बक्सरः भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा राजद और कांग्रेस में टूट के दावा किये जाने के बाद राजपुर कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि एनडीए के विधायक ही यह बयान दे रहे हैं कि मकर संक्रांति के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएंगे. ऐसे में टूट का कोई सवाल ही नहीं है.
दरअसल अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक घटना क्रम के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. दोनों गठबंधन के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एनडीए अपनी नई सरकार बचाने में लगी है तो महागठबंधन अपनी सरकार बनाने के सपने देख रहा है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राजद और कांग्रेस में टूट के दावा किया है. जिसका जवाब कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने दिया है.
'कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि जदयू के कई विधायक दल छोड़कर महागठबन्धन में आने की तैयारी कर रहे है क्योंकि नीतीश कुमार ने पहले ही कह दिया है कि अगली बार वह मुख्यमंत्री नही बनेंगे. जिसके कारण कई विधायक महागठबन्धन को अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं. खरमास बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी'- विश्वनाथ राम, कांग्रेस विधायक
दरअसल अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा जदयू के 6 विधायकों को पार्टी में शामिल कराए जाने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी ने बीजेपी नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है. नए साल में जदयू नेताओं की तल्ख तेवर को देख भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल से लेकर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद तक एनडीए में सब कुछ ठीक होंने का दावा करने में लगे हुए हैं.
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जदयू के नेता बीजेपी की बात को नहीं कर रहे नोटिस
अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक घटना क्रम के बाद से ही नए साल में जदयू के नेताओं ने अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से दूरी बनाना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर अब महागठबन्धन के नेता मक्करसंक्रान्ति बाद नए समीकरण के साथ सरकार बनाने का दम्भ भर रहे हैं. इससे परेशान बीजेपी के नेता भूपेन्द्र यादव ने खरमास बाद राजद में टूट होंने का दावा कर दिया है.
एनडीए में चल रहे आंतरिक कलह पर पर्दा डालने की कोशिश जरूर किये है. लेकिन यह कोशिश भी कामयाब होती नहीं दिख रही है. क्योंकि जदयू के नेता अपने सहयोगी के किसी भी बात पर नोटिस नहीं ले रहे है.
नीतीश कुमार की खामोशी पर टिकी सबकी नजर
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए एवं महगठबन्धन के नेताओं की निगाहे नीतीश कुमार की खामोशी पर टिकी हुई है. यही कारण है कि बीजेपी नेताओं की परेशानियों के बीच महागठबन्धन के नेता अवसर की तलाश करने में लगे हुए हैं.