बक्सर: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) 8 नवंबर से शुरू हो रहा है. कोरोना काल के बाद पहली बार इस साल गंगा घाटों (Ganaga Ghat) पर छठ पूजा होगी. चार दिवसीय इस महापर्व की तैयारी बक्सर जिला प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी के साथ शुरू कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से अब तक 86 घाटों का चयन किया गया है. जहां पर नगर परिषद और जिला प्रशासन के अधिकारी साफ-सफाई कराने में जुट गए हैं.
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भारत के कई हिस्सों में छठ पर्व का बहुत अधिक महत्व है. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि से हो जाती है. यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है. महिलाएं छठ के दौरान लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. इस दौरान छठ व्रती सूर्य देव को अर्ध्य देकर उनकी पूजा करते हैं.
अगस्त और सितंबर माह में गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण रामरेखा घाट, नाथ बाबा घाट, गोलाघाट समेत दर्जनों ऐसे घाट हैं, जहां चार से पांच फीट तक सिल्ट पक्की सीढ़ियों पर जमा हो गया है. जिसे हटाकर समतल बनाना जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों के लिए चुनौती है. हालांकि इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है. नगर परिषद के अधिकारियों को सात नवंबर से पहले सभी घाटों की साफ-सफाई से लेकर बैरिकेडिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है.
8 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो रहे, चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी में जिला प्रशासन जुट गया है. महापर्व के दौरान गंगा घाट पर उमड़ने वाले जनसैलाब को देखते हुए जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा अब तक कुल 86 सुरक्षित घाटों का चयन किया गया है. वहीं गंगा के बढ़े जलस्तर को देखते हुए घाटों की संख्या बढ़ायी जाएगी. जिससे कि छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. कोरोना महामारी को देखते हुए कोशिश यही रहेगी की ज्यादा से ज्यादा लोग घरों में ही महापर्व मनाएं और जिला प्रशासन का सहयोग करें.
जिलाधिकारी ने कहा कि छठ पूजा की तैयारी के साथ ही साथ 1 नवंबर से नमामि गंगे योजना को जमीन पर उतारने के लिए भी अभियान की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश की 40 प्रतिशत आबादी गंगा नदी पर निर्भर है. सनातन धर्म में जन्म से लेकर मरण तक सभी संस्कार जीवनदायिनी गंगा नदी से जुड़ा हुआ है. हर हिंदुस्तानी का यह कर्तव्य है कि गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में सहयोग करें. नदी में कूड़ा-कचरा नहीं फेंके क्योंकि जल है तभी कल है.
डीएम ने कहा कि छठ व्रत के दौरान लाखों की संख्या में लोग गंगा घाटों पर पहुंचते हैं. जिसको देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाएंगे. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की भी मांग की गई है. जिससे कि गंगा नदी में व्रत के दौरान निरंतर पेट्रोलिंग करायी जा सके. इसके अलावे जिला पुलिस बल और गोताखोरों को भी गंगा घाटों पर नदी में तैनात किया जाएगा. गंगा घाट पर जाने वाले सभी रास्तों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी.
गौरतलब है कि चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी उत्साह है. गंगा घाटों पर साफ सफाई करने पहुंचे स्थानीय लोगों ने भी जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से कराए जा रहे काम पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि, युद्ध स्तर पर काम हो रहा है. बक्सर में उत्तरायणी गंगा के घाटों पर व्रत करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं.
उत्तरायणी गंगा के घाटों पर छठ व्रत करने के लिए बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, उड़ीसा के अलावा नेपाल से भी हजारों छठव्रती बक्सर में पहुंचते हैं. जिसको देखते हुए जिले के तमाम गंगा घाट से लेकर तमाम सड़क मार्गों में प्रकाश की भरपूर व्यवस्था करने से लेकर, सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावे जिला पुलिस बल के जवानों एवं गोताखोरों की नियुक्ति गंगा नदी में की जाएगी. कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए सभी घाटों पर मेडिकल टीम तैनात रहेगी. साथ ही किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में सभी तरह की दवा और बेड की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी.
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