बक्सर: केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में जिलाधिकारी अमन समीर ने अचानक पहुंचकर निरीक्षण किया. जिसके बाद अस्पताल में व्यवस्थाओं की परत दर परत कई पोल खुल गई.
दवा काउंटर से शुरू किया निरीक्षण
सदर अस्पताल के मुख्य द्वार से प्रवेश करने के साथ ही जिलाधिकारी अमन समीर दवा काउंटर पर पहुंचे. जहां दवा लेने के लिए हाथों में पर्ची लिए लाइन में लगे एक मरीज की नजर जिलाधिकारी पर पड़ी. उक्त मरीज ने जिलाधिकारी को बताया कि सदर अस्पताल के डॉक्टर हमेशा बाहर की दवा लिख देते हैं. जो किसी खास दुकान पर ही मिलती है, जिससे हम सबको परेशानी होती है. लेकिन डॉक्टर गरीब मरीजों की परेशानी नहीं समझते. इस शिकायत के बाद डीएम ने लापरवाही पर करवाई के निर्देश दिए.
घर पर आराम फरमा रहे थे कई डॉक्टर
सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किए गए महिला और पुरुष पुलिस कर्मी सदर अस्पताल को भगवान भरोसे छोड़कर मोबाइल पर चैट करने में व्यस्त थे. तो कई डॉक्टर ड्यूटी को छोड़ घर पर आराम फरमा रहे थे. इस दौरान जिलाधिकारी ने डायलिसिस सेंटर, प्रसूति वार्ड, कैदी वार्ड समेत अस्पताल के कोने कोने का निरीक्षण किया. कहीं डिलीवरी कराने के लिए पैसों की उगाही की जा रही थी. तो कहीं, मृत पड़े व्यक्ति के शव से उठ रही दुर्गंध से 14 घंटे तक पूरे वार्ड के मरीज परेशान दिखे.
'वार्ड में एक कैदी 14 घंटे से मृत अवस्था में पड़ा हुआ था, जबकि उस वार्ड में अन्य कैदी इलाजरत थे. अगर सभी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन सही से करे तो सदर अस्पताल में बेहतर सुविधा लोगों को दी जा सकती है'- अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर
'जिलाधिकारी द्वारा दिये गए निर्देश को लेकर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने बताया कि जिलाधिकारी ने जो भी निर्देश दिए हैं, उसका पालन किया जाएगा. सभी लोगों को नोटिस भी दिया जा रहा है. कोई भी डॉक्टर सदर अस्पताल से बाहर की दवा नहीं लिखेंगे'- जितेन्द्र नाथ सिविल सर्जन बक्सर
'सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाजरत कैदी बैजनाथ सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान मृत पड़े कैदी के शव के साथ 14 घंटे कैसे बिताए है. उस दृश्य को याद करते ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. 6 बेड के इस वार्ड में शव से उठ रही दुर्गंध के कारण दम घुट रहा था'- बैजनाथ सिंह, मरीज
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर उसी दवा को लिखते है जो अस्पताल में नहीं मिले. साथ ही डिलीवरी के एवज में एनएम और सफाईकर्मियों द्वारा पैसे वसूलने की शिकायत मिली है. वैसे तमाम लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र के सरकारी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं से आये दिनों लोगों को जूझना पड़ता है. मंत्री से स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है.