बक्सर: बिहार के बक्सर में कोवैक्सिन की बूस्टर डोज बर्बाद हो गई. दरअसल स्वास्थ्य विभाग कछुए की चाल से चल रहा था, जिस वजह रखी-रखी 2 हजार कोवैक्सीन की बूस्टर डोज एक्सपायर (Corona vaccine wasted in Buxar) कर गई. जिले में मात्र 35 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवायी है. लापरवाही का आलम ऐसा है कि यहां कोविड को लेकर जो जागरुकता फैलाई जा रही है, वो केवल कागजों तक ही सीमित नजर आ रही है. बिहार के बक्सर में कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह से तबाही मचाई थी, उससे वहां के लोगों में दहशत है.
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स्टॉक में पड़ी रही वैक्सीन, कागजों पर ही काम: विभागीय कर्मी से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या में गिरावट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों को केवल कागजों पर ही कोरोना का तीसरा टीका यानी बूस्टर डोज लगाते रहे लेकिन 2022 के दिसम्बर महीने में कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ सेवन (BF7) ने जैसे ही बिहार में दस्तक दी, तो विभागीय अधिकारियो में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में वैक्सीन स्टोर से कोवैक्सिन को निकालकर स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाया गया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी कुछ समझ पाते, उससे पहले ही 31 दिसम्बर 2022 को कोवैक्सिन की 2 हजार बूस्टर डोज एक्सपायर हो गई.
राज्य सरकार के पास वैक्सीन की कमी: कोविड 19 के संक्रमित मरीजो की बढ़ती संख्या को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य सरकार से जिले में वैक्सीन आपूर्ति करने की लगातार मांग की जा रही है लेकिन राज्य सरकार के स्टॉक में कोरोना की वैक्सीन नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मीयो को अब अपनी लापरवाही का ज्ञान हुआ है और वह भी मान रहे हैं कि बूस्टर डोज देने में सुस्ती के कारण 2 हजार डोज एक्सपायर हो गई.
क्या कहते हैं अधिकारी: इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिले में 2 हजार के लगभग कोवैक्सिन की डोज एक्सपायर हुई है. कागजी कार्रवाई पूरी कर इन दवाओं को कम्पनी में वापस की जा रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में किसी भी कंपनी की कोरोना वैक्सीन नहीं है, जिसके कारण 1 जनवरी 2023 से वैक्सीनेशन का काम पूरी तरह से ठप है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने राज्य सरकार से वैक्सीन की मांग की है लेकिन अभी वहां भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
"लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. जिले में शत प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज दीया जा चुका है. 35 प्रतिशत के लगभग जिलेवासियों ने बूस्टर डोज भी ले लिया है" - जितेंद्रनाथ, सीएस, बक्सर
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