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बक्सर में धान का बंपर उत्पादन, किसान के साथ कृषि वैज्ञानिक भी उत्साहित

बक्सर में इस वर्ष धान की अच्छी पैदावार से किसान के साथ-साथ कृषि विभाग के वैज्ञानिक भी काफी प्रसन्न हैं. समय-समय पर हुई बारिश और बीज की उपलब्धता के कारण किसानों ने इस बार धान की बंपर उत्पादन किया है.

बक्सर में धान का बंपर उत्पादन
बक्सर में धान का बंपर उत्पादन
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Published : Nov 4, 2020, 8:22 PM IST

बक्सर: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जिले में धान की बंपर उत्पादन से कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ ही साथ जिले के किसान भी काफी उत्साहित हैं. कोरोना काल में समय-समय पर 1000 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश और किसानों के परिश्रम के बदौलत कृषि विभाग की ओर से तय किए गए लक्ष्य को भी किसानों ने पार कर दिया.

प्रवासी श्रमिकों ने निभाया अहम भूमिका

लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में बेरोजगार होकर घर आए प्रवासी श्रमिकों ने अपने-अपने गांव में खेती करने की शुरुआत की, जिसके कारण किसानों को आसानी से श्रमिक भी उपलब्ध हो गए. इस कारण कृषि विभाग की ओर से 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन करने का जो लक्ष्य तय किया गया था. उस लक्ष्य को भी किसानों ने पार करते हुए, सिमरी प्रखंड के गंगा दियारा के इलाके में भी धान का उत्पादन इस बार करके असम्भव को संभव बना दिया है.

देखें रिपोर्ट
बारिश किसानों के लिए बना वरदान

अप्रैल महीने से ही बक्सर में शुरू हुई बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई, जिसके कारण किसानों ने रोहिणी नक्षत्र में ही धान की बिचड़ा डालकर, जुलाई महीने के अंत तक समय से पहले ही धान की रोपनी का कार्य पूरा कर लिया था. विभाग से मिली आंकड़ो के अनुसार इस साल जिलां में समय- समय पर 1 हजार मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो किसानों के लिए वरदान साबित हुआ और किसान को खेतों की सिंचाई नही करना पड़ा.

टिड्डियों से फसल बचाना चुनौती

धान की बिचड़ा डालने के बाद टिड्डियों के बढ़ते प्रकोप से धान के बिचड़ा को बचाना किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. उसके बाद भी किसानों ने हार नहीं मानी, समय समय पर कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियो के परामर्श से किसानों ने कीटनाशक का प्रयोग कर इस साल बम्पर धान का उत्पादन किया है.

युद्धस्तर पर धान की कटनी

जिले में धान के कटनी युद्धस्तर पर शुरू हो गई है. खेत में लहलहा रहे फसलों को देखकर किसान भी काफी प्रसन्न है. कहा यह जा रहा है कि, इस वैश्विक महामारी में गिरती अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इस बार देश के किसान अहम भूमिका निभाएंगे, समय से धान की फसल कटने के बाद किसान रबी फसल की बुवाई की तैयारी में है. हालांकि किसी भी प्रखंड में अब तक सरकार रवि फसल की बीज को उपलब्ध नहीं करा पाई है.

क्या कहते हैं अधिकारी

धान के उत्पादन को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी हरगोविंद जायसवाल ने बताया कि, समय-समय पर हुई बारिश और बीज की उपलब्धता के कारण किसानों ने इस बार धान की बंपर उत्पादन किया है. उम्मीद लगाया जा रहा है कि, समय से धान के कटनी होने के बाद रवि फसल की भी बुवाई इस बार समय से हो जाएगी, जिसके कारण रवि फसल का भी उत्पादन बंपर होगा.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पैक्स के माध्यम से धान की खरीदारी का कार्य जिला में शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. देखने वाली बात यह होगी कि, नई सरकार के गठन के बाद किसानों के धान की उपज को बेचने के लिए क्या व्यवस्था किया जाता है.

बक्सर: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जिले में धान की बंपर उत्पादन से कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ ही साथ जिले के किसान भी काफी उत्साहित हैं. कोरोना काल में समय-समय पर 1000 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश और किसानों के परिश्रम के बदौलत कृषि विभाग की ओर से तय किए गए लक्ष्य को भी किसानों ने पार कर दिया.

प्रवासी श्रमिकों ने निभाया अहम भूमिका

लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में बेरोजगार होकर घर आए प्रवासी श्रमिकों ने अपने-अपने गांव में खेती करने की शुरुआत की, जिसके कारण किसानों को आसानी से श्रमिक भी उपलब्ध हो गए. इस कारण कृषि विभाग की ओर से 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन करने का जो लक्ष्य तय किया गया था. उस लक्ष्य को भी किसानों ने पार करते हुए, सिमरी प्रखंड के गंगा दियारा के इलाके में भी धान का उत्पादन इस बार करके असम्भव को संभव बना दिया है.

देखें रिपोर्ट
बारिश किसानों के लिए बना वरदान

अप्रैल महीने से ही बक्सर में शुरू हुई बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई, जिसके कारण किसानों ने रोहिणी नक्षत्र में ही धान की बिचड़ा डालकर, जुलाई महीने के अंत तक समय से पहले ही धान की रोपनी का कार्य पूरा कर लिया था. विभाग से मिली आंकड़ो के अनुसार इस साल जिलां में समय- समय पर 1 हजार मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो किसानों के लिए वरदान साबित हुआ और किसान को खेतों की सिंचाई नही करना पड़ा.

टिड्डियों से फसल बचाना चुनौती

धान की बिचड़ा डालने के बाद टिड्डियों के बढ़ते प्रकोप से धान के बिचड़ा को बचाना किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. उसके बाद भी किसानों ने हार नहीं मानी, समय समय पर कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियो के परामर्श से किसानों ने कीटनाशक का प्रयोग कर इस साल बम्पर धान का उत्पादन किया है.

युद्धस्तर पर धान की कटनी

जिले में धान के कटनी युद्धस्तर पर शुरू हो गई है. खेत में लहलहा रहे फसलों को देखकर किसान भी काफी प्रसन्न है. कहा यह जा रहा है कि, इस वैश्विक महामारी में गिरती अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इस बार देश के किसान अहम भूमिका निभाएंगे, समय से धान की फसल कटने के बाद किसान रबी फसल की बुवाई की तैयारी में है. हालांकि किसी भी प्रखंड में अब तक सरकार रवि फसल की बीज को उपलब्ध नहीं करा पाई है.

क्या कहते हैं अधिकारी

धान के उत्पादन को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी हरगोविंद जायसवाल ने बताया कि, समय-समय पर हुई बारिश और बीज की उपलब्धता के कारण किसानों ने इस बार धान की बंपर उत्पादन किया है. उम्मीद लगाया जा रहा है कि, समय से धान के कटनी होने के बाद रवि फसल की भी बुवाई इस बार समय से हो जाएगी, जिसके कारण रवि फसल का भी उत्पादन बंपर होगा.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पैक्स के माध्यम से धान की खरीदारी का कार्य जिला में शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. देखने वाली बात यह होगी कि, नई सरकार के गठन के बाद किसानों के धान की उपज को बेचने के लिए क्या व्यवस्था किया जाता है.

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