने और लोगों को संक्रमण से सावधानी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से लगातार काम कर रहा है. लेकिन, इसी बीच बक्सर जिले के रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Raghunathpur Primary Health Center) परिसर में कचरे के ढेर में कोरोना वैक्सीन की वायल (Corona vaccine found from Garbage Dump in Buxar) मिलने से स्वास्थ्य महकमे में अफरा तफरी मच गई. इसका वीडियो सामने आने के बाद सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.

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इस पूरे मामले पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार ने बताया कि अस्पताल कैंपस के अंदर कचरे में फेंके गए वैक्सीन को बरामद कर लिया गया है और इस बात का पता लगाया जा रहा है कि लापरवाही किस स्तर पर हुई है. उन्होंने कहा कि कितने टीके कहां और किस को एलॉट हुए हैं और कहां कितनी खपत हुई है इसकी जांच की जाएगी. हालांकि, इतना तो तय है कि लापरवाही अस्पताल से ही हुई है, जिसकी जांच की जाएगी.

पीएचसी परिसर में कचरे के ढेर में कोविशील्ड की वैक्सीन

बता दें कि अस्पताल कैंपस में ही टीका केंद्र भी बनाया गया है, जहां आने वाले लोगों को वैक्सीनेट किया जाता है. इधर, कई लोगों ने इस बात की भी शिकायतें की है कि जिन लोगों ने कोविड का पहला डोज ले लिया है, लेकिन दूसरा डोज नहीं लेने के बावजूद भी उनके मोबाइल पर वैक्सीनेट होने के मैसेज आ रहे हैं. हालांकि, इसे टेक्निकल फॉल्ट बताया जा रहा है और जिन लोगों ने दूसरा डोज नहीं लिया है उन्हें वैक्सिन लगने की बात कही जा रही है.

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इस मामले में बक्सर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने कहा कि इस तरह का मामला उनके भी संज्ञान में आया है और इसकी जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है और जांच भी शुरू कर दी गई है. जांच के बाद रिपोर्ट आते ही जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि कोरोना के कारण पूरे विश्व ने बड़ी तबाही देखी है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी. तीसरी लहर की दस्तक के बाद से अभी भी इसका प्रकोप जारी है. हालांकि, इसकी रोकथाम में वैक्सीनेशन एक बड़ा हथियार साबित हुआ है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में बड़ी कामयाबी मिली है. कोविड के पिक लहर के साथ जब कोरोना का टीका आया तो इसे लगाने के लिए लोगों में गजब का उत्साह देखा गया. कहीं-कहीं तो वैक्सीन की कमी के कारण लोगों में आक्रोश भी देखने को मिला. हालांकि, अब ज्यादातर लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं और अब टीके की भी कोई कमी नहीं है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही सवालों के घेरे में है.

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Last Updated : Jan 24, 2022, 10:29 AM IST
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