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संविदा कर्मियों के हड़ताल से बक्सर सदर अस्पताल की बढ़ी परेशानी

ऑपरेशन थियेटर में दर्द से कराह रहे मरीजों के सवाल को पर हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य कर्मी दिनेश तिवारी ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानती है. तब तक संविदाकर्मियों का हड़ताल जारी रहेगा.

बक्सर
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Published : Jul 22, 2020, 11:01 PM IST

बक्सर: जिले में कोरोना महामारी का प्रसार तेजी से हो रहा है. वहीं दूसरी ओर संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में चीख-पुकार मचने से पूरा इलाका गमगीन है. अस्पताल में संविदा कर्मी नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. वहीं ऑपरेशन टेबल पर दर्द से कराह रहे मरीजों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है.

अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि सुबह से ही इधर-उधर भटक रहे हैं. लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों का कोई पता नहीं चल रहा है. मरीज टेबल पर खून से लथपथ पड़ा हुआ है. उसे देखने वाला कोई नहीं है. आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जब विभाग को पहले ही यह पता था कि कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले हैं. तब विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई.

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'आधी आबादी सिखाएगी सबक'
ऑपरेशन थियेटर में दर्द से कराह रहे मरीजों के सवाल पर हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य कर्मी दिनेश तिवारी ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानती है. तब तक संविदाकर्मियों का हड़ताल जारी रहेगा. वहीं महिला स्वास्थ्यकर्मी चिंतामणि ने कहा कि नीतीश कुमार यदि संविदाकर्मियों की मांगें नहीं मानते हैं, तो आने वाल बिहार विधानसभा चुनाव में आधी आबादी उन्हें सबक जरूर सिखाएगी.

'अभी सामान्य स्थिति नहीं'
जिला के सरकारी अस्पतालों में मचे हाहाकार के बाद सिविल सर्जन जितेन्द्र नाथ ने सभी संविदाकर्मियों से काम पर लौट आने का आग्रह करते हुए कहा कि इस विपदा के घड़ी में इंसानों का जान बचाना स्वास्थ्य कर्मियों का पहला कर्तव्य है. लोगों की सेवा करते हुए भी वह अपनी मांगों को रख सकते हैं. अभी सामान्य स्थिति नहीं है. पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है.

बक्सर: जिले में कोरोना महामारी का प्रसार तेजी से हो रहा है. वहीं दूसरी ओर संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में चीख-पुकार मचने से पूरा इलाका गमगीन है. अस्पताल में संविदा कर्मी नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. वहीं ऑपरेशन टेबल पर दर्द से कराह रहे मरीजों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है.

अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि सुबह से ही इधर-उधर भटक रहे हैं. लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों का कोई पता नहीं चल रहा है. मरीज टेबल पर खून से लथपथ पड़ा हुआ है. उसे देखने वाला कोई नहीं है. आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जब विभाग को पहले ही यह पता था कि कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले हैं. तब विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई.

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'आधी आबादी सिखाएगी सबक'
ऑपरेशन थियेटर में दर्द से कराह रहे मरीजों के सवाल पर हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य कर्मी दिनेश तिवारी ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानती है. तब तक संविदाकर्मियों का हड़ताल जारी रहेगा. वहीं महिला स्वास्थ्यकर्मी चिंतामणि ने कहा कि नीतीश कुमार यदि संविदाकर्मियों की मांगें नहीं मानते हैं, तो आने वाल बिहार विधानसभा चुनाव में आधी आबादी उन्हें सबक जरूर सिखाएगी.

'अभी सामान्य स्थिति नहीं'
जिला के सरकारी अस्पतालों में मचे हाहाकार के बाद सिविल सर्जन जितेन्द्र नाथ ने सभी संविदाकर्मियों से काम पर लौट आने का आग्रह करते हुए कहा कि इस विपदा के घड़ी में इंसानों का जान बचाना स्वास्थ्य कर्मियों का पहला कर्तव्य है. लोगों की सेवा करते हुए भी वह अपनी मांगों को रख सकते हैं. अभी सामान्य स्थिति नहीं है. पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है.

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